माटी कोड़े गेली हम आज मटिखनमा / मगही उबटन गीत
माटी कोड़े गेली हम आज मटिखनमा
इयार मोरा पड़लन, हाय जेहलखनमा॥1॥
पियवा के कमइया हम कछु न जान ही।
इयार के कमइया नकबेसर हुई हे ननदो॥2॥
ओही नकबेसर धरी इयार के छोड़यबो।
इयार मोरा पड़लन हाय जेहलखनमा॥3॥
माटी कोरे गेल छिनरो, पार गंगा हे / मगही उबटन गीत
माटी कोरे गेल छिनरो पार गंगा हे।
गजनवटा में चोरवले आयल सोरह गो भतार हे॥1॥
घर के भतार पूछे, कवन-कवन जात हे।
चार गो त जोलहा-धुनिया, चार राजपूत हे॥2॥
चार गो त मुसहर बड़ मजगूत हे।
भले छिनरो, भले कोरे गेल हे॥3॥
कहमाँहि दुभिया जनम गेलइ जी बाबूजी / मगही उबटन गीत
कहमाँहि दुभिया जनम गेलइ जी बाबूजी,
कहमाँहि पसरल डाढ़ हो।1॥
दुअराहिं दुभिया जनम गेलउ गे बेटी,
मड़वाहिं पसरल डाढ़ हे॥2॥
सोनमा ऐसन धिया हारल जी बाबा।
कार-कोचिलवा हथुन दमाद हे॥3॥
कारहिं-कार जनि घोसहुँ गे बेटी,
कार अजोधेया सिरी राम हे॥4॥
कार के छतिया चननमा सोभइ गे बेटी।
तिलक सोभइ लिलार हे॥5॥
कार के हाथ बेरवा सोभइ गे बेटी।
मुखहिं सोभइ बीरा पान हे॥6॥
मथवा में सोभइ चकमक पगड़िया।
गलवा सोभइ मोतीहार हे॥7॥
ऐसन बर के कार काहे कहलऽ।
कार हथिन सिरी राम हे॥8॥
ऊ जे जब रे गोहुम केरे ओबटन / मगही उबटन गीत
ऊ जे जब रे गोहुम केरे ओबटन राई सरसो के तेल, अउरो फुलेल।
से बेटा बइठल ओबटन दुलरइता बइठल ओबटन॥1॥
लगवलऽ मइयो सोहागिन, हाँथ कँगन डोलाय, नयना घुमाए।
से बेटा बइठल ओबटन, दुलरइता बइठल ओबटन॥2॥
लगवल चाची सोहागिन, हाँथ कँगन डोलाय, नयना घुमाय।
से बेटा बइठल ओबटन, दुलरइता बइठल ओबटन॥3॥
लगवल फूआ सोहागिन, हाँथ कँगना डोलाए, नयना घुमाए।
से बेटा बइठल ओबटन, दुलरइता बइठल ओबटन॥4॥
सोना के ढकनी में हरदी परोसल / मगही उबटन गीत
सोना के ढकनी में हरदी परोसल।
उपरे लहलही दूभ हो, सिरवा हरदी चढ़ावे॥1॥
पहिले चढ़ावे बराम्हन अप्पन।
तब सकल परिवार हो, सिरवा हरदी चढ़ावे।
सोना के ढकनी में हरदी परोसन।
उपरे लहलही दूभ हो, सिरवा हरदी चढ़ावे॥2॥
पहिले चढ़ावे बाबा जे अप्पन।
तब सकल परिवार हो, सिरवा हरदी चढ़ावे॥3॥
पहिले चढ़ावे चच्चा जे अप्पन।
तब सकल परिवार हो, सिरवा हरदी चढ़ावे॥4॥
राई सरसों के तेल अवरो फुलेल / मगही उबटन गीत
राई सरसों के तेल अवरो फुलेल, सो बेटा बइठल हइ उबटन।
दादी सोहागिन, हाथ कँगना डोलाय, लुलुहा घुमाय, नयना लड़ाय,
सो बेटा बइठल हइ उबटन॥1॥
राई सरसों के तेल, अवरो फुलेल, सो बेटा बइठल हइ उबटन।
उनकर मइया सोहागिन, हाथ-कँगना डोलाय, लुलुहा घुमाय,
नयना लड़ाय, सो बेटा बइठल हइ उबटन॥2॥
राई सरसों के तेल, अवरो फुलेल, सो बेटा बइठल हइ उबटन।
उनकर चाची सोहागिन, हाथ कँगना डोलाय, लुलुहा घुमाय,
नयना लड़ाय, सो बेटा बइठल हइ उबटन॥3॥
हरियर पट केरा जाजिम झारी बिछावहु हे / मगही उबटन गीत
हरियर पट केरा जाजिम झारी बिछावहु हे।
आयल कुल-परिवार, हरदी चढ़ावहु हे॥1॥
हरदी चढ़ावथी दुलरइता दादा, सँघे दुलरइतो दादी हे।
ताहि पाछे कुल परिवार, से हरदी चढ़ावथी हे॥2॥
कवने रइया हरदी बेसाहल हे / मगही उबटन गीत
कवने रइया हरदी बेसाहल हे।
कवने देई पिसतन लगतउ गे बेटी उबटन॥1॥
दादा रइया हरदी बेसहलन, दादी देइ पिसलन,
लगतउ गे बेटी उबटन, लगतउ गे बेटी तेल-फुलेल॥2॥
कवने रइया हरदी बेसाहल हे।
कवने देइ पिसतन, लगतउ गे बेटी उबटन॥3॥
बाबू रइया हरदी बेसहलन, मइया देइ पिसलन।
लगतउ गे बेटी उबटन, लगतउ गे बेटी तेल फुलेल॥4॥
कहमाँहि हरदी जलम लेले, कहमाँहि लेले बसेर / मगही उबटन गीत
कहमाँहि हरदी जलम लेले कहमाँहि लेले बसेर
हरदिया मन भावे।
कुरखेत हरदी जलम लेले, मड़वा में लेलक बसेर,
हरदिया मन भावे॥1॥
पहिले चढ़ावे बराम्हन लोग, तब चढ़ावे सभलोग,
हरदिया मन भावे॥2॥
ऊँची ए मड़वा छरइह दुलरइते बाबा / मगही उबटन गीत
ऊँची ए मड़वा छरइह दुलरइते बाबा।
ऊँची होतो नाम तोहार हे॥1॥
झारी गलइचा बिछइह दुलरइते भइया।
ऊँची होतो नाम तोहार हे॥2॥
धरती में नजर खिरइह दुलरइते बर।
देखतो नगरी के लोग हे॥3॥
के रे लेल उबटन, के रे लेल तेल / मगही उबटन गीत
के रे लेल उबटन, के रे लेल तेल।
के रे लेल थारी भरी हरदी कस्तूर॥1॥
सेते आवऽ येते आवऽ, बइठऽ, दुलरइता।
लगतो अहो दुलहा, हरदी कस्तूर॥2॥
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