सोहर गीत मगही लोकगीत लिरिक्स Sohar Magahi Geet Lokgeet Lyrics
परथम गनेस पद बंदि के, कुसल मनावहु हे / सोहर मगही गीत
परथम गनेस पद बंदि के, कुसल मनावहु हे।
ललना, बिघन हरन गननायक, सोहर गावहु हे॥1॥
परथम मास जब बीतल, दोसर नियरायल हे।
ललना, तेसर मास जब आयल, चित फरियाल हे॥2॥
चउठा मास चढ़ि आयल, पचमा बितिये गेल हे।
ललना, छठे मास निरायल, गरम जनायल हे॥3॥
सतमा मास जब आयल, अठमा नियरायल हे।
ललना, नवमा मास जब आयल, होरिला जलम भेल हे॥4॥
भादो के रइनी भेयामन, बिजुली चमक उठे हे।
ललना, तेहि छन परगटे नंदलाल, महल उठे सोहर हे॥5॥
चन्नन लकड़ी कटायम, मंगल गायम हे।
ललना, अरबे से दरबे लुटायम, सभ सुख पायम हे॥6॥
सासु के देम तीसी तेलवा, ननद केरा गड़ी तेल हे।
गोतनी के तेल-फुलेत, गोतिनियाँ के देल-लेल हे॥7॥
सासु के देम खटोलवा, ननदी मचोला देम हे।
ललना, गोतनी के लाल पलँगिया, हमहुँ पइँचा लेम हे॥8॥
सासु के देम इयरि-पियरि ननदिया के साड़ी देम हे।
ललना, गोतनी के लहँगा-पटोर, हमहुँ कबहुँ पइँचा लेम हे॥9॥
लिपि पोति अयलो कोठरिया, चननवाँ छिरकि अयलों हे / सोहर मगही गीत
लिपि पोति अयलो कोठरिया, चननवाँ छिरकि अयलों हे।
ए ललना, घुमि फिरि अयलन रघुनन्नन, सेजिया मोहि डँसि देहु हे॥1॥
सोनहिं के मोरा नइहर, ओरियनि,ओलती चुए हे।
ए ललना, सातहिं भइया के हम बहिनियाँ, सेजियवा हम कइसे डाँसब हे॥2॥
एतना बचन राजा सुनलन, सुनहुँ न पवलन हे।
ए ललना, चढ़ि गेलन घोड़े असवार, मधुबन जायब हे॥3॥
एतना बचन धनि सुनलन, सुनहुँ न पवलन हे।
ए ललना, धरि लेलन घोड़े के लगाम, हमहुँ जोउरे जायब हे॥4॥
सोनहिँ के तोरा नइहर, ओरियनि मोती चुए हे।
ए धनि, सातहिँ भइया के तुहूँ बहिनियाँ, कइसे तुहूँ बन जयबो सेजिया डाँसब हे॥5॥
फिरहुँ फिरहुँ ए राजा जी, फेनुकै सेजिया डाँसब हे॥6॥
लिपि पोति अयलो कोठरिया, चननवा छिरकि अयलों हे।
ए ललना, डाँसि जे देलो लाली पलँगिया, सोवहु राजा रघुनन्नन हे॥7॥
कउन बन उपजे हे नरियर, कउन बन उपजे अनार हे / सोहर मगही गीत
कउन बन उपजे हे नरियर, कउन बन उपजे अनार हे।
ललना, कउन बन उपजे गुलाब, तो चुनरी रँगायब हे॥1॥
बाबा बन उपजे हे नरियर, भइया बन अनार हे।
ललना, सामी बन उपजे गुलाब, त चुनरी रँगायब हे॥2॥
से चुनरी पेन्हथिन सुगही, दुलरइतिन सुगही हे।
ललना, पेन्हिए चललन पानी लावे, चुकवन पानी भरे हे॥3॥
बटियन पूछऽ हे बटोहिया, त कुआँ पनिहारिन हे।
ललना, केकर हहु तोंहि बारी-भोरी, कउन भइया के दुलारी हे।
ललना कउन पुरुसवा के नारी, त चुकवा लेइ पानी भरे हे॥4॥
बाबा के हम हीअइ बारी, त भइया के दुलारी हे।
ललना, सामी जी के अलप सुकुमारि, चुकवा सन पानी भरी हे॥5॥
मचिया बइठल तुहूँ सासुजी, सुनहऽ बचन मोरा हे।
ललना, रहिया में मिलल एक रजवा त बदन निहारइ हे।
ललना, बोले लगल बचन कुबोल, करे लगल हाँसी हे॥6॥
कइसन हइ उजे रजवा, कइसन रँग हाथी हे।
ललना, कइसन हकइ महाउत, कहि समुझावहु हे॥7॥
करिया रंग के हथिया से गोरे महाउत हे।
ललना, सुन्नर बदन के जे रजवा से बदन निहारइ हे॥8॥
हँसि-हँसि बोलथिन सासुजी, तुहूँ बहू बोदिल हे।
ललना, रजवा हकइ मोर बेटवा, आयल परदेश करि हे।
ललना, दुअरे बाँधल हकइ हथिया, तोहर परभु आयल हे॥9॥
पोथिया पढ़इते तोहिं परभुजी, त सुनहऽ बचन मोरा हो / सोहर मगही गीत
‘तिलरी राउर मइया पेन्हो, आउर बहिनिया पेन्हो हे।
हो परभुजी, हमहुँ न काली कोयलिया, तिलरिया हमरा ना सोभे हे॥’
पोथिया पढ़इते तोहिं परभुजी, त सुनहऽ बचन मोरा हो।
परभुजी, हमरा झुलनियाँ केरा साध, झुलनियाँ हम पहिरब हो॥1॥
बोलिया तो, अहो धनि, बोललऽ, बोलहुँ न जानलऽ हे।
धनियाँ, कारी रे कोयलिया अइसन देहिया, झुलनियाँ तोरा न सोभे हे॥2॥
बोलिया त, अहो परभु, बोललऽ, बोलहुँ न जानलऽ हे।
परभुजी, कारी के रे सेजिया जनि जइहऽ, साँवर होइ जायेब हे॥3॥
मचिया बइठल तोहिं सासुजी, सुनहऽ बचन मोरा हे।
सासुजी, बरजहुँ अपन बेटवा, सेजिया हमर जनि अवथुन,, साँवर होइ जवथुन हे॥4॥
बहुआ छोरि देहु माँग के सेनुरवा, नयना भरि काजर हे।
बहुआ, बरजब अपन बेटवा, सेजिया तोहर न जयतन हे।
साँवन के सहनइया भदोइया के किच-किच ए / सोहर मगही गीत
साँवन के सहनइया भदोइया के किच-किच ए।
सुगा-सुगइया के पेट, बेदन कोई न जानये हे।
सुगा-सुगइया के पेट, कोइली दुख जानये हे॥1॥
अँगना बहारइत चेरिया, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
चेरिया, मोरा परभु बइठल बँगलवा, से जाइके बोलाइ देहु हे॥2॥
जुगवा खेलइते तोंहों बबुआ, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
बबुआ, रउरे धनि दरदे बेयाकुल, रउरा के बोलाहट हे॥3॥
पसवा त गिरलइ बेल तर, अउरो बबूर तर हे।
ललना, धाइ पइसल गजओबर, कहऽ धनि कूसल हे॥4॥
डाँड़ मोरा फाट हे कसइली जाके, ओटिया चिल्हकि मारे हे।
परभुजी, बारह बरिसे मइया रूसल, सेहो बउँसी लाबह हे॥5॥
मचिया बइठल तोहें मइया, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
मइया, तोर पुतहू दरद बेयाकुल, तोरा के बोलाहट हे॥6॥
तुहूँ त हऽ मोर बबुआ, त रउरो बंसराखन हे।
बबुआ, तोर धनि बचन कुठार, बोलिया करेजे साले हे॥7॥
सउरिया बइठल तोहें धनिया त सुनहऽ बचन मोरा हे।
धनि, बारह बरिस मइया रूसल, कहल नहिं मानये हे॥8॥
लेहु परभु नाक के बेसरिया त मइया के समद दहु हे।
परभुजी, बारहे बरिस चाची रूसल, उनखे समद दहु हे॥9॥
मचिया बइठल तोहे चाची, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
चाची, तोर पुतहू दरद बेयाकुल, तोरा के बोलाहट हे॥10॥
सामन के समनइया तो, भादो के किच-किच हे।
बबुआ, वह हकइ पुरबा से पछेया, जड़इया मोरा लागये हे॥11॥
घड़ी रात गेलइ पहर रात होरिला जलम लेल हे।
ललना, बज लगल अनन्द बधावा, महल उठे सोहर हे॥12॥
अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे।
चेरिया, झट दए बाँटऽन सोंठउरा से होरिला जलम लेल हे॥13॥
कत दिन मधुपुर जायब, कत दिन आयब हे / सोहर मगही गीत
कत दिन मधुपुर जायब, कत दिन आयब हे।
ए राजा, कत दिन मधुपुर छायब, मोहिं के बिसरायब हे॥1॥
छव महीना मधुपुर जायब, बरिस दिन आयब हे।
धनियाँ, बारह बरिस मधुपुर छायब, तोहंे नहिं बिसरायब हे॥2॥
बारहे बरिस पर राजा लउटे दुअरा बीचे गनि ढारे हे।
ए ललना, चेरिया बोलाइ भेद पूछे, धनि मोर कवन रँग हे॥3॥
तोर धनि हँथवा के फरहर,, मुँहवा के लायक हे।
ए राजा, पढ़ल पंडित केर धियवा, तीनों कुल रखलन हे॥4॥
उहवाँ से गनिया उठवलन, अँगना बीचे गनि ढारे हे।
ए ललना, अम्माँ बोलाइ भेद पुछलन, कवन रँग धनि मोरा हे॥5॥
तोर धनि हँथवा के फरहर, मुँहवा के लायक हे।
ए बबुआ, पढ़ल पंडित केर धियवा, तीनों कुल रखलन हे॥6॥
उहवाँ से गनिया उठवलन, ओसरा बीचे गनि ढारे हे।
ए ललना, भउजी बोलाइ भेद पुछलन, धनि मोरा कवन रँग हे॥7॥
तोरो धनि हँथवा के फरहर, मुँहवा के लायक हे।
बाबू, पढ़ल पंडित केर धियवा, तीनों कुल रखलन हे॥8॥
उहवाँ से गनिया उठवलन, सेजिया बीचे गनि ढारे हे।
ए ललना, धनियाँ बोलाइ भेद पुछलन, तुहूँ धनि कवन रँग हे॥9॥
अँगना मोरा लेखे रनबन दुअरा कुँजनबन
ए राजा, सेजिया पर लोटे काली नगिनिया, रउरे चरन बिनु हे॥10॥
समना भदोइया के रतिया, अँगन घहरायल हे / सोहर मगही
समना भदोइया के रतिया, अँगन घहरायल हे।
ललना, बरसेला मोतिया के बूंद तो देखते सोहामन हे॥1॥
सासु जे सुतलन ओसरवा, ननद गजओबर हे।
सइयाँ मोरा रंग-महलिया, त कहिं के जगावहु हे॥2॥
जिरवा के बोरसी भरावल, लौंगिया के पसँघ देल हे।
ललना, चंपा के फुलवा महामँह, देखते सोहामन हे॥3॥
आधि रात बीतलइ, पहर रात, बबुआ जलम लेल हे।
ललना, बाजे लागल अनंद बधावा, महल उठे सोहर हे॥4॥
सासु के भेजबइ नउनियाँ, ननदी घर बैरिन हे।
गोतनी घर रउरे परभु जाहु, महल उठे सोहर हे॥5॥
सासु के देबइन खटियवा, ननदी मचोला देबइन हे।
गोतनी के देबइन पलँगिया, हम धनि पाँव तरे हे॥6॥
सासु लुटवलन रुपइया, ननदी ढेउआ देलन हे।
गोतनी लुटवलन गउआ, गोतिया घर सोहर हे॥7॥
सासु जे उठलन गावइत, ननदी बजावइत हे।
गोतनी जे उठलन बिसमाथल गोतिया घर सोहर हे॥8॥
रुनुक झुनुक बिछिया बाजल, पिया पलँग पर हे / सोहर मगही
रुनुक झुनुक बिछिया बाजल, पिया पलँग पर हे।
ललना, पहरि कुसुम रँग चीर, पाँचो रँग अभरन हे॥1॥
जुगवा खेलइते तोंहे देवरा त, सुनहऽ बचन मोरा हे।
देवरा, भइयाजी के जलदी बोलावऽ, हम दरदे बेयाकुल हे॥2॥
जुगवा खेलइते तोंहे भइया त, सुनहऽ बचन मोरा हे।
भइया, तोर धनि दरद बेयाकुल, तोरा के बोलावथु हे॥3॥
पसवा त गिरलइ बेल तर, अउरो बबूर तर हे।
ललना, धाइ के पइसल गजओबर, कहु धनि कूसल हे॥4॥
डाँर मोर फाटहे करइली जाके, ओटिया चिल्हकि मारे हे।
राजा, का कहूँ दिलवा के बात, धरती मोर अन्हार लागे हे॥5॥
घोड़ा पीठे होबऽ असवार त डगरिन बोलवहु हे॥6॥
हथिया खोलले हथिसरवा, त घोड़े घोड़सार खोलल हे।
राजा, घोड़े पीठ भेलन असवार, त डगरिन बोलावन हे॥7॥
के मोरा खोले हे केवड़िया त टाटी फुरकावय हे।
कउन साही के हहु तोही बेटवा, कतेक राते आयल हे॥8॥
हम तोरा खोलऽ ही केवड़िया त टाटी फुरकावहि हे।
डगरिन, दुलरइता साही के हम हीअइ बेटवा, एते राते आयल हे॥9॥
किया तोरा माय से मउसी सगर पितियाइन हे।
किया तोरा हथु गिरिथाइन कते राते आयल हे॥10॥
न मोरा माय से मउसी, न सगर पितिआइन हे।
डगरिन, हथिन मोर घर गिरिथाइन एते राते आयल हे॥11॥
हथिया पर हम नहीं जायब, घोड़े गिरि जायब हे।
लेइ आबऽ रानी सुखपालक, ओहि रे चढ़ि जायब हे॥12॥
जवे तोरा होयतो त बेटवा, किए देबऽ दान दछिना हे।
जबे तोरा होयतो लछमिनियाँ, त कहि के सुनावह हे॥13॥
डगरिन, जब मोरा होयतो त बेटवा, त कान दुनु सोना देबो हे।
डगरिन, जब होयत मोरा लछमिनियाँ, पटोर पहिरायब हे॥14॥
सोने के सुखपालकी चढ़ल डगरिन आयल हे।
डगरिन बोलले गरभ सयँ, सुनु राजा दसरथ ए॥15॥
राजा, तोर धनि हथवा के साँकर, मुहँवा के फूहर हे।
नहीं जानथू दुनियाँ के रीत, दान कइसे हम लेबो हे॥16॥
काहेला डगरिन रोस करे, काहेला बिरोध करे हे।
डगरिन हम देबो अजोधेया के राज, लहसि घर जयबऽ हे॥17
इयरी पियरी पेन्हले डगरिन, लहसि घर लउटल हे।
जुग-जुग जियो तोर होरिलवा, लबटि अँगना आयब हे॥18॥
कउन बैरिन सेजिया डँसावल / मगही सोहर गीत
कउन बैरिन सेजिया डँसावल, दियरा बरावल हे।
अरे, कउन बैरिन भेजले दरदिया, करेजे मोरा सालय हो॥1॥
चेरिया बैरिन सेज डाँसल, दियरा बरायल हे।
ननद भइया भेजलन दरदिया, दरदे करेजे सालय हे॥2॥
अब नहीं पिया सँग सोयबो, न बबुआ खेलायब हे।
ललना, अब नहीं नयना मिलायब, दरद करेजे साले हे॥3॥
आधी राती गेल, पहर राती, होरिला जलम लेल हे।
ललना, बजे लागल अनन्द बधावा, महल उठे सोहर हे॥4॥
अब हम पिया सँघे जायब, नयन जुड़ायब हे।
ललना, अब हम बबुआ खेलायब, अब हम सहब दुख हे॥5॥
होयते जे बबुआ के बिआह, अउर जग मूड़न हे।
ललना, होयत बबुआ के कनछेदन ननद न बोलायब हे॥6॥
होयते बबुआ केरा बिआह, आउर जग-मूड़न हे।
ललना, होयत बबुआ के कनछेदन, अपने से आयम हे॥7॥
अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे / मगही सोहर गीत
अँगना बहारइत चेरिया त सुनहऽ बचन मोरा हे।
चेरिया, बबुआ जी के पारु न हँकरवा, महलिया में कुछो काम हे॥1॥
पोथिया जे बिगलन बबुआ दुअरवे पर, अवरो दलनवा पर हे।
मचिया बइठल तुहूँ भउजी, त सुनहऽ बचन मोरा हे॥2॥
भउजी, कउची महलिया कुछो काम, त हमरा बोलावल जी।
बबुआ, भइया जी के पारु न हँकरिया, त दरदे बेयाकुल जी॥3॥
भइया, रउरा महलिया त कुछो काम, भउजी बोलावले जी।
पसवा त फेंकलन परभु जी बेलवा तरे, अउरो बबूर तरे हे।
भनसा पइसल तुहूँ धनियाँ, कउन काम हमरा बोलऽवलऽ जी॥4॥
डाँर मोरा फाटे करइले जोगे, ओटिया चिल्हकि मारे हे।
सामी, लामी-लामी केसिया भसम लोटे, धरती अन्हार लागे हे॥5॥
अतना बचनियाँ परभु जी सुनलन, त देबी जी मनावन चललन हे।
देबी जी, तिरिया पर होहु न सहइया, अब न तिरिया पास जइबो हे॥6॥
पहिले जे धनियाँ मोरा महितऽ, त अउरो में चूमि लेती हे।
धनियाँ, मगही ढोली पनवा चभइती,त जँघिया बइठइती हे।
धनियाँ, लाली रे रजइया हम ओढ़उती, त कोरबा ले के सुतती हे॥7॥
मचिया बइठल तुहूँ सासु, त सुनहऽ बचन मोरा हे / मगही सोहर गीत
मचिया बइठल तुहूँ सासु, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
सासु, सपन देखलूँ अजगूत, बालक एक सुन्नर हे॥1॥
चुप रहुँ चुप रहुँ, पुतहू, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
पुतहू सुनि पइँहें गँमवा के लोग करतइ उपहाँस तोरो हे॥2॥
आज हकइ सोने के रात, बबुआ एक जलम लेता हे।
पुतहू, आज चानी केरा रात, होरिलवा जलम लेता हे॥3॥
घड़ी रात बीतल पहर रात, अउरी अधिए रात हे।
ललना, जलम लिहल नंदलाल, महल उठे सोहर हे॥4॥
सासु मोरा उठलन गवइत, ननद बजइवत हे।
ललना, सामीजी त मालिन फुलवरिया, मालिन सँग सारी खेलथ हे॥5॥
ऐहो एहो राजा दुलरइता राजा, सुनहऽ बचन मोरा हे।
राजा, तोहरा के भेलो नंदलाल, महल उठे सोहर हे॥6॥
पसवा त गिरलइ बेल तर, कउरिया बबूर तर हे।
राजा, चलि भेलन अपन महलिया, महल उठे सोहर हे॥7॥
कोठे चढ़ि देखथिन दुलरइतिन, झर रे झरोखे लगी हे।
चेरिया, आज रे उजाड़ी देहीं बगिया, त फूल छितराइ देहीं हे॥8॥
महल में जुमलइ मलिनियाँ, त कर जोड़ी खाड़ा भेलइ हे।
रानी, काहे लागी उजड़हइ बगिया, त काहे लागी फूल छितरहइ हे॥9॥
काहे लागी बाँधहहु मलिया, त काहे लागी लोर-झोर हे।
रानी, बरजहु अपन कोठीवाल, बगिया मत सून करूँ हे॥10॥
मैं तोरा पूछूँ मलिनियाँ, त सुनहऽ बचन मोरा गे।
मालिन, कइसे कइसे कयलें बिलास, मोरा के समुझाय देंही गे॥11॥
रसे-रसे बेनियाँ डोलौलूँ, आउ फूल छितराउलूँ हे।
रानी, भउँरे रूपे राजा उहाँ गेलन, सभे रस चूसि लेलन हे॥12॥
कथि केर खटोलवा त कथि केर ओरहन हे / मगही सोहर गीत
कथि केर खटोलवा त कथि केर ओरहन हे।
ललना, सेहो चढ़ि धानि वेदनायली, वेदने बेयाकुल हे॥1॥
चनन कोरा खटोलवा, त रेसम के ओरहन हे।
सेहो चढ़ि धानि वेदनायली, बेदने बेयाकुल हे॥2॥
आन दिन सुतलऽ एके सेज, बहर सिरहाना कयले हे।
धानि हे, आज काहे सुतलऽ दोसर सेजिया, परभु से बयर कयलऽ हे॥3॥
काँचहि बँसवा कटायब, खटोला बिनायब हे।
पिया से लड़िए झगड़ि करि बेदना बँटायब हे॥4॥
टोला परोसिन के माय, तुहुँ मोर बहिनी ही हे।
मइया, सब मिलि धनि परबोधऽ, कहि समुझावऽ हे॥5॥
तोर धनि दिनमा के थोरी, बयसवा के भारी हथु हे।
बबुआ, जबो घर होयतो नंदलाल, करिहऽ पनचाइत हे।
जबे घर होयतो होरिलवा तबही परबोधब हे, कहि के बुझायब हे॥6॥
एक धनि अँगवा के पातर पिया के सोहागिन हे / मगही सोहर गीत
एक धनि अँगवा के पातर पिया के सोहागिन हे।
ललना, दोसरे, दुआरे लगल ठाढ़, काहे भउजी आँसू ढारे हे॥1॥
तुंहूँ त हहु, भउजो, अलरी से, भइया के दुलरी हे।
काहे भउजी लगल दुआर, काहे रे भउजी आँसू ढारे हे॥2॥
तुहूँ त हहु बबुआ देवर, मोर सिर साहेब जी।
बबुआ, तोरो भइया देलन बनवास, से एक रे पुतर बिनु हे॥3॥
लेहु न लेहु भउजी सोनमा, से अउरो चानी लेहू हे।
भउजी, मनवहु आदित भगमान, पुतर एक पायब हे॥4॥
मनवल आदित भगमान, से होरिला जलम लेल हे।
जुग-जुग जिअए देवरवा जे मोरा गोदी भरि देल हे॥5॥
कहँमा हि लेमुआ के रोपब, कहमा अनार रोपब हे / मगही सोहर गीत
कहँमा हि लेमुआ के रोपब, कहमा अनार रोपब हे।
कहँमाहि रोपब नौरंगिया, से देखि-देखि जीउ भरे हे॥1॥
अँगनाहि रोपबइ से लेमुआ, खिरकी अनार रोपब हे।
दरोजे पर रोपबइ नौरंगिया, से देखि-देखि जीउ भरे हे॥2॥
लटकल देखलूँ लेमुआ त, पकल अनार देखलूँ हे।
गोले गोले देखलूँ नौरंगिया, जचा रे दरद बेयाकुल हे॥3॥
समना भदोइया केरा रतिया, त हारिला जलम लेलन हे।
बजे लागल अनन्द बधाबा त महल उठे सोहर हे॥4॥
कउन बन फूलहइ गुलबवा त कउन बन कुसुम रँग हे।
कउन देइ के रँगतइ चुनरिया, त देखते सोहावँन हे॥5॥
कुंज बन फूलहइ गुलबवा त कुरखेत कुसुम फूलइ हे।
सुगही के रँगब चुनरिया, त देखत सोहावँन हे॥6॥
पहिला दरद जब आयल, सासु गोड़ लागले हे / मगही सोहर गीत
पहिला दरद जब आयल, सासु गोड़ लागले हे।
सासु, अब न करम अइसन काम, दरद अँग सालइ हे॥1॥
दोसर दरद जब उठल, ननदी गोड़ लागल हे।
ननदी, अब न जयबइ सामी सेज, दरद हिया सालइ हे॥2॥
तेसर दरद जब उठल, होरिला जलम लेल हे।
बजे लागल अनन्द बधइया, महल उठे सोहर हे॥3॥
पहिला दरद जब आयल सासु के बोलबल हे / मगही सोहर गीत
पहिला दरद जब आयल सासु के बोलबल हे।
सासु, मिलि लेहु बाड़ा छछन से, बाड़ा ललक से हे॥1॥
अब सोंठ पीपर नहीं पीबो, पियरी ना पेन्हबो हे।
पिया के सेज न जायबो, पिया के सुध लीहट तूँहीं॥2॥
दूसरा बेदन जब आयल, गोतनी के बोलावल हे।
गोतनी, मिलि लेहु बाड़ा छनन से, बाड़ा ललक से हे॥3॥
अब सोंठ पीपर नहीं पीबो, पियरी ना पेन्हबो हे।
पिया के मुँह न देखबो, पिया मन बोधिहऽ तूंहीं॥4॥
तेसरा बेदन जब उठल, ननद के बोलावल हे।
ननदो, मिलि लेहु बाड़ा छछन से, बाड़ा ललक से हे॥5॥
अब सोंठ पीपर नहीं पीबो, पियरी न पेन्हबो हे।
पिया सँग अब न सुतबों, सुतिहऽ अब तूँहीं॥6॥
चउठा दरद जब आयल, जलमल नंदलाल हे।
अब त सासु हम जीली छछन से, जीली ललक से हे॥7॥
अब सोंठ पीपर हम पीबो, पियरी हम पेन्हबो हे।
अब पिया पास हम जयबो, पिया के बोला देहु हे॥8॥
आठ सयँ बाजन मोरा नइहर बाजे, आठ सयँ सासुर हे / मगही सोहर गीत
आठ सयँ बाजन मोरा नइहर बाजे, आठ सयँ सासुर हे।
ललना, सोरह सयँ बजर दरबजवा, अलबेला नहीं जागए हे॥1॥
कतेक नीन सोव हऽ तू साहेब, अउरू सिर साहेब हे।
चूरी फेंकि मारली, नेपुर फेंकि, अउरो कँगन फंेकि हे।
सोरहो आभरन फेंकि मारली, अलबेला नहीं जागल हे॥2॥
हम तो जनली रामजी बेटा देतन, बेटिया जलम लेलक हे।
ललना, सेहो सुनि सासु रिसियायल, अउरो गोसियायल हे।
सासुजी, तरबो चटइया नहीं दीहलन, पलँग मोर छीनि लेलन हे॥3॥
हम तो जनली राम बेटा देतन, बेटिया जलम लेलक हे।
सेहो सुनि परमु रिसियायल, मुँहो नहीं बोलल हे॥4॥
ननदी मोरा गरियाबए, गोतनी घुघुकावय हे।
एक डगरिनियाँ मोर माय, जे कोर पइसी बइठल हे॥5॥
हम त जनली रामजी बेटा देतन, बेटिया जलम लेलक हे।
सेहो सुनि ससुर जी रोसायल, आउर गोसायल हे।
सोंठवा हरदिया न कीन लयलन, मुँहवा फुलायल हे॥6॥
सभवा बइठल तोहे बाबू साहेब, अउरी सिर साहेब हे / मगही सोहर गीत
सभवा बइठल तोहे बाबू साहेब, अउरी सिर साहेब हे।
साहेब, मोर नइहर लोचन पठइती, तो बाबू जी अनन्द होइतन हे॥1॥
बाबूजी होयथीं अनदंे मन, मइया हरखि जयतइ हे।
बहिनी के जुड़ा जयतइ छतिया, भइया मोर हुलसि जायत हे॥2॥
मोर पिछुअरवा नउआ भइया तोही मोर हित बसे हे।
नउआ, चली जाहु हमर ससुररिया, दुलरइतिन देइ के नइहर हे॥3॥
कहाँ के हहु तोंहि हजमा, त केकर पेठावल हे।
ललना, कउन बाबू के भेल नंदलाल, लोचन लेइ आवल हे॥4॥
कवन पुर के हम हीअइ नउआ, कवन बाबू पेठावल हे।
ललना, कवन बाबू के भेलइन नंदलाल, लोचन लेइ आवल हे॥5॥
लेहु हो नउआ, तूं साल अउ दोसाला लेहु हे।
नउआ, लेहु तोंहि पटुका पटोर लहसि घर जाहुक हो॥6॥
मइया, जे हमर दुलरइतिन मइया, सुनहट बचन मोर हे।
मइया, अइसन भेजिहऽ पियरिया, कि देखि के हिरदय साले हे॥7॥
भउओ, जे हमरो दुलरइतिन भउजो, सुनहट वचन मोरा हे।
भउजो, अइसन भेजिह सोंठउरवा,
जे गोतनी के हिरदय साले हे॥8॥
हम तोंही पूछही दुलारी धनी, अउरो अलारी धनी हे / मगही सोहर गीत
हम तोंही पूछही दुलारी धनी, अउरो अलारी धनी हे।
ललना, कउन कउन रँग तोरा भाबे, त कहिके सुनाबहु हे॥1॥
अमवा जे फरलइ घउद सूर्य, इमली झबद सयँ हे।
परभु जी, नरियर फरले बहुत सूर्य, ओही मोरा मन भावे हे॥2॥
हम तोंही पूछही दुलारी धनी, अउरो अलारी धनी हे।
कउन तोरा अभरन भावे, से कही के सुनाबहु हे॥3॥
साड़ी मोरा भाव हे कम त, ललसवा कुसुम रँग चूनर हे।
ललना, चोली मन भावे हे साटन फूल, आउ जे नई भावे हे॥4॥
हम तोंही पूछही अलारी धनी, अउरो दुलारी धनी हे।
ललना, कउन रंग सेजिया तो भावए, कहि के सुनाबहु हे॥5॥
सोनन के चारो पउआ, रेसम लागल डोरिये हे।
पिया, मन भाव हे रंगल सेजिया, होरिला बिनु नहीं सोभे हे॥6॥
ओते सुतूँ, ओते सुतूँ राजा बेटा, अउरो साहेब बेटा हे।
ललना, बड़ा रे जतन के होरिलबा, पसेना चुए लागल हे॥7॥
चुए देहु, चुए देहु पसेनवाँ, से कुरता सियायब हे॥8॥
कहाँ से दरजी बोलायब, कहाँ रे कलीगर हे।
ललना, कइसन कुरता सिलायब, बाबू पहिरायब हे॥9॥
पटना से दरजी बोलायब, गाया के कलीगर हे।
ललना, हरियर कुरता सिलायब, बाबू पहिरायब हे॥10॥
ढेरिया जे सोभले गेहमा केरा, चउखट चनन केरा हे / मगही सोहर गीत
ढेरिया जे सोभले गेहमा केरा, चउखट चनन केरा हे।
ए ललना, बहुआ जे सोभले गोदी में, होरिलवा लेले हे॥1॥
दुअरे ही बाजे बजनियाँ, अँगना मदागिन बेटी हे।
ए ललना, ओबरी में नाचे ननद रानी, कँगनवाँ हम बधइआ लेबो हे॥2॥
बजनियाँ के देबइ सोने बजवा, मदागिन बेटी कंचन-थारी हे।
ए ललना, ननद रानी ला बेसरि गढ़इबो, कँगनवसाँ नहीं बधइया देबो हे॥3॥
सासु के देबइन करुआ तेल, ननदी के तीसी के तेल हे।
ए ललना, गोतनी के देबइन चमेली तेल, हम गोतनी पाँइच हे॥4॥
सासु के देबइन खटोलवा, त ननदो के मचोलवा देबइन हे।
ए ललना, गोतनी देबइन पलँगवा, हम गोतनी पाँइच हे॥5॥
सासु के देबइन धनइया भारत, ननदो के कोदइया भात हे।
ए ललना, गोतनी के देबइन बसमतिया भात, हम गोतनी पाँइच हे॥6॥
सासु के देबइन रहरी दाल, ननदो अँकटी दाल हे।
ए ललना, गोतनी के देबइन मूँग दाल, हम गोतनी पाँइच हे॥7॥
सासु के देबइन सोंठउरा, ननदो के धँधउरा हे।
ए ललना, गोतनी के देबइन लड्डू, हम गोतनी पाँइच हे॥8॥
सासु के देबइन चाउर के हलुआ, ननदी खँखोरी देबो हे।
ए ललना, गोतनी के देबइन सुज्जी के हलुआ, हम गोतनी पाँइच हे॥9॥
सासु जे उठलन गावइत, ननद बजावइत हे।
ए ललना, गोतनी उठलन बिसमादल, गोतिया घरवा सोहर हे॥10॥
सासु लुटवलन रुपइया, त ननदो असरफी हे।
ए ललना, गोतनी लुटवलन छेदमवाँ, हम मुरछाइ गिरली हे॥11॥
सभवा बइठल रउरा परभुजी, सुनहऽ बचन मोरा जी।
परभुजी, गोतनी लुटवलन छेदमवाँ, त हम मुरछाइ गिरली हे॥12॥
चुप रहु, चुप रहु धनियाँ, तुहूँ चधुराइन हे।
ए धनियाँ, उनको जे होतइन होरिलवा, छेदमवाँ उनका फेर दीह हे॥13॥
दँतवा लगवलूँ हम मिसिया, नयन भरि काजर हे / मगही सोहर गीत मगही
दँतवा लगवलूँ हम मिसिया, नयन भरि काजर हे।
डंटी भर कयलूँ सेनुरबा, बिंदुलिया से साटि लेलूँ हे॥1॥
सेजिया बिछयलूँ हम अँगनमा से फूल छितराइ देलूँ हे।
रसे-रसे बेनिया डोलयलूँ, बलम गरे लागलूँ हे॥2॥
हम नहीं जानलूँ मरमिया से सुखे नीने सोइलूँ हे।
रसे-रसे मुँह पियरायल, जीउ फरियायल हे॥3॥
आयल मास असाढ़ से दरद बेयाकुल हे।
अँगनो न देखियइ बलमु जे, कइसे बचत बाला जीउ हे॥4॥
ओने से अयलन ननदिया, बिहँसि बोल बोलथि हे।
भउजो तोरो होतो आजु नंदलाल लहसि सोहर गायब हे॥5॥
हाथ में लेबो कँगनमा गले मोहरमाला लेबो हे।
पेन्हें के लेबो हम पीताम्बर, लहसि सोहर गायब हे॥6॥
हम जे जनतों एतो पीरा होयतो, अउरो दरद होयतो हे।
भुलहुँ न सामी सेज जइतूँ, न बेनियाँ डोलयतूँ हे॥7॥
आधी रात बीतलइ, पहर राती अउरो पहर राती हे।
जलमल सीरी भगमान, महल उठे सोहर हे॥8॥
पाँच-पाँच पनवाँ के बिरवा त बिरवा सोहामन जी / मगही सोहर गीत
पाँच-पाँच पनवाँ के बिरवा त बिरवा सोहामन जी।
अजी ननद, एहो बिरवा भइया जी के हाथे त मैया के मनावहु जी॥1॥
कि अजी भउजी, नाउन, कि अजी भउजी, भाँटिन।
कि अजी भउजी, तोरा बाप के चेरिआ जी॥2॥
न एजी ननद, नाउन, न एजी ननद, भाँटिन।
न एजी ननद, मोरा बाप के चेरिया जी।
अजी ननद, मोरा प्रभु जी के बहिनी, ननद बलु लगबऽ जी॥3॥
जुगवा खेलइते भइया, बेलतेरे, अउरो बबुरतरे जी।
अजी भइया, प्राण पेयारी मोर भउजिया, त केसिया भसमलोटे जी॥4॥
जुगवा छोरलन राजा बेलतरे, अउरो बबुरतरे जी।
कि अरे लाला, भाई चलले, गजओबर, कहू जी धनि कूसल हे॥5॥
लाज सरम केरा बात, कहलो न जाय, सुनलो न जाय।
कि अजी प्रभु, मरलों करमवा के पीरा त ओदर चिल्हकि मारे हे॥6॥
कहितऽ त अजी धनियाँ, जिरवा के बोरसी भरइतों, लवँगिया के पासँघ जी।
कहितऽ त अजी धनियाँ, अपन अम्माँ के बोलइतों, रतिया सोहानन जी॥7॥
कहितऽ त अजी धनियाँ, सोए रहूँ, अउरो बइठि रहूँ।
अजी धनि, मानिक दीप बरएबों त रतिया सोहावन जी॥8॥
न कहुँ अजी प्रभुजी, सोए रहु, न कहुँ बइठि रहु।
अजी प्रभु, बुति जइहें मानिक दीप, रतिया भेयावन जी॥9॥
बुति जइहें जीरवा के बोरसी, लवंगिया के पासँघि जी।
अजी प्रभु, सोए जइहें तोहर अम्माँ, त रतिया भेयावन जी॥10॥
हम त जनति धनि, बिरही बोलित, अउरो बिरही बोलित जी।
अजी धनि, लरिके मैं गवना करइती, विदेस चलि जइती, बिरही नहीं सुनती जी॥11॥
सासु जे गेलन दाल दरे हे, ननद जे गेलन पानी भरे / मगही सोहर गीत
सासु जे गेलन दाल दरे हे, ननद जे गेलन पानी भरे।
हमें प्रभु छेकलन डेउढ़िया, अब धनि असगर हे॥1॥
सासु जे अयलन दाल दर के, ननद जे अयलन पानी भर के हे।
बहुआ, काहे तोर मुँहवा पियरायल, देह दुबराएल हे॥2॥
लाज सरम के बात सासु कहलो न जाय, सुनलो न जाय।
सासुजी, तोहर बेटा छेकलन डेउढ़िया, त बहियाँ मुरूकि गेल हे॥3॥
जब हम जनती धनि कि लउरी बारी, अउरो दुलारी बारी।
लरिके में गवना करइती, बिदेस चलजइती बिरहिआ नहीं सुनती हे॥4॥
पियवा, हो पियवा, तू ही मोरा साहेब हो पियवा / मगही सोहर गीत
पियवा, हो पियवा, तू ही मोरा साहेब हो पियवा।
पियवा, जे बघिया एक लगइत, टिकोरवा हम चखती हो॥1॥
धनियाँ, हे धनियाँ, तूहीं मोरा सुन्दर हे धनियाँ।
धनियाँ, बेटवा जे एक बियइतऽ सोहरवा हम सुनती हे॥2॥
बेटवा जे होअ हे करम से जे ऊ राम बूझथ हे।
बघिया जे होअ हे आदमी से, आउर मानुस से॥3॥
ओरिया काटि नेहयलन, सुरूज गोड़वा लगलन हे।
हमें पर आदित होअ न देआल, पियवा मोरा ओलहन हे॥4॥
आधी राति गइले, पहर राति, होरिल जलम ले ले हे॥5॥
अँगना बहारइत चेरिआ, सुनहु बचन मोरा हे।
चेरिया, प्रभुजी के सेजिया डँसाव त पियवा सुनिहें सोहर हे॥6॥
कउन बाबू के बगिया लगावल, जलथल हरियर हे / मगही सोहर गीत
कउन बाबू के बगिया लगावल, जलथल हरियर हे।
ललना, कवन बाबू हथि रखवार, कउन चोर चोरी कयलन हे॥1॥
बाबा मोरा बगिया लगावल, जलथल हरियर हे।
ललना, मोरा भइया हथि रखवार, साहेब चोर चोरी कयलन हे॥2॥
एक फर तोड़ले दोसर फर, अउरो तेसर फर हे।
ललना, जागि पड़ल रखवार, दउना डारे बाँधल हे॥3॥
सोबरन के साँटी चोरवा के मारल, रेसमे डोरो बाँधल॥4॥
घरवा से इकसल जचा रानी, इयरी पियरी पेन्हले हे।
गोदिया में सोभइ एगो बालक, नयन बीच काजर हे॥5॥
भइया हमर बीरन भइया, सुनहु बचन मोरा हे।
भइया, चोरवा हइ सुकुमार फुलुक डोरी बाँधिहऽ, सोबरन साँटि छुइह हे॥6॥
पियवा, त पियवा से पातर पियवा, सुनहु बचन मोरा हे / मगही सोहर गीत
पियवा, त पियवा से पातर पियवा, सुनहु बचन मोरा हे।
पियवा, एक पेड़ अमवा लगवतऽ त फलवा हम खइती हे॥1॥
धनिया, जे तुहुँ सुघरि धनिया, सुनहु वचन मोरा ए।
धनिया, एक तुहुँ बेटवा पझइतऽ त सोहर हम सुनती हे॥2॥
उठि उठि चलि भेलन बिपर धरे, अउरो से विपर धरे हे।
विपर, तोहरे चरन धोइए पीयबो, पुतर एक होयतो हे॥3॥
पुरुब के चनमा पछिम होय, सुरुज पछिम उदे हे।
बहुआ तरसि तरसि जीउ जयतो, पुतर कहाँ पयबऽ हे॥4॥
उहँउ से चलि भइली सासु लगे, अउरो से सासु लगे हे।
सासुजी, रउरेहुँ चरन धोइ पीयबो, पुतर एक होयतो हे॥5॥
पुरुब के चनमा पछिम होय, सुरुज पछिम उदे हे।
बहुआ तरसि तरसि जीउ जयतो, पुतर कहाँ पयबऽ हे॥6॥
उहँउ से चलि भेलन गोतनी से, अउरो गोतनी लगी हे।
गोतनी रउरे चरन धोइ पीतूँ, पुतर एक होयतो हे॥7॥
पुरुब के चनमा पछिम होय, सुरुज पछिम उदे हे।
बहुआ, तरसि तरसि जीउ जयतो, पुतर कहाँ पयबऽ हे॥8॥
उहँउ से चललन ननदी लगी, अउरो ननदी लगी हे।
ननदी तोहरो चरन धोइ पीयबो, पुतर एक होयतो हे॥9॥
पुरुब के चनमा पछिम होय, सुरुज पछिम उदे हे।
भउजो, तरसि तरसि जीउ जयतो, पुतर कहाँ पयबऽ हे॥10॥
नहाइ-धोआइ ठाढ़ा भेल सुरुज गोड़ लागल हे।
सुरुज, हम पर होअन देयाल, पिया हो ताना मारल हे॥11॥
आधी रात गयली पहर रात, अउरो पहर राती हे।
बीचे राती ललना जलम भेल, महल उठे सोहर हे॥12॥
आबह बिप्र आबह चउकि चढ़ि बइठह हे।
तोहरे कहल नंदलाल, तोहर गोड़ पूजब हे॥13॥
आवह सासु, तूँ आवह, जाजिम चढ़ि बइठह हे।
तोहरे कहल नंदलाल, तोहर पाँव पूजब हे॥14॥
आवह गोतनी, तूँ आवह, मचिया चढ़ि बइठह हे।
तोहरे कहल मोरा लाल, तोहरो पाँव पूजब हे॥15॥
आवह ननदो, तूँ आवह, चटइया चढ़ि बइठह हे।
तोहरे कहल मोरा लाल, तोहरो पियरी पहिरायब हे॥16॥
कोठरिया जे लिपली ओसरा से अउरो देहरिया से / मगही सोहर गीत
कोठरिया जे लिपली ओसरा से अउरो देहरिया से।
ललना, तइओ न चुनरिया मइल भेल, एक रे होरिलवा बिनु॥1॥
नइहर में दस सै भइया अउरो भतीजा हवे हेऽ।
ललना, तइओ न नइहर सोहावन लगे, एक रे मइया बिनु॥2॥
ससुरा में दस सै ससुर अउरो देवरा हेऽ।
ललना, तइओ न ससुरा सोहावन लगे, एक रे पुरुखवा बिनु॥3॥
देहिया में दस सै सारी अउरो चोली हेऽ।
ललना, तइओ न देहिया सोहावन लगे एक रे होरिलवा बिनु॥4॥
मचिया बइठली तोंही मइया, त सुनहऽ बचन मोरा हे / सोहर गीत मगही
मचिया बइठली तोंही मइया, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
मइया, हमहूँ लीपलियइ त सउर, हमहूँ कछु दान चाही हे॥1॥
सउरी पइसल तोंहे बहुआ, त सुनहऽ बचन मोर हे।
बहुआ, देइ देहु नाक के बेसरिया, दुलारी धिया पाहुन हे॥2॥
एतना बचन जब सुनलन, सासु से अरज करे हे।
सासुजी हम कहाँ पयबो बेसरिया, बेसरिया हेराइ गेल हे॥3॥
जुगवा खेलइते तोंहे भइया, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
भइया हमरा के दान किछु चाही, सउर हम लीपलि हे॥4॥
एतना बचन जब सुनलन, धनि से कहे लगलन हे।
धनि देइ देहु नाक के बेसरिया, बहिन घर पाहुन हे॥5॥
एतना बचन जब सुनलन, परभु से अरज करे हे।
परभुजी, कहाँ हम पायब बेसरिया, बेसरिया भुलाई गेल हे॥6॥
चुप रहु, चुप रहु बहिनी, त बहिनी दुलारी बहिनी हे।
कर लेबो दोसर बिआह, बेसर पहिरायब हे॥7॥
एतना बचन जब सुनलन, सुनहु न पावल हे।
परभुजी, मत करू दोसर बिआह, बधइया हम देइ देवइ हे॥8॥
ननदी भौजइया मिलि पनिया के चलली, जमुन दह हे / सोहर गीत मगही
ननदी भौजइया मिलि पनिया के चलली, जमुन दह हे।
ननद, जब होतो मोरा नंदलाल, बेसर पहिरायब हे॥1॥
देबो मैं देबो तोरा ननदो हे, भइया के पियारी हहु हे।
ननद, जब होतो मोरा नन्दलाल, बेसर पहिरायब हे॥2॥
आधी रात बितलइ पहर रात, होरिला जनम लेलन हे।
भउजो, अब भेलो तोरा नंदलाल, बेसर पहिराबहु हे॥3॥
कहली हल हे ननद, कहली हल, भइया के दुलारी हहु हे।
ननद, नइ देबो तोहरा के बेसर, बेसरिया नइए देबो हे॥4॥
सभवा बइठल तोहें बाबूजी, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
बाबूजी, तोर पुतहू कहलन बेसरिया, बेसरिया दिलाइ देहु हे॥5॥
सउरी पइसल तुहूँ पुतहु न, सुनहऽ बचन मोरा हे।
पुतहु, देइ देहु नाक के बेसरिया, त बेटी घर पाहन हे॥6॥
नइ देबइ, नइ देबइ, नइ देबइ, हम नकबेसर हे।
बाबूजी, बेसर मिलल हे दहेज, बेसरिया नइए देबइ हे॥7॥
पोथी पढ़इते तुहूँ भइया, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
भइया, तोर धनि कहलन बेसरिया दिलाइ देहु हे॥8॥
सउरी पइसल तुहुँ धनियाँ, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
धनि, देइ देहु अपन बेसरिया, बहिनी घर पाहुन हे॥9॥
नइ देबइ, नइ देबइ, नइ देबइ, नइ नकबेसर हे।
प्रभु हम कहाँ पयबो बेसरिया, बेसरिया हेराय गेलो हे॥10॥
चुप पहु, चुप रहु बहिनी, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
बहिनी, करबो में दोसर बिआह, त बलका पोसाय देहु हे॥11॥
लगे देहीं हाजीपुर बजरिया, बेसर हम लाइ देबो हे।
बहिनी, इनखा के देबइन बनवास, से चुप रहु, चुप रहु हे॥12॥
एतना बचन जब सुनलन, सुनहुँ न पावल हे।
धनि, नकिया से काढ़ि के बेसरिया भुइयाँ फंेकि देलन हे॥13॥
लेइ जाहु, लेइ जाहु, लेइ जाहु मोर नकबेसर हे।
ननदो, बनि जाहु मोर सउतिनियाँ, जे घर से निकासल हे॥14॥
काहे लागी लेबो बेसरिया, बेसरिया तोहरे छाजो हे।
भउजो, जीये मोर भाइ भतीजवा, उगल रहे नइहर हे।
काहे लागी दोसरा बिआह करबऽ, काहे लागी बेसर हे।
भइया, लेइ तोर रोग-बलइया हमहीं जइबे सासुर हे॥16॥
पलंग सुतल तोहे पियवा, और सिर साहेब हे / सोहर गीत मगही
पलंग सुतल तोहे पियवा, और सिर साहेब हे।
पियवा बगिया तू एगो लगइत, टिकोरवा हम चिखती हे॥1॥
पलंग सुतल तोंहे धानी, त सुनहऽ बचन मोरा हे।
धानी, तुहुँ एगो बेटवा बियतऽ सोहर हम सुनती हे॥2॥
एतना बचन जब सुनलन, सुनहु न पवलन हे।
धनि, सुतलन गोड़े-मुड़े तान सुतल गज ओबर हे॥3॥
मोर पिछुअरबा सोनार भइया, तोही मोरा हित बसे हे।
भइया, धनियाँ ला गढ़ि देहु कँगना, धनि के पहिरायब हे॥4॥
काँख जाँति लिहले कँगनमा, त धनि के मनावल हे।
धनिया के जाँघ बइठावल, हिरदय लगावल हे॥5॥
धनि हे, छाँड़ि देहु मन के बिरोध, पहिर धनि काँगन हे॥6॥
एही कँगना रउरे माई पेन्हथ अउरी बहिन पेन्हथ हे।
पिया ओहे दिन सेजरिया के बात, करेजा मोरा सालए हे॥7॥
मारलहऽ ए पियवा, मारलहऽ तीखे कटरिया से हे।
पियवा रउरे बात साल हे करेजवा, कँगनमा कइसे पहिरी हे॥8॥
पियवा जे चललन गोरखपुर, धनियाँ अरज करे हे / मगही सोहर गीत
पियवा जे चललन गोरखपुर, धनियाँ अरज करे हे।
परभुजी, हमरा लइहऽ कँगनमा, कँगनमा हम पहिरब हे॥1॥
अँगना खेलइते तोहें ननदी त भउजी से बचन बोले हे।
भउजी, तोहरा के होतो नंदलाल, हमरा तोंही का देबऽ हे॥2॥
तू हमर लउरी ननदिया, आउर सिर साहेब हे।
हम देबो गोरखपुर के कँगना, होरिला जमे होयत हे॥3॥
गोड़ हाथ पड़त ननदिया, आदित मनायल हे।
आदित, मोर भउजी बेटवा बिययतन बधइया हम कँगनमा लेबइ हे॥4॥
आधी रात बितलइ, पहर रात, होरिला जलम लेल हे।
बाजे लागल आनंद बधावा, महल उठे सोहर हे॥5॥
मचिया बइठल तोंहे भउजो त सुनह बचन मोरा हे।
कहलऽ तू हमरा कँगनमा, कँगनमा बधइया लेबो हे॥6॥
नऽ देबो, हे ननदो, नऽ देबो, पीआ के अरजल हे।
कँगना हइ पीया के कमइया, कँगनमा हम कइसे देबो हे॥7॥
सुनहऽ हो आदित, सुनहऽ, हम तोर गोड़ धरी हे।
आदित, भउजी मोर बेटिया बिययतन बधइया न दे हथन हे।
कोदो के भतवा के पंथ पड़े, जबे भोर होयत हे॥8॥
बेटवा क सोहर हम सुनम, हम बधइया देम हे।
पहिला अरजन के कँगनमा, से हो रे पहिरायम हे॥9॥
भइया के दसो दरबजवा, दसो घर दीप जरे हे।
आदित, भउजी के होवइन होरिलवा, बसमतिया के पंथ पड़े हे॥10॥
भँगिया पिसयते महादेओ, सुनहऽ बचन मोरा हे / मगही सोहर गीत
भँगिया पिसयते महादेओ, सुनहऽ बचन मोरा हे।
देओ, तोरा धनी दरद बेयाकुल, तोरा के बोलावथु हे॥1॥
एतना बचन जब सुनलन, सुनहु न पओलन हे।
बुढ़उ बैल पीठी भेलन असवार, कहाँ रे धनी बेआकुल हे॥2॥
सउरी में से बोलथी गउरा देई, सुनहऽ बचन मोरा हे।
देओ, लाज सरम केरा बतिया, तोरा से कहियो केता हे॥3॥
मारहे पँजरवा में पीर से डगरिन बोलाइ देहु हे॥4॥
एतना बचन जब सुनलन, बुढ़वा दिगम्बर हे।
बुढ़उ बैल पीठ भेलन असबार, कहाँ रे बसे डगरिन हे॥5॥
बाट जे पूछहथ बटोहिआ त कुइआँ पनिहारिन हे।
इहाँ त सहरबा के लोग, काहाँ रे बसे डगरिन हे॥6॥
ऊँची चउपरिया पुर पाटन आले बाँस छावल हे
दुअरे चननवा के गाछ, उहाँ रे बसे डगरिन हे॥7॥
डगरिन डगरिन पुकारथि, डगरिन अरज करे हे।
के मोरा खोलहे केवरिया त रतन जड़ल हकइ हे॥8॥
हम हिअइ देओ महादेओ, हम तोरा टाटी खोली हे॥9॥
की तोरा माय कि मउसी, कि सगर पितिआइन हे।
की तोरा घर गिरथाइन दरद बेआकुल हे॥10॥
नइ मोरा माय से मउसी, से सगर पित्त्आिइन हे।
मोरा धनि दरद बेयाकुल, तोंहि के बोलावथु हे॥11॥
पैरे ही पैरे नहीं जायब, पैर दुखायत हे।
आनि देहु मोरा सुखपाल, ओहि रे चढ़ि जायब हे॥12॥
एतना बचन जब सुनलन बुढ़वा दिगंबर हे।
चलि भेलन बैल असवार, घरहि घुरि आयल हे।
एक त जाति के डगरिन, बोलऽहइ गरब सयँ हे।
माँग हकइ संझा सुखपाल ओहि रे चढ़ि जायब हे॥14॥
एक त सिवजी दलिद्दर, जलम के खाके भाँड़े हे।
सिव, लेइ जाहु संझा सुखपाल, ओहिरे चढ़ि आवत हे॥15॥
डड़ियहि आवथी डगरिन, चाउँर डोलत आवे हे।
चनन से अँगना लिपायल सुघर डगरिन पग धरे हे॥16॥
घड़ी रात बीतल, पहर रात, अउरो आधिए रात हे।
लेलन गनेस औतार, महल उठे सोहर हे॥17॥
जेहि बन सीकियो न डोलइ, बाघ गुजरए हे / सोहर गीत मगही
जेहि बन सीकियो न डोलइ, बाघ गुजरए हे।
ललना, ताहीतर रोवे सीता सुन्दर, गरभ अलसायल हे॥1॥
रोवथी सीता अछन सँय, अउरो छछन सँय हे।
ललना, के मोरा आगे-पाछे बइठतन, के रे सिखावत हे॥2॥
बन में से इकसलन बनसपति, सीता समुझावल हे।
ललना, सीता हम तोरा आगे-पाछे बइठब, केसिया सँभारब हे॥3॥
हम देबो सोने के हँसुअवा, हमहीं होयवो डगरिन हे॥4॥
आधी रात बीतलइ पहर रात, बबुआ जलम लेल हे।
ललना, जलमल तिरभुवन नाथ, तीनहुँ लोक ठाकुर हे॥5॥
जलम लेहल बाबू अजीधेया त अउरो रजधानी लेत हे।
बाबू जीरवा के बोरसी भरयतूं, लौंगिया पासँध देती हे॥6॥
जलमल ओही कुंजन बन अउरो सिरीस बन हे।
बबुआ, कुसवे ओढ़त कुस बासन कुसवे के डासन हे॥7॥
अँचरा फारिय के कगजा, कजरा सियाही भेल हे।
ललना, कुसवे बनइली कलमिया, लोचन पहुँचावहु हे॥8॥
पहिला लोचन रानी कोसिला, दोसर केकइ रानी हे।
ललना तेसर लोचन लहुरा देवर, रामहिं जनि जानहि हे॥9॥
चारी चौखंड के पोखरिया, राम दँतवन करे हे।
ललना, जाइ पहुँचल उहाँ नउआ, त कहि के सुनावल हे॥10॥
कोसिलाजी देलन पाँचों टुक जोड़वा, केकई रानी अभरन हे।
ललना, लछुमन देलन मुंदरिया, रामजी पटुका देलन हे॥11॥
कहले सुनल सीता माँफ करिह, अजोधेया चलि आवह हे।
फटतइ धरतिया समायब, अजोधेया नहीं आयब हे॥12॥
पलँगा बइठल हथ महादेओ, मचिया गउरा देई हे / सोहर गीत मगही
पलँगा बइठल हथ महादेओ, मचिया गउरा देई हे।
हमरा पुतरवा के साध, पुतर कइसे पायब हे॥1॥
करबइ मैं छठ एतवार, सुरुज गोड़ लागब हे।
मिलि-जुलि पारथि बनायब, पुतर फल पायब हे॥2॥
कुरखेत मटिया मँगायब गंगाजल सानब हे।
काँसे कटोरिया पारथि बनायब, फल फूल लायब हे॥3॥
देबइन हम अछत चन्नन, अउरो बेल पातर हे।
देबइन धतुरबा के फूल, भाँग घोंटि लायब हे॥4॥
करबइन मैं बरत परदोस पुतर फल पायब हे॥5॥
एक पख पूजल, दोसर पख, तेसरे चढ़ि आयल हे।
पुरि गेल गउरा के मनकाम, पुतर फल पायब हे॥6॥
कटोरनि पियली कोसिला रानी, अउरो सुमिन्त्रा रानी हे / सोहर गीत मगही
कटोरनि पियली कोसिला रानी, अउरो सुमिन्त्रा रानी हे।
ए ललना, सिलि धोइ पियलन केकइ रानी, तीनों रानी गरभ से हे॥1॥
कोसिला रानी के मुँह पियराएल, देह दुबराएल हे।
ए ललना, दसरथ मनहिं अनन्दे, कोसिला जरि रोपली हे॥2॥
आधी राति बीतले पहर राति बीतले हे।
ए ललना, कोसिला के भेल राजा रामचंदर, सुमित्रा के लछुमन हे॥3॥
ए ललना, ककइ के भरथ भुआल, तीनों महल सोहर हे॥4॥
दुअरा से बोलथिन राजा दसरथ, सुन ए कोसिला रानी।
ए रानी जी, कउन बरत रउरा कएल कि राम फलवा पाएल हे॥5॥
सउरी से बोलथिन कोसिला रानी, सुन राजा दसरथ जी।
ए राजा, बरत कइली एतवार, त राम फल पइली हे॥6॥
कातिक मासे हम नेहइली, तुलसी दिया बरली हे।
ए राजा, भूखल बराम्हन जेववली, त राम फल पइली हे॥7॥
माघ मासे नेहइली, अगनियाँ न तपली हे।
ए राजा, एहो कस्ट सहली, राम फल पइली हे॥8॥
बैसाखहिं मासे नेहइली सुरूज गोड़ लगली हे।
ए राजा, टूअर भगिना का पालली, त राम फल पइली हे॥9॥
दुअरा से बोलथिन राजा दसरथ, सुन ए कोसिला रानी हे।
ए रानी, सेर जोखि सोनवा लुटाएब, पसेरी जोखि रूपवा हे॥10॥
ए रानी जी, सँउसे अजोधया लुटएबो, त राम के बधइया में॥11॥
सउरी से बोलथिन केकइ रानी, सुन राजा दसरथ।
ए राजा, कोसिला के भेल रामचंदर, सुमित्रा के लछुमन हे॥12॥
ए राजा, केकइ के भरथ भुआल, जानि-बुझि अजोधेया लुटइह।
ए राजा, रामजी लिखल बनवास, अजोधेया मत लुटइह॥13॥
सउरी से बोलथिन कोसिला रानी, सुन राजा दसरथ जी।
राजा, छुटले बँझिनियाँ के नाम, बलइए से राम बन जइहें,
बन से लवटि अइहें हे॥14॥
घरवा से इकसल जसोदा रानी, सुभ दिन सामन हे / सोहर गीत मगही
घरवा से इकसल जसोदा रानी, सुभ दिन सामन हे।
ललना, जमुना के इरि झिरि पनियाँ सोहामन हे॥1॥
सात पाँच मिललन सँघतिया से सोने घइला माथे लेलन हे।
गावहिं मंगल गीत, देखत सुर मोहहिं हे॥2॥
केउ सखी मुँह धोवे, केउ सखी हँसि हँसि पानी भरे हे।
ललना, केउ एक पार तिरियवा कपसि लोर ढारइ हो॥3॥
नइ हकइ नावोड़िया अउरो मलहवा भइया हे।
ललना, केहि विधि उतरब पार, तिरिया एक रोवइ हे॥4॥
बाँधि के काँछ कछौंटा अउर छाती घइला लेइ हे।
जाइ जुमल जमुना पार, काहे गे तिरिया रोवहिं गे॥5॥
की तोर नइहर दूर कि सासुर दुख पड़ल हे।
तिरिया, की तोर कंत बिदेस कवन दुख दुखित हे॥6॥
नइ मोरा नइहर दूर, न सासुर दुख पड़ल हे।
नइ मोरा कंत विदेश, कोख दुख दुखित हे॥7॥
सात पुतर दइब देलन, कंस सभ हर लेलन हे।
ललना, अठवें गरभ नगिचायल सेकरो भरोसा नइ हे॥8॥
चुप रहुँ, चुप रहुँ देवोकी, त सुनह बचन मोरा हे।
अपना बलक मोरा दींहऽ त हम पोस-पाल देबो हे॥9॥
नौन, चाउर तेल पइँचा भेल, सभे, चीज पइँचा भेल हे।
कोखवा उधार नइ सुनली, कइसे धीरजा बाँधव हे॥10॥
किया साखी सुरजवा त किया साखी गंगा माता हे।
ललना, किया साखी सुरुज के जोत, धरम मोर साखी हथि हे॥11॥
हो गेल कौल-करार बचन हम पालब हे।
लाख देतन मोरा कंस तइयो नई मानब हे॥12॥
आयल भादो के रात, किसुन पख अठमी हे।
लिहलन किसुन अवतार, सकल जग जानहु हे॥13॥
खुल गेल बजर केवाँड़, पहरु सभ सूतल हे।
देवोकी ले भागलन जसोदा के द्वार, महल उठे सोहर हे॥14॥
जो एहि मंगल गाबहिं गाइ सुनावहिं हे।
जलम-जलम अहियात पुतर फल पावहिं हे॥15॥
देखि-देखि मुँह पियरायल, चेरिया बिलखि पूछे हे / सोहर गीत मगही
देखि-देखि मुँह पियरायल, चेरिया बिलखि पूछे हे।
रानी, कहहु तूँ रोगवा के कारन, काहे मुँह झामर हे॥1॥
का कहुँ गे चेरिया, का कहुँ, कहलो न जा हकइ हे।
चेरिया, लाज गरान के बतिया, तूँ चतुर सुजान हहीं गे॥2॥
लहसि के चललइ त चेरिया, त चली भेलइ झमिझमि हे।
चेरिया, जाइ पहुँचल दरबार, जहाँ रे नौबत बाजहइ हे॥3॥
सुनि के खबरिया सोहामन अउरो मनभावन हे।
नंद जी उठलन सभा सयँ भुइयाँ न पग परे हे॥4॥
जाहाँ ताहाँ भेजलन धामन, सभ के बोलावन हे।
केहु लयलन पंडित बोलाय, केहु रे लयलन डगरिन हे॥5॥
पंडित बइठलन पीढ़ा चढ़ि, मन में विचारऽ करथ हे।
राजा, जलम लेतन नंदलाल जगतर के पालन हे॥6॥
जसोदाजी बिकल सउरिया, पलक धीर धारहु हे।
जलम लीहल तिरभुवन नाथ, महल उठे सोहर हे॥7॥
सुभ घड़ी सुभ दिन सुभ बार सुभ रे लगन आयल रे।
धनि हे, प्रगट भयेल बिसुन देओ, अनन्द तीन लोक भेल हे॥8॥
हरखि हरखि देओ बरसथ फूल बरसावथ हे।
ललना, सुर मुनि गावथि गीत, मन ही मन गाजथि हे॥9॥
बाजन बाजये अपार नागर नट नाचत हे।
नाचहि गाय पमड़िया महल उठे सोहर हे॥10॥
नंदजी लुटवलन अनधन अरु गजओबर हे।
जसोदा जुटवन भंडार सकल सुख आगर हे॥11॥
सोने के थरिया भरी मोतिया, पंडितजी के आगेधरि हे।
पंडित लेहु न अपन दछिनमा, पुतरफल पायल हे॥12॥
बाजन बाजय गहागही नंद सुख भूलल हे।
जसोदा सउरिया मैं पइसल, सरग सुख लूटथ हे॥13॥
भादो रैन भयामन दिसि घन घेरे हे / मगही सोहर गीत
भादो रैन भयामन दिसि घन घेरे हे।
रोहिनी नछतर तिथि अठमी, लाल गोपाल भेले हे॥1॥
किरीट मुकुट घनस्याम से कुंडल कान सोभे हे।
ललना, संख चकर गदा पदुम चतुर भुज रूप किए हे॥2॥
उर वैजयन्ती के माल से देखि रूप मन मोहे हे।
ललना, बिहसि के बोले भगमान, तोहर हम पुतर हे॥3॥
पूरुब जलम बरदान तेही से तोर कोख अयली हे।
ललना, जनि तुहि अरपहुँ डरपहुँ जसोदा घर धरि आहू हे॥4॥
छूटि गेले बंधन जंजीर तो खुलि गेलइ फाटक हे।
ललना, वसुदेव लेलन हरि के गोद पहरु सब सूतल हे॥5॥
बिहसि बोलल महराज, देव जनि डरपहु हे।
ललना लेई चलु जमुना के पार, कमर नहीं भींजत हे॥6॥
यह सुनि के वसुदेव जी जमुना के पार भेलन हे।
ललना, जसोदा घर बाजत बधाई, महल उठल सोहर हे॥7॥
घर घर डोलऽहे नउनियाँ, त हाथ ले महाउर हे / मगही सोहर लोक गीत
घर घर डोलऽहे नउनियाँ, त हाथ ले महाउर हे।
राजा, मोरा तूँ रँगा दऽ पियरिया महल उठे सोहर हे॥1॥
जसोदा जी नंद के बोलाय के सभे हाल पूछल हे।
राजा, गुनी सभ अधिको न जाँचथि, हिरदा जुड़ाइ देहु ना॥2॥
नंद कयलन धनदान से मन हरखायल हे।
गेयानी गुनी सभ भेलन नेहाल अउरो कुछ चाहिए हे?॥3॥
किया तोरा चाह हउ नउनियाँ, माँगु मुँह खोली खोली गे।
नउनियाँ, देबऊ में अजोधेया के राज, आउरो कछु चाहही गे॥4॥
हँसि हँसि बोलहइ नउनियाँ त सुनहु बचन मोरा हे।
राजा हम लेबो सोने के सिकड़िया, अजोधेया राज की करब हे?॥5॥
जसोदा जी देलकन सिकड़िया, रोहन गल हाँसुल हे।
राजा देलन पाट पिताम्बर, महल उठे सोहर हे॥6॥
आवहु नयना से गोतनी अउरो सभ सुन्नर हे।
गावहु आज बधइया, महल उठे सोहर हे॥7॥
बूढ़ीं सूढ़ी देलकन असिसववा जुअहु पूत पंडित हे।
ललना, सुनरी के नयना जुड़ायल लोग बाग हरखित हे॥8॥
जे इह सोहर गावल, गाइ सुनावल हे
ललना जलम जलम अहियात, पुतर फल पावल हे॥9॥
मनमा में दुखित देवोकी रानी चलली जमुन दह हे / मगही सोहर लोक गीत
मनमा में दुखित देवोकी रानी चलली जमुन दह हे।
ललना, फेर नहीं करबइ परसंग, जलम मोर अकारथ हे॥1॥
परबइ जमुन दह जाइ, घसिए जयबइ अहे दहे हे।
ललना, करबइ न बसुदेवो संग, जलम न सोवारथ हे॥2॥
सखी दस आगे भेल, दस सखी देवोकी के पाछे भेल हे।
देवोकी, करूँ बसुदेवो जी के संग, जलम होयतो सोवारथ हे॥3॥
पहिला पहर राति सुतली, सपन एक देखली हे।
ललना, हरियर केरवा के थंभ, दुवारी केतो रोपि गेलइ हे॥4॥
दूसर पहर जब बीतल सपन एक देखली हे।
ललना, हरियर तुलसी के बिरवा, दुवारी केतो रोपि गेलइ हे॥5॥
तीसर पहर जब बीतल सपन एक देखली हे।
ललना, कोरबे नरकोरवा नरकोरबा में दहिया दुवारी केतो रखि गेलइ हे॥6॥
चउठे पहर जब बीतल, सपन एक देखली हे।
ललना सामर कुमर एक सेजिया पर केउ मोरा रखि गेल हे॥7॥
एतना सपन जब सुनलथि, बसुदेवो हँसि बोलथी हे।
जलम लेतन जदुनाथ, जलम भेल सोवारथ हे॥8॥
चलूँ चलूँ डगरिन भवन मोर, हम राजा दसरथ हे / मगही सोहर लोक गीत
चलूँ चलूँ डगरिन भवन मोर, हम राजा दसरथ हे।
डगरिन, मोर घर अयलन भगमान, भेलन नंदलाल मोरा हे॥1॥
एतना बचन जब सुनलन, सुनहुँ न पयलन हे।
राजा लेइ आहु डोलिया कहार, बुलइत नहीं जायम हे॥2॥
एतना सुनइते राजा दसरथ, डोलिया फनावल हे।
डगरिन चढ़ि चलूँ मोर महलिया, बालक नहबावहु हे॥3॥
हम लेबो हँथिया से घोड़वा अउरी गजमोतीए हे।
तमकि के बोलहकइ डगरिन, तबे नहबायब हे॥4॥
एतना सुनत राजा दशरथ, डगरिन अरज करे हे।
डगरिन ले लेहु सहन भंडार, बालक नहबावहु हे॥5॥
धन धन धन राजा दसरथ, धन कौसीला माता हे।
ललना, धन धन डगरिन भाग, ले राम नेहबावल हे॥6॥
सुरसती गनपत मनाइब, चरन पखारब हे / मगही सोहर लोक गीत
सुरसती गनपत मनाइब, चरन पखारब हे।
अहे रूकमिनी भइल राजा जोग, केसब बर पावल हे॥1॥
नेहाइ धोवाइ के माँग फारल, अगर चनन सिर धरे।
फूल सेज बिछाय आपन कंत सँग बिहरन लगे॥2॥
चार पहर रात कामिन हरि सँग बिलास करे।
चउठे पहर जब बीतल सपन एक देखल हे॥3॥
देखि सपना रानी रूकमिनी, अपन हरि जगावहिं।
लाज लोक विचार कछु नहीं, एक बात उचारहि॥4॥
दूसर मास जब बीतल, कार्त्तिक फूलल कुंद कली।
अहे हँसि हँसि पूछथि सखियन उनकर मोदभरी॥5॥
रुकमिन जनमहिं करोध सखिन मारन धाबहिं।
जाहु नारी, देम मोंहि खेल न भावहिं॥6॥
तीसर मास जब आयल, अगहन मोद भरी।
सैनहि सैन सखिन सब घुमरि घुमरि उठे॥7॥
देह लागत सून भोजन देखि देखि हुल बरे।
छप्पन परकार के भोजन छाड़ि देइ, छुवा न करे॥8॥
सभ छाड़ि चुल्हवा के माटि के रुकमिन चुपके चाटे॥9॥
कउन कारन भेल तोंहि के, कहि के मोंहि सुनावहू।
कउन चीज मनभावत, वोंहि के बनावहू॥10॥
नहीं चाहुँ अन धन लछमी, न छप्पन भोजन हे।
नहीं मोरा रोग न सोग, कउन चीज माँग हम हे॥11॥
जलम जलम तोर दासी होऊँ, अउरो न कछु चाहूँ हे॥12॥
चउठी महीने जब बीतल, पूस नियरायल हे।
लागत ठंडा बयार त काँपत हियो हमरो॥13॥
पचमे माह माघ आयल आयल सीरी पंचमी हे।
सजी गेल बाघ बगइचा, त रुकमिन हुलसे हियो॥14॥
छठहि मास जब आयल, फागुन छठवाँ जनायल हे।
अहे कनक कटोरा में दूध भरि चेरिया त लावल हे॥15॥
सभ छाड़ि अमरस चाटल, मधुर रस तेजल हे।
अलफी सलफी सभ फेकल मन फरियायल हे॥16॥
सतमें मास आयल चइत, सत बाजन बाजये हे।
अहे, मधुबन फुलल असोक, भओंरा रस भरमइ हे॥17॥
कोइल सबद सोहावँन, अति मनभाँवन हे।
रुकमिन चिहुँकी के उठथि बदन पियरायल हे॥18॥
अठमे महीने जब, आयल बइसाख नियरायल हे।
अहे फेरि फेरि देख मुँह अयनमा, कइसन मुँह पीयर हे॥19॥
नौमा महीना जब जेठ क दुपहर हे।
लुहवा चलहइ, धूरी उठहइ से रुकमिन व्याकुल हे॥20॥
दसमहि मास जब आयल, असाढ़ नियरायल हे।
कउन विधि उतरब पार, चितय रानी रुकमिन हे॥21॥
जलम लीहल परदुमन, महल उठे सोहर हे।
मोती, मुँगा, चानी, सोना, लुटवल, जे किछु माँगल हे।
सखी सभ मंगल गावहिं, सुध बुध बिसरहिं हे॥22॥
जे इह मंगल गावहिं, गाइ, सुनावहिं हे।
दूध पूत बढ़े अहियात, पुतर फल पावहिं हे॥23॥
रूक्मिन बिपर के बोलौउलन, आँगन बइठवलन हे / मगही सोहर लोक गीत
रूक्मिन बिपर के बोलौउलन, आँगन बइठवलन हे।
हमरा सँपतिया के चाह, सँपति हम चाहही हे॥1॥
उलटि पुलटि बिपर देखलन मन मुसकयलन
रूक्मिन, बिधी नइ लिखलन लिलार, सँपति कहाँ पायब हे।
रूक्मिन, देबी जी हथुन दयामान, सँपति तोरा ओहि देथुन हे॥2॥
उहँऊ रूक्मिन चललन, देबी से अरज करे हे।
देबीजी हमरो सँपतिया के चाह, सँपति हम चाहही हे॥3॥
उलटि पुलटि देबीजी देखथिन बड़ी मुसकयलन हे।
रूक्मिन, बिधी नहीं लिखल लिलार, सँपति कहाँ पायब हे।
रूक्मिन, गंगा जी हथुन दयामान, सँपति तोरा देइ देथन हे॥4॥
उहँउ से रूक्मिन चललन, गंगा से अरज करे हे।
गंगाजी, मोरा सँपतिया के चाह सँपति हम चाहही हे॥5॥
उलटि पुलटि गंगाजी देखलन, मन मुसकयलन हे।
रूक्मिन, बिधी नहीं लिखल लिलार, सँपति कहाँ पायब हे।
रूक्मिन, बिसुन जी हथुन दयामान, सँपति तोरा देइ देथुह हे॥6॥
उहँउ से रूक्मिन चलि भेलन, बिसुन से अरज करे हे।
बिसुन, मोरा सँपतिया के चाह, सँपति हम चाहही हे॥7॥
उलटि पुलटि बिसुन देखलन, मन मुसकयलन हे।
रूक्मिन, बिधी नहीं लिखल लिलार, सँपति कहाँ पायब हे।
रूक्मिन, सिबजी हथुन दयामान, वोही सँ देथुन हे॥8॥
उहँउ से रूक्मिन चलि भेलन, सिब से अरज करे हे।
सिबजी, मोरा सँपतिया के चाह, सँपति हम चाहही हे॥9॥
उलटि पलटि सिब देखलन, मन मुसकयलन हे।
रूक्मिन, बिधि नहीं लिखलन लिलार, सँपति कहाँ पायब हे।
रूक्मिन, बरमाँजी हथुन दयामान, ओही सँपति देथुन हे॥10॥
उहँउसे रूक्मिन चललन, बरमाँ से अरज करे हे।
बरमाँजी हमरो सँपतिया के चाह, सँपति कहाँ पायब हे॥11॥
उलटि पलटि बरमाँ देखलन, मन मुसकयलन हे।
रूक्मिन, बिधि नहीं लिखलन लिलार, सँपति कहाँ पायब हे॥12॥
बरमाँजी बलका के बोलौउलन जाँघे बइठवलन हे।
बलका, छठिया राते तोरा होयते, घुरिए चलि अइह हे॥13॥
एतना सुनयते त बलका त बलका अरज करे हे।
बरमाँ जी, हम न जायब अबतार बहुत दुख होयत हे॥14॥
घर ही रोवत मोरा अंबा बाहर मोरा पिता रोइतन हे।
बरमाँ जी, हम नहीं लेबो अबतार, बहुत दुख पायब हे॥15॥
बरमाँ जी, बलका के बोलवलन, जाँघे बइठवलन हे।
बलका सदिया-बिआह तोरा होयतो, तबहि चलि अइह हे॥16॥
बलका बरमाँ से अरज करे अउरो मिनती करे हे।
बरमाँ जी, हम न लिहब अवतार, बहुत दुख होवत॥17॥
घरे जे रोबे मोरा भइया बाहर मोरा पिता रोइतन हे।
सेजिया बइठल रोवे घरनी, बहुत दुख होयत हे॥18॥
बरमाँ जी बलका के बोलवलन, जाँघे बइठवलन हे।
बलका, अजर अमर होई रहिह, बहुत सुख होयत हे॥19॥
कदली के वन में घउर लगल हे, फूलल कोसुम गुलाब / सोहर लोक गीत मगही
कदली के वन में घउर लगल हे, फूलल कोसुम गुलाब।
ओही रँग रँगबइ साहेब के पगिया, पहिरथ होरिला के बाप॥1॥
हरदी आउ सोंठ में बड़ खरच भेलइ, हमरा दँहजल सब लोग॥2॥
तोहुँ त हो परभु दरोजवा पर बइठऽ, हमहुँ बूझब सभ लोग।
हम धनी जाही दरोजवा पर बइठे, तोंही बूझऽ सभ लोग॥3॥
भठवा के देबइ चढ़े के घोड़वा, भाटिन के लहँगा पटोर।
चमरा के देबइ दुनूँ कान सोनमा, डगरिन के पीयरी रँगाई॥4॥
गोतिया के देबइन भात-भतखहिया, गोतनी के हलुआ घटाई।
ननदोसिया के देबइन चढ़े के हँथिया, चढ़े के घोड़वा,
ननदी के गदहा टिपोर॥5॥
सीकिया चीरिए चीरिए बँगला छवावल / मगही सोहर लोक गीत
सीकिया चीरिए चीरिए बँगला छवावल।
ठोपे ठोपे चुअहे गुलाब, से ठोपे ठोपे॥1॥
सेहो अरक के पगड़ी रँगाबल।
पेन्हें जी होरिलवा के बाप, उनखा के होरिला भयले॥2॥
हम त एहो परभु, गरभ से बेयाकुल।
तूँ चढ़ि पलँगा बइठबऽ मन मार॥3॥
तूँ त चलिए जयबऽ राजा कचहरिआ।
हम हीं बुझब, सभ लोग॥4॥
अँगना में रोपलूँ हम नेमुआँ खिरकिया अनार जी / मगही सोहर लोक गीत
अँगना में रोपलूँ हम नेमुआँ खिरकिया अनार जी।
दरोजे पर रोपलूँ नौरँगिया, बगीचवे में आम जी॥1॥
अँगना में फूलल नेमुआ, खिरकिया अनार जी।
दरोजे पर फरल नौरँगिया, बगीचवे में आम जी॥2॥
अँगना के नेमुआ हइ खट्टा, हइ मिट्ठा अनार जी।
खटमिठ लगे नौरँगिया, मीठे-मीठे आम जी॥3॥
हम खायम नेमुआ के निमकी, सइयाँ जी अनार जी।
ननदी के देबइ नौरँगिया, होरिलवा के आम जी॥4॥
झपसी में चढ़लूँ अटरिया, लाल हलना / मगही सोहर लोक गीत
झपसी में चढ़लूँ अटरिया, लाल हलना।
पर गेल ननँदी नजरिया लाल हलना॥1॥
काहे तोर भउजो हे मुँह पियरायल, लाल हलना।
काहे बदन झमँरायल बतावहु, लाल हलना॥2॥
तोहर भइया मोरा सोंटा बजौलन लाल हलना।
ओही से मुँह मोर पीयर हइ, लाल हलना॥3॥
छोटकी ननदिया मोर बैरिनियाँ, लाल हलना।
मइया से लुतरी लगाबल, लाल हलना॥4॥
बहुआ जे भेलन गरभ से, रे मोर लाल हलना।
हाथी आउ घोड़ा लुटायम, रे मोर लाल हलना॥5॥
जो होरिलवा लेतइ जलमिया, लाल हलना।
सोना आउ चानी लुटायम, मोर लाल हलना॥6॥
लेलक होरिलवा जलमिया रे, मोर लाल हलना।
पेटी के कुंजी हेरायल रे मोर लाल हलना॥7॥
सासु मोर बेनिया डोलावहऽ, कमर भल जाँतहऽ हे / मगही सोहर लोक गीत
सासु मोर बेनिया डोलावहऽ, कमर भल जाँतहऽ हे।
अहो लाल, देहरी बइठल तू ननदिया बिरह बोलिय बोलए हे॥1॥
मोरी भौजी रखिहऽ पलंगिया के लाज त बेटवा बिअइह हे॥2॥
तुहुँ त हहु मोरा ननदी, अउरो सिर साहेब हे।
ननद, पियवा के आनि बोलावह, पलंगिया डँसायब हे॥3॥
किया तोर भउजो हे नाउन, किया घरबारिन हे।
मोर भउजो, किया तोरा बाप के चेरिया, कवुन दाबे बोलह हे॥4॥
नहीं मोर ननद तू नाउन, नहीं घरबारिन हे।
नहीं मोर बाप के चेरिया, बलम दाबे बोलली हे।
ननद, तुहुँ मोरा लहुरी ननदिया सेहे रे दावे बोलली हे॥5॥
जसोदा झुलावे गोपाल पलना हो, कन्हैया पलना / मगही सोहर लोक गीत
जसोदा झुलावे गोपाल पलना हो, कन्हैया पलना।
चन्नन के उजे पलना बनल हे, ओकर में लगल रेसम फुदना॥1॥
पउअन में सभ रतन जड़ल हे, हँस-हँस झुलावे मइया पलना।
नंद झुलावे, जसोदा झुलावे, आउर झुलावे बिरिज ललना॥2॥
कहऽ त जच्चा रानी, डगरिन बोला देउँ / मगही सोहर लोक गीत
कहऽ त जच्चा रानी, डगरिन बोला देउँ।
चुप, चुप, मेरो राजा, काटब नार अपने॥1॥
कहऽ त जच्चा रानी, लउँड़ी बोला देउँ।
चुप, चुप, मेरो राजा, लीपब सउर अपने॥2॥
कहऽ त जच्चा रानी, भउजी बोला देउँ।
चुप, चुप, मेरो राजा, पूजब देओ अपने॥3॥
कहऽ त जच्चा रानी, बहिनी बोला देउँ।
चुप, चुप, मेरो राजा पारब काजर अपने॥4॥
कहऽ त धानी अपन मइया बोलाबूँ / मगही सोहर लोक गीत
कहऽ त धानी अपन मइया बोलाबूँ।
न राजा हो, उनकर आदर अब कउन करतइन॥1॥
कहऽ त धानी अपन बहिनी बोलाबूँ।
न राजा हो उनकर नखरा कउन सहतइन॥2॥
सलोनी धानी कहऽ त मइया बोलाबूँ / मगही सोहर गीत
सलोनी धानी कहऽ त मइया बोलाबूँ।
नइ मोरे राजा, तोर मइया से काम मोरे नइ।
नइ मोरे राजा, तोर बहिनी से काम मोरे नइ।
मोरा त उठल हे पीर, ले आबऽ धाई के॥2॥
का लेके अयले ननदिया, बोलाओ राजा बीरन के / मगही सोहर गीत
का लेके अयले ननदिया, बोलाओ राजा बीरन के।
पाँच के टिकवा, दस के टिकुलिया, लेके आयल ननदिया॥1॥
हमर बहिनियाँ बहुत किछु लयलक।
ओकरा के पियरी पेन्हाउ, बोलाबु राजा बीरन के॥2॥
ननदिया माँगे फुलझड़ी हे, हम न देवइ / मगही सोहर गीत
ननदिया माँगे फुलझड़ी हे, हम न देवइ।
झलाही माँगे मोती लड़ी हे, हम न देवइ॥1॥
राजाजी, सोवे कि जागे हे, हम न देवइ।
अप्पन बहिनी के बरजू हे, हम न देवइ॥2॥
हम तो दरदे बेयाकुल, ननदिया के हाँसी बरे / मगही सोहर गीत
हम तो दरदे बेयाकुल, ननदिया के हाँसी बरे।
सासु तोर पइयाँ परू रूसिनिया के बिदा करूँ।
छिनरिया के बिदा करूँ, सतभतरी
बहुआ जे चलली नहाय, तो सासू निरेखइ हे / मगही सोहर गीत
बहुआ जे चलली नहाय, तो सासू निरेखइ हे।
बहुआ, कवन मरद चित लायल, गरभ जनावल हे॥1॥
सासू आधी राति जा हइ, अउरो पहर राति हे।
सासू, राती के आव हइ भँरवा, तो होइ के खिड़की से हे॥2॥
बोलवहऽ गाँव के पठेरिया, तो रेसम के जाल बुनऽ हे।
ओहि जाल बुझयबइ भँवरा, अछरँग मोरा छुटि जइहें हे॥3॥
मचियाहि बैठल सासू बढ़यतिन, चिन्ही लेहु अपना बेटा के हे।
सासु, अछरँग मोरा छोरि देहु हे॥4॥
अठमी के भेल नंदलाल, बधावा ले के चलऽ / मगही सोहर गीत
अठमी के भेल नंदलाल, बधावा ले के चलऽ
मेरो मन भेल नेहाल, बधावा ले के चलऽ॥1॥
सोने के छूरी से नार कटायल, रूपे खपर नेहायल।
कानों में कुंडल, गले में मोहर, केसों में झब्बूदार॥2॥
रेसम के कुलिहा, साटन के टोपी, बीचे बीचे गोटा लगाय।
सेही पहिर के कन्हैयाजी बिहँसथ, गावथि गोआल॥3॥
सासु हमर रहे पक्का महल में, उनखा देहु बोलाइ / मगही सोहर गीत
सासु हमर रहे पक्का महल में, उनखा देहु बोलाइ।
हमरा भेलइ नंदलाल, सुने ना कोई रे॥1॥
गोतनी हमर रहे सीस सहल में, उनखा देहु बोलाइ।
हमरा भेलइ हे गोपाल, जगे ना कोई रे॥2॥
ननद हमर हे महल अटारी में, उनखा देहु बोलाय।
हमरा के भेल हे होरिलवा जगे ना कोई, सुने ना कोई रे॥3॥
सामी हमर हथ मालिन के सँग, उनखा देहु बोलाय।
हमरा के भेल नंदलाल जगे न कोइ, सुने ना कोई रे॥4॥
दादा जीए, दादी जीए, आउर सभ लोग / मगही सोहर गीत
दादा जीए, दादी जीए, आउर सभ लोग।
मोरे लाला के गोरे-गोरे गाल॥1॥
कुरता चूमूँ, टोपी चूमूँ, चूमूँ उनकर गाल।
मोरे लाला के भुअरे-भुअरे बाल॥2॥
रामचंदर जलम लेलन चइत रामनमी के / मगही
रामचंदर जलम लेलन चइत रामनमी के॥1॥
डगरिन जे नेग माँगइ, नार के कटाइ।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥2॥
नाउन जे नेग माँगे, पैर के रँगाइ।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥3॥
धोबिन जे नेग माँगे, फलिया के धोबाइ।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥4॥
फूआ जे नेग माँगे आँख के अँजाइ।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥5॥
दाई जे नेग माँगे, सौरी के झोराइ।
कोसिला के कँगन लेमो, चैता रामनमी के॥6॥
भुइयाँ गिरे नंदलाल, गोपाल लाल भुइयाँ गिरे / मगही
भुइयाँ गिरे नंदलाल, गोपाल लाल भुइयाँ गिरे॥1॥
काहे के छूरी से नार कटयलूँ, अब काहे के झारि नहलयूलूँ॥2॥
काहे के पलना में लाल सुतयलूँ, काहे के डोरी डोलयलूँ।
सोने के पलना में लाल सुतयलूँ, रेसम के डोरी डोलयलूँ॥3॥
काहे के कटोरा में दूध भरयलूँ, अब काहे के सितुए पिलयलूँ।
सोने कटोरी में दूध भरयलूँ, अब रूपे के सितुए पिलयलूँ॥4॥
कहँवाँ ही कृष्ण जी के जनम भयेल / मगही सोहर गीत
कहँवाँ ही कृष्ण जी के जनम भयेल, भयेल, कहँवाँ ही बजे हे बधावा, जसोदा जी के बालक।
मथुरा में कृष्ण के जनम भयेल, गोकुला ही बाजे हे बधावा॥1॥
काहे के छूरी कृष्ण नार कटायब, काहे खपर असनान।
सोने के छूरी कृष्ण नार कटायब, रूपे खपर असनान॥2॥
नहाय धोआय कृष्ण पलंग सोवे, काली नागिनी सिर ठारा।
का तुम नागिन ठारा भई, हम है त्रिभुवन नाथ॥3॥
पिपरी लेके सासु खड़ी, पिपरिया पीले बहू / मगही सोहर गीत
पिपरी लेके सासु खड़ी, पिपरिया पीले बहू।
हो जयतो होरिलवा ला दूध, पिपरिया पीले बहू॥1॥
पिपरी पीते मोरा होठ हरे, मोरा कंठ जरे हे।
हिरदय कमलवा के फूल पिपरिया मैं न पिऊँ॥2॥
पिपरी जेके भउजी खड़ी, चाची खड़ी।
पुरतो होरिलवा के साध, पिपरिया पीले बहू॥3॥
पिपरी पीते मोरा आँख जरे, नयना लोर ढरे।
पिपरी न कंठ ओल्हाय पिपरिया मैं न पिऊँ॥4॥
जाय जगावहु कवन पितर लोग, भेलन पोता / मगही सोहर गीत
जाय जगावहु कवन पितर लोग, भेलन पोता।
पोता भेल बंस-बाढ़न, बहु जुड़वावस॥1॥
देइ घालऽ सोने के हँसुअवा, होरिला नार काटस॥2॥
भोंरहिं राम जनम ले लें साँझहि लछुमन हो।
आधे राते भरथ भुआल, मोरे रे राम जनम ले ले हो॥3॥
दियवा खोजन गेलूँ, दियवो न मिलल, दियरवो न मिलल।
ललना, हिरवा के करबो अँजोर, मोरे राम जनमु ले लें॥4॥
हँसुआ खोजन गेलूँ, हँसुओ न मिलल।
सोने छुरिये राम नार काटब, मोरे राम जनम ले लें॥5॥
जीरा रगरि रगरि हम पिसलूँ / मगही लोकगीत
जीरा रगरि रगरि हम पिसलूँ।
जीरा पीले बहू, जीरा पीले धनी॥1॥
पाग के पेंच में छानली हे।
जीरा पीले जरा, जीरा पीले जरा॥2॥
होअत बलकवा के दूध।
जीरा पीले जचा, जीरा पीले जचा॥3॥
हम बबा के अलरी दुलरी।
हमरा न जीरा ओल्हाय, जीरा कइसे पीऊँ॥4॥
आबहुँ बूढ़ी रूढ़ी छठी-पूजन / मगही
आबहुँ बूढ़ी रूढ़ी वयठहुँ आय।
बबुआ के घोँटी देहु बतलाय॥1॥
बचा महाउर आउर जायफर।
सोने के सितुहा रूपे के काम।
जसोमती घोँटी देल चुचकार॥2॥
छठिआ पूजे ला न्योछन / मगही
छठी-पूजन
छठिआ पूजे ला ननदी ठाढ़, अँगनमा, हमरा के भउजो तूँ का देबऽ ना।
छठी पूजइया ननदो साठ रूपइया, हमरो से ननदो झट ले लहु ना॥1॥
साठ रूपइया भउजी घर दऽ पउतिया, लाख रूपइया त दुजइया लेबो ना॥2॥
जब त ननदिया होरिला ले के चललन, लाख रूपइया झट फेंकि देल ना॥3॥
आज होरिलवा के देखन चलूं / मगही
न्योछन
आज होरिलवा के देखन चलूं।
आज होरिलवा के चूमन चलूँ॥1॥
मोर होरिलवा हइ पुनियाँ के चनवा।
अपन होरिलवा के खेलावँन चलूँ॥2॥
राइ नोन लेके निहुँछन चलूँ।
अपन-अपन नजरी
काजर के कजरौटी, काजर भल सोभेला हे / मगही
काजर के कजरौटी, काजर भल सोभेला हे।
ललना, अँजबो बबुआ के आँख, बेसरिया
राम के मथवा लुटिरिया, देखत नीक लागय हे / मगही
आँख अँजाई
राम के मथवा लुटिरिया, देखत नीक लागय हे।
ललना, ब्ररह्मा जे दिहले लुटुरिया, अधिको छबि लागय हे॥1॥
राम के माथे तिलकवा, तिलक भल सोभय हे।
ललना, चन्नन दिहले बसिट्ठ, अधिको छबि लागय हे॥2॥
राम के अँखिया रतनारि, काजर भल सोभय हे।
ललना, काजर दिहले सुभदरा, देखत नीक लागय हे, अधिको छबि लागय हे॥3॥
राम के पाँव पैजनियाँ, पाँव भल सोभय हे।
ललना, ठुमुकि चलले अँगनवाँ, देखत नीक लागय हे॥4॥
अँगना में बतासा लुटायम हे, अँगना में / मगही
आँख अँजाई
अँगना में बतासा लुटायम हे, अँगना में॥1॥
सासू जे ऐतन देवोता मनौतन।
उनका के पीरी पेन्हायम हे, अँगना में॥2॥
देवोतो मनावे में कसर-मसर करतन।
धीरे से पीरी उतार लेम हे, अँगना में॥3॥
गोतिनी जे ऐतन पंथ रँधौतन।
उनको के पीरी पेन्हायम हे, अँगना में॥4॥
पंथ रँधावे में कसर-मसर करिहें।
धीरे से पियरी उतार लेम हे, अँगना में॥5॥
ननद जे ऐतन आँख अँजौतन।
उनको के कँगना पेन्हायम हे, अँगना में॥6॥
आँख अँजौनी में कसर-मसर करतन।
धीरे से कँगना उतार लेम हे, अँगना में॥7॥
(यह गीत मुस्लिम-परिवारों में भी प्रचलित है,
लेकिन दोनों में भाषा के साथ रस्म-रिवाजों में अंतर है। )
केकरा चौंर जलम जदुनन्नन, केकरा बंस बढ़िये गेल माई / मगही
केकरा चौंर जलम जदुनन्नन, केकरा बंस बढ़िये गेल माई।
नाना के चौंर जलम जदुनन्नन, दादा के बंस बढ़िय गेलइ माई॥1॥
घोड़वा चढ़ल आवे भइया, बहिनी धयलन लगाम गे माई॥2॥
छठी पूजन भइया साठ रुपइया, आँख अँजन सोने थारी माँगब।
पान खवैया पनबट्टा माँगब, पिरकी बिगन उगलदान।
आपु चढ़न भइया डोला माँगब, स्वामी चढ़न घोड़ा गे माई॥3॥
जेकरा से अगे बहिनी एतना न होवे, से कइसे बहिनी बोलावे गे माई॥4॥
हम जेा जनती ननद, दीदी अइहें नश्हर जाके पझैती गे माई।
जब तोहें भउजी नइहर जयतऽ, नइहर आके नचइती गे माई॥5॥
किसुन जलम अब भेल, बधावा अब लेके चलऽ / मगही
किसुन जलम अब भेल, बधावा अब लेके चलऽ।
गावत मंगलचार, सभे मिलि लेके चलऽ॥1॥
तेलिन लयलक तेल, तमोलिन बीरवा।
मालिन लौलक गुथि हार, जसोदा जी के आँगनऽ॥2॥
धन-धन पंडित लोग, धने जोग रोहिनी।
धन भादों के रात, कन्हइया जी के जलम भेलइ॥3॥
धन जसोदा तोर भाग, कन्हइया तोरा गोद खेले।
हरखहि बरखहिं देओ, आनन्द घरे घर मचल।
लुटवत अनधन धान, निहुछि के निछावर॥4॥
कउची के लगल पलना, कउची लागल हे डोर।
के रे डोलाबे बउआ पलना, के रे झूलनहार॥5॥
अगर-चनन केरा पलना, रेसम लागल हे डोर।
जसोदा डोलाबथि पलना, किसुन झूलनहार॥6॥
सले सले झूलहइ पलना, मइया देखथि रूप।
नंद लुटावथि संपति, सभ भेलन नेहाल।
गावथि सुर मुनि कीरति, सिव नाचथ दे ताल॥7॥
जे इह सोहर गावथि, गाइ देथिन सुनाय।
अनधन बाढ़थि लछमी, बाढ़े कुल, अहियात॥8॥
बाँझ के मिलइ पुतर फल, भरइ मरछि के गोद।
जलम जलम फल पावहिं, पूरइ सभ मनकाम॥9॥
गोखुला में बाजले बधइया तो अउरो बधइया बाजे हे / मगही
बधैया
गोखुला में बाजले बधइया तो अउरो बधइया बाजे हे।
ललना, जलमल सीरी नंदलाल, नंद घर सोहर हे॥1॥
सोने के हँसुआ बनायम, गोपाल नार छीलम हे।
ललना सोने के चौकिया बनायम, किसुन नेहलायम हे॥2॥
पीयरे बस्तर अंग पोछम, पीतामर पहेरायम हे।
पइरबा में पइजनी पहरायम, गोपाल के नेहलायम हे॥3॥
भइया के घर में भतीजा जलम भेल, हम तो बधइया माँग अयलो / मगही
बधैया
भइया के घर में भतीजा जलम भेल, हम तो बधइया माँग अयलो॥1॥
अगिला हर के बरदा माँगही, पिछला हर हरवाहा।
हो भइया, हम तो बधइया माँगेअयली॥2॥
दूध-दही ला सोरही माँगही,
धीया लागी भँइसिया, हो भइया, हम तो बधइया माँगे अयली॥3॥
बाहर के हम नोकर चाहही, घरवा बहारन के दाइ, हो भइया।
गोड़ धोमन के चेरिया चाहही, पैर दामन के लौंड़िया, हो भइया॥4॥
तीरथ बरत के डोली चाहही, सामी चढ़न के हाथी, हो भइया।
हम तो बधइया माँगे अइली, हो भइया॥5॥
दादा साहेब के घर पोता भयेल हे / मगही
बधैया
दादा साहेब के घर पोता भयेल हे।
पोता निछाउर कछु देवऽ कि न?।
हमसे असीस कछु लेबऽ कि न?॥1॥
देबो मैं देबो पोती अन धन सोनवाँ।
हमरा ही नाचबऽ आउ गयबऽ कि न?॥2॥
गयबो मैं गयबो दादा, दिनमा से रतिआ।
अपन खजाना लुटयबऽ कि न?॥3॥
जुग जुग जिओ दादा तोहर होरिलवा।
हमर ससुर घर पेठयबऽ कि न?॥4॥
साड़ी न लहँगा लहरदार लेबो भउजो हे / मगही
बधैया
साड़ी न लहँगा लहरदार लेबो भउजो हे।
चोली न अँगिया बूटेदार लबो भउजो हे॥1॥
कँगना न लेबो, पहुँची न लेबो।
बाला तो लेबो चमकदार, सुनु भउजो हे॥2॥
रुपया न लेबो, अठन्नी न लेबो।
गिन्नी तो लेबो हम हजार, सुनु भउजो हे॥3॥
चानी न लेबो, सोना न लेबो।
हम लेबो गिनि गिनि लाल, सुनु भउजो हे॥4॥
जुग जुग जीओ भउजो, तोहरो होरिलवा।
जुग-जुग बढ़ो अहियात, सुनु भउजो हे॥5॥
जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर नंदरानी / मगही
बधैया
जसोदा तोहर भाग बड़ा लहबर नंदरानी।
देवोकी तोहर भाग बड़ा लहबर हे रानी॥1॥
काहाँ जलमलन हे जदुनन्नन, काहाँ बाजत हे बधावा नंदरानी।
देवोकी घर में जलमलन जदुनन्नन, गोकुला में बाजत बधावा नंदरानी॥2॥
काहे के छूरी से नार छिलायल, काहे के खपर नेहलायल नंदरानी।
सोने के छूरी से नार छिलायल, रूपे के खपर नेहलायल नंदरानी॥3॥
काहे के उजे अँगिया टोपिया, केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी।
रेसमी के उजे अँगिया टोपिया, केकरा के तू पहिरयबऽ नंदरानी।
रेसमी के उजे अँगिया टोपिया, अपन लाला के पहिरायब नंदरानी॥4॥
केरे लुटवथि अन, धन, लछमी, केरे लुटावथि मोती नंदरानी।
नंद लुटावथि अन, धन, लछमी, जसोदा लुटावथि मोती नंदरानी॥5॥
अइसन जलम लिहल जदुनन्नन, घर बाजे बधावा नंदरानी॥6॥
आज अनंद भलइ हमर नगरी / मगही
बधैया
आज अनंद भलइ हमर नगरी।
मोर दादा लुटावे अनधन सोना, मोर दादी लुटावे मोती के लरी॥1॥
बाबूजी लुटावथ कोठी-अटारी, मइया लुटाबे फूल के झरी।
मोबारख होय होरिला तोहरो गली॥2॥
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