देखियौ चलितर मैया दुर्गा के / मैथिली लोकगीत
देखियौ चलितर मैया दुर्गा के
रचना रचै छै दुर्गा मैया
मोती दुलरा लग जतरा करै छै
फलका ऊपरमे दुर्गा जुमि गेल
सात सय पाठ मोती खेलबैय
तहि असरमे दुर्गा जुमि गेल
पड़लै नजरिया मोती राम दुलरूआ के
किय कारण मैया फलका पर अयलेही
तेकर खबरिया देवी हमरा कहि दे
एहे पूजा लय रौ एलीयै फलका पर / मैथिली लोकगीत
एहे पूजा लय रौ एलीयै फलका पर
सोना मंदिर बौआ हमरा बनबियौ
हमरा पूजा मोतीराम दऽ दे
सोना मंदिरबा हम तोरा से मंगैछी रौऽ।
एतबे वचनियाँ मोतीराम सुनै छै
तरबा लहरिया मोती के चढ़लै
खडुआ नंगोटा हाथमे लेलकै
खेल बंद मोती जे केलकै
खीच-खीच दुलरा दुर्गा के मारै छै
हकन कनै छै मैया दुर्गा
भागल दुर्गा महिसौथा चललै
डर के मारे दुर्गा फलका पर से भागि गेलै यौ।।
मने मन मैया दुर्गा सोचैय
जो जो नै बेइमनमा भल हेतै
जहिना कबूला रौ हमरा केलही
सोना मंदिर नै हमरा बनबले
मुका कोड़ा से हमरा मारले
जइ कनियाँ के डोला फनबले
तीसीपुर से डोलिया लबले
त्रिया भल नै हम तोरा हुअ देबौ रौऽऽ।
योगिया जुमै छै महिसौथा नगर मे / मैथिली लोकगीत
योगिया जुमै छै महिसौथा नगर मे
ओहि समय के वार्त्ता छियै
दादा सलहेस भागि गेलै फलका पर
मोती दुलरूआ फलका गयलै
रेखा काटि महल से गयलै
अपना हाथ से रेखा कटै छै
हाथ बात रानी के कहै छै
सुनऽ सुनऽ हे रानी, सुनिले
नहिरा के गोहनियाँ एलै
रेखा टपि बाहर नइ जीहे
हमरा वचनियाँ सतबरती ने कटिहै गै।।
तब जवाब दुर्गा दइ छै / मैथिली लोकगीत
तब जवाब दुर्गा दै छै
सुनऽ सुनऽ जादूगर राजा
जब नै सत हमरा से करबै
तब नै हम अपन बात कहबऽ
हमरा संगमे सत राजा कऽदियै हौ
एतबे वचनियाँ राजा सुनैय
दुर्गा संगमे सत राजा करैय
तबे जवाब राजा के कहै छै
राज महिसौथामे मोती बसै छै
जाति दुसाध आय कुल कहबै छै
ओकरे त्रिया कुसमावती
ओकरे हरि के जादूपुरमे लबिलियौ हौ
एतबे वचनियाँ राजा सुनै छै
उनटा राजा धरतीमे गिरै छै
जो जो बेइमनवी भल नै हेतै
सत करा के धोखा देलही
तब जवाब देवी दुर्गा दै छै
सुनि ले बेटा राजा दरबी
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
योगी बनि के ड्योढ़ीमे जइहऽ
कुसमा हाथ से भीक्षा लिअ
सत करा कुसमा से लिहऽ
भीक्षा दैलय रेखा टपतै
हरि के कुसमा ड्योढ़ी से लबियौ
हरि के कुसमा हमरा तू देखादियौ रौ।।
हौ भीक्षा मँगै छै कुसमा ड्योढ़ीमे / मैथिली लोकगीत
हौ भीक्षा मँगै छै कुसमा ड्योढ़ीमे
रानी के सब खबरिया कहै छै
नै तोरा नहिरा गोहनियाँ अयलै
योगिया धुनि रमौने छै
एतबे वचन मंुगीया बजै छै
सवा सेर चाउर सोना थाड़ लै छै
नौरीया से भीक्षा योगया नै लै छै
भागल नौरीया महलमे जाइ छै
सब वरनन कुसमा के कहै छै
अपने रानी थाड़ी उठौलकै
दस पाँच टका लऽ कऽ
रेखा तर से रानीयाँ बोलै छै
सुनिले बाबा दिल के वार्त्ता
हमरा हाथ से भीक्षा लियौ
तब जवाब योगिया की दै छै
सुनिले रानी दिल के वार्त्ता
बान्हल भीक्षा योगी के नै लिखै छै
रेखा बाहर रानीयाँ भऽ जो
रेखा टपि के भीक्षा लेबौ
भीक्षा के लऽकऽ योगिया ड्योढ़िया से जयतै गै।
एत्तेक बात रानी कुसमा सुनै छै
मनमे विचार रानी करै छै
स्वामी गेलै फलका ऊपरमे
रेखा दऽ कऽ स्वामी गेलै
केना हौ बात स्वामी के कटबै
स्वामी वचनियाँ हम नै करै छी
खाली योगी ड्योढ़ी से जेतै
हमरा धरमुआ वध जखनी लगतै यौ।
रेखा टपि के जखनी रानी चललै
तीन कदम आ के एलै
नमैर के भीक्षा योगी के दै छै
जादू मारि राजा ने देलकै
आँखि आन्हर कुसमा के केलके
योगिया उठा कन्हा पर लै छै
भागल योगिया महिसौथा से चलि देलकै यौ।
डोलीया फनाँ के राजा भगलै
जादूपुरमे राजा गयलै
पलंग उपरमे रानी राखैय
जादू वापस रानी से करैय
पल खोलि कुसमा के गेलै
तब हकनमा कुसमा जादूपुरमे कनै छै
जो जो बेइमनमा भल नै हेतौ
योगिया बनिके हमरा हरलऽ
योगिया नै छीयै, छीयै रसभोगिया
स्वामी अबिते फलका उपर से
कोहबर घरमे दुलहिन
खाली कोहबर स्वामी देखतै
केना धैरजवा आइ निर्मोहिया हमरा रहतै यौ।
एत्तेक बात रानी सुनै छै / मैथिली लोकगीत
एत्तेक बात रानी सुनै छै
मने मन कुसमा सोचैय
हाय नारायण हाय ईश्वर जी
केना ब्याह हमहुँ करबै
जुलुम बीतै छै महिसौथामे
राजा के जवाब दैये
सुनऽ सुनऽ हे राजा दरबी
हमरा संगमे सत राजा करियौ
तब आय ब्याह तोरा से करबै
लाल पलंग सेजीयामे सुतबै
मन के ललिसवा तोरा पुरा हम कऽ देबौ रौ।
एत्तेक बात रानी कुसमा कहै छै
कुसमा संगमे सत राजा केलकै
तब रानी कुसमा कहैय
बारह बरिस हम स्वामी बटिआ जोहबै
चौबटिआ पर खराँत आय बँटबै
तेरह बरिस आय जइ दिन पुरतै
तेरह बरिस आय हमरा ब्याह करीहे
बारह बरिस हमरा स्वामी बटिआ जोहबै हौ।
हौ रानी बचनियाँ राजा करै छै / मैथिली लोकगीत
हौ रानी बचनियाँ राजा करै छै
चौबटिआ पर बंगला बनाबैय
चौदह कोशमे ढ़ोल दियबै
कुसमा रानी खँरात बाबू बँटै छै
जादूपुर के बात आब जादूपुर नै रहलै
जादूपुर के बात आब फलका पर एलै
कोहबर घरमे दुलरूआ गयलै
खाली घर कोहबर राज महिसौथा
हकन मोती कोहबरमे कनै छै
सब हलतिया मुंगीया कहै छै
तहि कारण मोती पगला बनलै
त्रिया कारण बतहबा बनल छै
राज महिसौथा गादी छोड़लकै
नगरे-नगरे घुरल फिरै छै
भागल मोतीराम जादूपुर गयलै
कुसमावती रानी कुसमा बाँटै छै
सबके खराँत रानीयाँ बँटै छै
कुसमा लगमे पगलबा जाइ छै
त्रिया सतमे मोतीराम छेलै
आगू के थाड़ी कुसमा दै छै
जहर समान मोती के लगै छै
लात से थाड़ी मोती ठेलै छे
सरबर नीर नैना से ढ़ारै छै
तबे जवाब मोतीराम दै छै
किया यै कारणमा खराँतबा बैटै छै
तेकर खबरिया हमरा कहि दे
त्रिया वियोगबा से पगलबा कनियाँ भगेलीयै गै।
दुश्मन एलै ड्योढ़िया उपरमे / मैथिली लोकगीत
दुश्मन एलै ड्योढ़िया उपरमे
बान्हि के हाजत घरमे दऽ दे
जल्दी बान्ह दुश्मनमा के बान्हि दे
जादू मारि मोती के मारै छै
आँखिक आन्हर मोती के भऽ गेल
उनटा बान्ह मोती के बान्हलकै
हाजत घरमे मोती के देलकै
हाजत घरमे दुलरा कनै छै
तब सुमिरन दुर्गा के करै छै
सुन गे मैया दुर्गा देवी
कथी ले हकन मैया हमरा कनाबै छै
तेकर खबरिया हमरा कहि दे
जइ दिन जेबै राज महिसौथा
अपना हाथ से पूजा देबौ
बान्हबा खोला कऽ हमरा लऽ चलियौ गै।
एतबे वचनियाँ मोतीराम कहै छै
दुर्गा मैया के दा उबजि गेल
जेल के घरमे दुर्गा जुमि गल
सुन रौ बौआ तोरा कहै छी
पूजा मँगैले फलका पर गेलीयै
हाथ से कोड़ा हमरा मारले
तकर समानवा जेलमे भोगै छै रौ।
एत्तेक बात मैया दुर्गा कहै छै
कर जोड़ि मोती जे कहैय
चल चल मैया महिसौथामे
सोना मंदिरबा तोरा बनेबौ
अपन हाथ से पूजा करबौ
हमर बान्हबा मैया खोला दियौ गै
मैया दुर्गा के दया उबजि गेल
भागल गेलै राज महिसौथा
ड्योढ़िया उपरमे मैया जुमलै
साँमैरवती के नजरि पड़ि गेल
अपने साँमैर कुरसी छोड़लक
मैया दुर्गा के आसनी के दै छै
सब खबरिया मैया बता देलकै गै।।
जेकरे धऽ कऽ महिसौथा रहले
कुसमा हरण ड्योढ़ि से भऽ गेल
मोतीराम के बान्ह बेटी लगलै
जादुपुरमे हकन कनै छै
साथ लगा बनसप्ति के लियौ
बड़ जादूगीरनी बनसप्ति लगै छै
जादू के मारि जादूपुरमे लड़तै
बनसप्ति महिसौथा बजौलकै
दुनु ननद-भौजइया मिलिकऽ
जादुपुरमे गयलै हौ
बात-बातमे झगड़ा बझलै
मन बढ़ल राजा के छेलै
जादू लड़ाइ जादूपुरमे भेलै
अग्निबाण वनसप्ति लड़ै छै
जादुगर राजा मूर्च्छित भऽ गेलै
सुन गे रानीयाँ दिल के वार्त्ता
अपना कहब से गै रानीया हरली
दुर्गा मैया सत करौलकै
दुर्गा बात पर रानी हरलीयै
हमरा गलती माफी रानीयाँ कऽ दियौ गै।
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