सभवा बइठल रउरा बाबा कवन बाबा हो / मगही मुण्डन गीत
सभवा बइठल रउरा बाबा कवन बाबा हो।
बाबा लाबर मोरा छेँकले लिलार करहुँ जग-मूँड़न हो॥1॥
झारि बान्हु सम्हारि कवन बरूआ हो।
आवे दहु जेठ बइसाख, करहु जग मूड़न हे।
करबो अलबेला के मूंड़न हे॥2॥
गोचर हे नगर के बराम्हन, पोथिया बिचारहु हे / मगही मुण्डन गीत
गोचर हे नगर के बराम्हन, पोथिया बिचारहु हे।
आजु कन्हइया जी के मूँडन नेओता पेठाएब हे॥
अरिजनि नेओतब, बरिजनि अउरो देआदिन लोग हे।
नेओतब कुल परिवार, कन्हइयाजी के मूंड़न हे॥2॥
काहे लागि रूसल गोतिया लोग, अउरो गोतिनी लोग हे।
काहे लागि रूसले ननदिया, मँड़उआ नहीं सोभले हे॥3॥
का ले मनएबो गोतिया, का ले गोतिनी लोग हे।
अहे, का ले मनएबो ननदिया, मँड़उआ मोर सोभत हे॥4॥
बीरा मनएबो गोतिया, सेनुर ले गोतिनी लोग हे।
अहे, बेसरि ले मनएबो ननदिया, मँड़उआ मोर सोभत हे॥5॥
पाँच सुपारी बाँटु री, अब नेवतब कुल-परिवार, लालजी के मूरन हे / मगही मुण्डन गीत
पाँच सुपारी बाँटु री, अब नेवतब कुल-परिवार, लालजी के मूरन हे।
पाँच सुपारी बाँटु री, मोरे अलख हुलरुए के मूरन हे॥1॥
अब बम्हना बसे जे बनारस, अब हजमा कुरखेत लालजी के मूरन हे।
ए सवासिन बसे ससुर घर, अब किन रे परिछेबाल लालजी के मूरन हे॥2॥
अब बम्हना के चिठिया पेठाइय, अब हजमा के पकरि मँगाइय, लालजी के मूरन हे।
ए सवासिन के डोलिया फनाइय उहे रे परिछेबाल, लालजी के मूरन हे॥3॥
नव मन गेहुँमा मँगाइय, अब नेवतब कुल परिवार, लालजी के मूरन हे।
नव मन घिआ मँगाइय, अब नेवतब कुल परिवार, लालजी के मूरन हे॥4॥
नव थान कपड़ा मँगाइय, हम नेवतब सब परिवार, लालजी के मूरन हे।
पहिला अस्तुरा नउआ फेरिय, हमर लाल उठल छिहुलाय लालजी के मूरन हे॥5॥
दूसरा अस्तुरा नउआ फेरिय, हमर लाल उठल छिहुलाय, लालजी के मूरन हे।
तीसरा अस्तुरा नउआ फेरिय, हमर लाल उठल छिहुलाय, लालजी के मूरन हे॥6॥
चउथा अस्तुरा नउआ फेरिय, हमर लाल उठल छिहुलाय, लालजी के मूरन हे।
हजमा के लुलुहा कटाइय, नउनिया के देहु बनवास, लालजी के मूरन हे॥7॥
पँचमा अस्तुरा नउआ फेरिय, हमर लाल उठल छिहुलाय, लालजी के मूरन हे।
हजमा के सोनवा गढ़ाइय, नउनिया के लहरापटोर लालजी के मूरन हे॥8॥
अहे बाम्हन के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे / मगही मुण्डन गीत
अहे बाम्हन के पड़ले हँकार बरुअवा के मूंड़न हे।
बाम्हन अइले वेद भनन हे॥1॥
अहे गोतिया के पड़ले हँकार, बरुअवा के मंूडन हे।
गोतिया अइले माँड़ो छावन हे॥2॥
अहे गोतिनी के पड़ले हँकार, बरुअवा के मंूड़न हे।
गोतिनी अइले मंगल गावन हे॥3॥
अहे कुम्हरा के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूड़न हे
कुम्हरा अइले कलसा लिहले हे॥4॥
अहे हजमा के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे।
हजमा अइले छुरवा लिहले हे॥5॥
अहे बड़ही के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे।
बड़ही अइले पिढ़वा लिहले हे॥6॥
अहे फूआ के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे।
फूआ अइले अँचरा पसरले हे॥7॥
अहे, बाबा के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे।
बाबा जे अइले गेंठी खोलले हे॥8॥
अहे भइया के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे।
अहे भइया गइले रिसिआय बहिनी घर-लूटन हे॥9॥
अहे, भउजी के पड़ले हँकार, बरुअवा के मूंड़न हे।
अहे, ननद अइले घर-लूटन, बरुअवा के मूंड़न हे॥10॥
ओखरी में चउरा छँटाएब हे, चकरी में दाल दराएब हे, / मगही मुण्डन गीत
ओखरी में चउरा छँटाएब हे, चकरी में दाल दराएब हे,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे।
बराम्हन के नेओता पेठाएब, पोथिआ समेत चलि आवऽ
कन्हइआजी के मूंड़न हे।
बराम्हन अलुरी पसारे, हम लेबौ पोथिया के मोल,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे॥1॥
ओखरी में चउरा छँटाएब हे, चकरी में दाल दराएब हे,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे।
हजमा के नेओता पेठाएब, छुरबा समेत चलि आवऽ,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे।
हजमा अलुरी पसारे, हम लेबो छुरबा के मोल,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे॥2॥
ओखरी में चउरा छँटाएब, चकरी में दाल दराएब,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे।
कुम्हारा के नेओता पेठाएब, कलसा समेत चलि आवऽ,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे।
कुम्हरा अलुरी पसारे, हम लेबो कलसा के मोल,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे॥3॥
ओखरी में चउरा छँटाएब, चकरी में दाल दराएब,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे।
फूआ के नेओता पेठाएब, फुफ्फा समेत चलि आवऽ
कन्हइआ जी के मूंड़न हे।
फूआ अलुरी पसारे, हम लेबो बबुआ के मोल,
कन्हइआ जी के मूंड़न हे॥4॥
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