हौ ताबे पलटन सभ राजा के दिल होइये / मैथिली लोकगीत
हौ ताबे पलटन सभ राजा के दिल होइये
चन्द्रा बात तऽ राजा केहलकै
तहि असरमे चाँड़ चुहरमल
पहरा करै छै राज पकरिया कंचनगढ़मे
आय मंशी मनेजर बोलेबै
कड़ा हौ सवाल राजा के छेलै
तबे जे जवाब राजा जे करै छै
सुनऽ सुनऽ हौ मंत्री बौआ
हौ चाँड़ चुहर के नौकरी छोड़बीयौ
आब नै पहरा चुहरा करैय
केना के चन्द्रा बेटी कोहबर घरमे रहतै यौ।।
हौ भागल पलटन जेलमे गयलै / मैथिली लोकगीत
हौ भागल पलटन जेलमे गयलै
दादा सलहेस के बान्ह खोलै छै
छगुन छगुन मन देवता के करैय
हाय नारायण हाय ईसबर जी
तब जेलमे हमरा लऽ जयबै
तब जवाब नरूपिया दइ छै
सुनि ले पलटनियाँ रौ दिल के वार्त्ता
कोने जेलमे हमरा तू लऽ जाइ छीही रौऽऽ।
हौ तब रानी चन्द्रा बोलै छै / मैथिली लोकगीत
हौ तब रानी चन्द्रा बोलै छै
सुन ले हौ बाबू दिल के वार्त्ता
जै चोरबा के बान्ह बन्हलहक
आय चोरबा के खोलि के लबीयौ
हा ओकरा से आय नौकरी कराबीयौ
बिना दरमाहा के नौकरी करतै
चुहरा बदलामे नौकर ओकरा राखि दीयौ यौ।
आब वरनन प्रेमी चुहरा के सुनियौ / मैथिली लोकगीत
आब वरनन प्रेमी चुहरा के सुनियौ
हा घर लगै छै मोकमागढ़मे
राजा चन्द्रसेन के बेटा लगैय
हौ चौदह कोश आय मोकमा बीचमे
हा सात सय हर मोकमा मौजेमे बहैय
सात सय चर के हेड मैनेजर
बैठले हिस्सा चुहर के मिलै छै
से तऽ आइ चुहरा किया नौकरी किया करै छै यौ।
हौ जाहि दिन जनमुआ चन्द्रा
पकरियामे लऽ लेलकै
तहि दिन से नौकरी चुहरा करैय
हौ बाहर बरिस आय मोकमा से छुटलै
राज पकरियामे चुहरा के मिलै छै
बारहो बरिस आय नौकरी करैय
चन्द्रा कोहबर पहरा छेलै
हौ चन्द्रा खबरि महलमे गेलै
स्वामी बान्हल जेलमे गयलै
केना स्वामी करबै नौकरिया
छली-बल-कल के चन्द्रा बुधि आय रचै छै यौ।
हौ रानी चन्द्रा बुधि रचैय
भागल गयलै ड्योढ़ी परमे
सभुआ लागल ड्योढ़ी पर छेलै
तहि बीचमे चन्द्रा बोलीया की बोलै छै।
सुनियौ हौ बाबू दिल के वार्त्ता
जहि दिन से चुहरा नौकरी करै छह
आब नै चुहरा पहर नै दइहऽ।
बारह बरिस के उमरिया लगै छै
अल्फा वयस तरूणीया बीतलै
घर-घर दुश्मन पकरिामे लगै छै।
चुहरा हौ बुढ़ पकरिया भऽ गेल
कहिया नै पहरा चुहर करै छै।
सभ दिन जाइ छह हौ टेढ़ीया बाजारमे
दारू पीयै छै चाँर चुहरमल
सात टिन दारू चुहरा पीबै छै
कहियो ने पहरा बाबू चुहरमल करै छै हौ।
हौ एत्तेक बात नरूपिया देवता सुनै छै / मैथिली लोकगीत
हौ एत्तेक बात नरूपिया देवता सुनै छै
मनमे विचार नरूपिया करैय यौ
सुन ले हौ राजा सुनि लै हौ राजा दरबी
जेल के घरमे हमरा बन्हियौ
हम नइ नौकरी ड्योढ़ीमे करबै
नाम हँसी हमरा हेतै
जखनी जे बुझतै बौआ मोतीराम
हमरा नाम हँसी महिसौथा गढ़मे होयतै यौ।
हौ एत्तेक बात जे देवता कहै छै
तेकर जवाब आइ राजा कहैय
सुनऽ सुनऽ हौ दादा नरूपिया
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
अढ़ाई दिन खातिर नौकरी गछियौ
नौकर खोजि लेबै कोहबर घरमे।
चुहर नाम आय खारिज देवता कऽ दैबै हौ।।
राजा के बात आय देवता मानै छै
तखनी नौकरी खारिज चुहर के भेलै
तब जवाब हौ राजा करै छै
सुन ले बौआ बौआ पलटनियाँ
कत चुहरा कत छेलै
जल्दी मँगा चुहरा के दियौ
जते दरमाहा चुहर के हेतै
सभ दरमाहा चुहर के दहक
दरमाहा दऽकऽ चुहरा के बेला दीयौ हौ।।
हौ तब जवाब डाकू चुहरा दै छै / मैथिली लोकगीत
हौ तब जवाब डाकू चुहरा दै छै
सुनऽ सुनऽ गै मैया दुर्गा
गै जातिमे पंछी कौआ लगै छै
बर चटपटिआ लौआ लगै छै
कुटनीमे तू दुर्गा दुचारैन छीही
घर-घर झगड़ा दुर्गा लगबै छै
गै जाबे नै सत मैया दुर्गा करबै
ताबे नै दुःख वरणन हम कहबै
हमरा संगमे सत मैया कऽ दियौ यै।।
हौ सत दुर्गा मंदिरमे कऽ देल
तब दुःख वरनन चुहरा कहैय
सुनि लय गे देवी देवी असामरि
नौकरी जे केलीयै राज पकरिया
बारह बरिस मैया नौकरी रहली
बिना कसूरमे नौकरी छोड़ौलकै
कहियो ने घी के घैइल हरेलीयै
नीमक खेलीयै सैरियत देलीयै
कहियो सुरति चन्द्रा के नै देखलीये
बहिन समान चन्द्रा मानली
बिना कसूरमे मैया नौकरी हमरा छोड़ा देलकै गै।।
चलहु के बेरमे बेइमनमा दरमाहा
किया रोकि लेलकौऽ यैऽऽ
आ एको पाइ दरमाहा चुहरा
के मैया नै देलकै गै।।
तहि कारण हम सत करौलीयै
आ केना के जेबै मोकमागढ़मे
केना के मुँह मोकमा देखेबै
गै राज पकरिया गै चोरी करबै
तहि कारण मैया सत करौलीयै
चोरी के रंग हम नइ जनै छी
चोरी समान मैया हमरा तू दऽ दियौ गै।।
हौ भागल चुहरा मंदिर से चललै / मैथिली लोकगीत
हौ भागल चुहरा मंदिर से चललै
जहाँ हौ मंदिर विशकर्मा के
बाबा विशकर्मा लगमे चुहरा जुमलै
सत बाबा से चुहर करौलकै
सिन्ह सिन्हकटवा बाबा से लेलकै
सब वरनन चुहर बाबा के कहलकै
सत करा सिनकाट्ठा लेलकै।
जबे जवाब चुहर जे करैय
सुन हौ बाबा दिल के वार्त्ता
हौ चोरी करबै राज पकरिया
सभ हलतिया बाबा के कहलकै
एतबे कहि के चुहरा भागल जाइ छै
हौ पेरा अधपेरिया दुर्गा मैया
दरशन दै छै डाकू चुहर के
तब जवाब आय चुहर कहैय
सुन गै देवी देवी असामरि
सिन्ह सिन्हकाटा बाबा से लेलियै
आ कोन बुधि से चोरी करबै
चोरी भेष मैया हमरा बताबीयै
केना चोरी पकरियामे करबै गै
हौ तब जवाब पलटनियाँ दै छै / मैथिली लोकगीत
हौ तब जवाब पलटनियाँ दै छै
सुन हौ चुहरा दिल के वार्त्ता
हय नौकरी छुटलऽ राज पकरिया
हा आब नै नौकरी चुहर करै छह
टेढ़ीया बाजारमे दारू पीयै छह
तहिलय नौकरी राजा छोड़ा दइ छै हौ।
एत्तेक बात चुहर सुनैय
हा मने मन चुहरा सोचै छै
सुन सुनह राजा दरबी
दिल के वार्त्ता तोरा कहै छी
हौ जहिया से एलीयै हौ राज पकरिया
कंचनगढ़मे देवता जुमि गेल
आ एको बेर हाक चुहर मारै छेलै
तीन कोश अवाज जाइये
चुहरा अवाज से कुत्ता भुकैय
नीमक खेलीयै सैरियत देलीयै
कहियो नै गैरहाजिर भेलीयै
सभ दिन पहरा ड्योढ़ीमे केलीयै
किया करणमा राजा नौकरी हमरा छोड़ाबै छह हौ।।
तेकरो हलतिया हमरा बता दियौ यौ।
हौ एत्तेक बात आय चुहरा सुनै छै / मैथिली लोकगीत
हौ एत्तेक बात आय चुहरा सुनै छै
हा तबे जवाब आय चुहरा दै छै
सुनियौ यौ मालिक दिल के वार्त्ता
हम आय जेबै मोकमागढ़मे
हमरा बदला के नौकरी करतै
तेकर सुरतिया हमरा देखबीयौ
कनी सुरतिया हम आय नजरि से देखबै यौ
हौ सोझहामे सीरी नरूपिया छयलै
आ अलख नजरिया चुहर के पड़ि गेल
मने मन विचार करैय
सुनऽ सुनऽ हौ दादा नरूपिया
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
केना एलऽ राज पकरिया
केना के नौकरिया हमरा देवता छोराबै छहक हौ।।
हौ केना नौकरिया हमरा छोड़ाबै छह।
जाति दुसाध नरूपिया कहाबै छह
जाति मगहिया हम छीयै
हमर नौकरी नै देवता छोड़बीयौ
इनती करै छी विनती करै छी
दस नह देवता हम जोड़ै छी
हमरा नै पहरा नौकरी देवता करियौ यौ
एत्ते बात आय चुहरा कहै छै
तब नै नरूपिया बोली बोलै छै
हकन बिकन आय चुहर कनैय
हौ अपना हाथ के लाठी आय रखलकै
अस्सी मन के डंटा छेलै
तब जवाब राजा के कहैय
सुनियौ मालिक दिल के वार्त्ता
जे क्यो अस्सी मन के डंटा उठौतै
तब बुझबै नौकर रहतै
हमरा बदलामे नौकरी करतै।
एत्ते जाँचवा मालिक ड्योढ़ी परमे दै छीयै यौ।
सुनियौ हौ राजा राजा दरबी / मैथिली लोकगीत
सुनियौ हौ राजा राजा दरबी
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
बारह बरिस के नौकरी केलीयऽ राजा ड्योढ़ीमे
सभ दरमाहा जोड़ि के दऽ दय।
चलि जेबै हम मोकमागढ़मे।
सब दरमाहा राजा जोड़ि कऽ हमरा दऽ दिअ हौ।
एत्ते बात चुहरा बोलै छै
तब जवाब राजा सोचैय
सुन हौ पलटन जल्दी सुनिलय
जल्दी हिसाब चुहर के कऽ दय
कते दरमाहा चुहर के लगैय
फटाफट हिसाब मंशी जखनी करैय यौ।।
काटि-खोटि के बराबर केलकै
दरमाहा बेइमानी चुहर के करै छै
उनटे गिरामी चुहर पर गिरौलकै
सुनऽ सुनऽ हौ चुहर सुनिलय
हौ सभ दरमाहा हौ चुहरमल देलीअ
एको पाइ दरमाहा तोहर नै रहलऽ
दुइ पाय गिरानी गिरलऽ
तोरा पर गिरामी चुहरा गिरलऽ
एत्तेक वचनियाँ मंशी बजै छै
देहिया के बस्तर चुहर के छिनै छै
सवा लाख के जर्सी छीन लेल
डाँर के धोतीया चुहर के छीनैय
हकन-बिकन चुहर कनै छै
सुनऽ सुनऽ हौ राजा दरबी
कथी लय बेजत्तीया चुहर के करै छह
एहु तऽ धरमुआ नै बेइमनमा तोरा चाहै छह हौ।
हौ डाँर के धोतीया चुहरा लैलकै
नांगटे देह चुहरा भगाबैय।
हकन-बिकन चुहरा कानैय
सुनऽ सुनऽ सुनि ले गै चन्द्रा सुनिले
दिल के वार्ता तोरा कहै छी
जहिना तू हमरा नौकरी छोड़ौबलै
बिना कसूर के नौकरी छुटलै
एको पाइ दरमाहा नै देलही
उनटे गिरानी राजा गिरौलकौ
गै सवा लाख के जरसी छिन लेल
बाइस हाथ के दोपटा छिनलकै
नंगटे चुहरा ड्योढ़ीमे रहलै
एको रत्ती दया नै लगलौ
कान पकड़ि के चुहरा के ड्योढ़ी से निकालै छै यौ।
से कनिते चुहरा हौ प्रेमी
हाय ड्योढ़ी पर से जाइ छै-2 यौ
हाय कनिते चुहरा ड्योढ़ी से निकललै
तब जबाब चन्द्रा के दै छै
सुनिलय गे चन्द्रा दिल के वार्त्ता
तहि तऽ लोभ से नौकरी छौड़ौलकै
बाप से भेंट तोरा हम करबौ
शादी नै भोग तोरा नै होयतौ
शादी करबै हम आय कोहबर घरमे गै।
एतबे कहि के चुहरा भगलै
दादा सलहेस के उरदी भेटलै
कोहबर घर के पहरा भेटलै
कोहबर घरमे नरूपिया जुमि गेल
चन्द्रा आय कोहबरमे पहरा करै छै
भागल चुहरा मोकमा जाइय
अधपेयिा चुहरा जुमि गेल
मने मन विचार चुहर करैय
हाय नारायण जुलुम बीतै छै
बारह बरिस हम नौकरी केलीयै
एको पाइ दरमाहा नै देलकै
सवा लाख के जरसी लऽ लेल
बाइस हाथ के दोपटा छिनलक
डाँर के धोती छिनलक
केना कऽ जेबै हम मोकमागढ़मे यौ।
कौने मुँहमा धराकऽ मोकमामे जयबै।
केना जेबै मोकमा नगरमे यौ।
एत्तेक बात आय चुहर सोचै छै
हम नइ जेबै मोकमा नगरमे।
जाबे हम चोरी नै पकरिया करबै
भागल चुहरा दुर्गा लग जाइ छै
दुर्गा मंदिर चुहरा गेयलै।
हकन बिकन चुहरा कनैय।
देवी घरमे चुहरा गिरैय।
सुनिलय गे सुनिलय देवी असामरि
हा तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
कनी दरशनमा देवीया हमरा दऽ दीयौ यै।।
तब जवाब गंगा मैया दै छै / मैथिली लोकगीत
तब जवाब गंगा मैया दै छै
सुनिलय हौ डाकू डाकू चुहरा
हमरा नाम से सिन्ह मारीहौ
जइ दिन चोरी चुहरा करबे
किया चढ़ौना हमरा देबही
तेकर हलतिया हमरा कहिदे
कबूला कऽ दे घाट सिमरिया
हमर चढ़नमा बौआ चुहर हमरा कहि दे रौ।।
हौ सिन्ह मारि देलकै घाट सिमरिया / मैथिली लोकगीत
हौ सिन्ह मारि देलकै घाट सिमरिया
आ घड़ी चललै पहर बीतै छै
छः मास चुहर के सिन्हमे बीतलै
छठमा मासमे पकरिया जुमि गेल
पख अन्हरिया जइ दिन बीततै
राति अमवश्या चुहरा जुमि गेल
मने मन विचार मैया दुर्गा करै छै
सुनऽ सुनऽ हौ डाकू चुहरा
हौ देवता आइ पहरा करै छै
जाबे पहरा नरूपिया करतै
तऽ केना चोरी पकरिया करबऽ
केना आइ चोरी चुहरा कोहबरमे करबीही रौ।।
हौ राज दुअरे हौ देवता धुरै छै / मैथिली लोकगीत
हौ राज दुअरे हौ देवता धुरै छै
हा कोइ नै गाँजा दादा के दै छै
हा चौदह कोश पकरियामे घुरलै
हौ मने मन दादा नरूपिया सोचै छै
हे ईश्वर जी तोरा कहै छी
केहेन हौ यात्रा हमरा छेलै
कोइ नै गाँजा हमरा पीयबै छै
केना के गाँजा हमरा के पीयौबतै यै।।
हौ राज मोरंगमे बचबा बसै छै
बचबा धमिनीयाँ नाम लगै छै
जतरा केने गंगा नरूपिया
अलखरूपी नरूपिया छेलै
जहि दिन बचबा लेलकै
सोइरी घरमे अँचरा बन्हने
हे ईश्वर जी तोरा कहै छी
हा नाम सुनै छी सीरी सलहेस के
बड़ सतबरता देवता लगै छै
कहिया दरशनमा नरूपिया देवता दैतै यौ।
भागल चुहरा सिमरियामे जुटि गेल / मैथिली लोकगीत
भागल चुहरा सिमरियामे जुटि गेल
पहिल छह सिमरियामे मारैय
एक्के छह आय माटि फेकैय
गंगा के नाम से हौ माटि चुहर फेकैय
बान्ह पड़ि गेल गंगाजी के
बुढ़िया रूप मैया गंगा धेलकै
चुहर लगमे खाड़ा भऽ कऽ
तबे जवाब मैया गंगा कहै छै
सुनऽ सुन हौ डाकू चुहर
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
किय कारणमाँ बान्ह जे बान्हलऽ
तेकरो हलतिया बौआ हमरा तू बता दियौ हौ।।
हौ दादा बटिआ बचवा जोहै छै / मैथिली लोकगीत
हौ दादा बटिआ बचवा जोहै छै
कहिया स्वामी पलंग पर अऔतै
गाँजा पीतै मन भरमौतै।
स्वामी दरशन हमहुँ करबैय
तहि असरमे देवता जुमि गेल
हौ बचवा दुअरिया पर देवता जुमि गेल
गाँजा-गाँजा जे दादा कै छै
दौड़कऽ बचवा ड्योढ़ीमे एलै
गाँजा आइ भरि के बचवा जखनी रखने छै।
देवता नरूपिया पलंगिया पर बैठलै
चिलम भरि के गाँजा देलकै
एकहि दम आइ गाँजा पीबै छै
एक्के दममे गाँजा आइ सठलै
हा तबे जवाब नरूपिया दै छै
सुन हय रानीयाँ दिल के वार्त्ता
युग-युग जीय हे सखी बहिनीयाँ
गै चौदह कोशमे पकरिा घुरली
कोइ नै गाँजा दादा के देलकै
तोहरा दुअरिया आय गाँजा आइ पीलीयौ यै।
एक्के चिलम गाँजा आओरी पीयबीते
मारे आशीष हम तोहरा दीतीयै
एत्ते बात जे बचवा सुनै छै
मेदनी फूल हौ गाजा लेटाबै
सोना चिलममे हौ गाजा भरैय
रूपा ठेकरिया बचवा दै छै
अँचड़ा फाड़ि पलीता देलकै
गाँजा पीके देवता मनवाँ भकुआ गेलै हौ
हौ जाहि समयमे देवता गाँजा पीयै छै
खाली कोहबर चन्द्रा के पड़लै
तब जवाब देवी दुर्गा दै छै
सुन हौ डाकू चुहरा सुनिलय
कोहबर घर से हौ देवता भागि गेल
तहि असरमे बेटा सिन्ह जब खनियेऽ
खाली महल चन्द्रा के लगैय।
खाली कोहबर आइ चन्द्रा के पड़ि गेलैय यौ।।
तहि असरमे चुहर सिन्ह फोड़लकै
बीचे महलमे सिन्ह फोड़ै छै
खड़ेदार ड्योढ़ीमे ठहरे
सात सय पलटन पहरा दै छै
तीन सय साठि तिरहुतिया
टेंटीआ फेंटीआ मंगल कीरतिया हौ
गिरबीर सिरबीर बोलै पहरिया
तीन सय साठि तिरहुतिया छौड़ा
घुरि-घुरि पहरा पड़लैय
खाली कोहबर चन्द्रा के पड़ि गेलै हौ
तहि असरमे चुहर बोलै छै
सुन गे सुन देबी देबी असावरि
ड्योढ़ी पर पलटनिया जानै
गै जेहे दुश्मन हमरा नौकरी छोड़ीलकै
आ डाँर के धोती ड्योढ़ीमे छिनलकै
केना के चोरी मैया हम की करबै गै
तहि असरमे दुर्गा कोन काम करै छै
सात पुड़िया नींद छींटै छै
सब पलटनियाँ के जहर लगैलै
नींद जे लगलै छौड़ा पलटनियाँ
रहि-रहि हॉफी ड्योढ़ी पर करै छै
जादू के नींद मैया दुर्गा छींटैय
ठामे-ठाम पलटनियाँ सुतलय।
तहि असरमे डाकू चोरी करै छै यौ।
कोहबर घरमे चुहरा पसि गेल
तखनी कबूल दुर्गा कराबै छै
सुन रौ चुहरा दिल के वार्त्ता
हमरा संगमे सत चुहरा कऽ दे।
जेना-जेना मोन हेतौ तेना-तेना करीहै।
चोरी मन से कोहबरमे करीहै
मन से चोरी चुहरा कोहबरमे करीहै रौ।।
दुर्गा सतमे सत करै छै
सुन गे दुर्गा दिल के वार्त्ता
एक सत दू सत ब्रह्मा बिशुन सत
जे नहि तोहर कहल मैया करतौ
अस्सी कुंडमे चुहरा कुदतै
हमरा नमुआ दुनियाँमे नै चलतै गै।
एतेक बात डाकू चुहर कहैय / मैथिली लोकगीत
एतेक बात डाकू चुहर कहैय
मार-मार जे दुर्गा रोकै छै
सुन रौ डाकू चुहर सुनि ले
सत रौ केलही कोहबर घरमे
सतयुग छीयै कलयुग अऔतै
सत बारल चुहरा नै रहतौ
युग-युग नाम दुनियाँमे नै चलतौ रौऽऽ।
हौ गात के चोलिया हौ सवा लाख के
मखमल चोली गातमे पेन्हने
सात सय दरजी सीकऽ मरलै
तइयो चोली उबाइने रहि गेल
से चोलीया चन्द्रा गात लगौने
बिना बटन चोली लगै छै
सबे समान चुहरा मोटा बन्है छै
घुरि-घुरि चुहरा चोली निङहारै
केना अय चोलीया मैा गात से चोरेबै गै।
केना के चोलीया गै गात से लेबै गै
सत नै धोखामे गै मैया करबीयौ
तिरिया मानि पलंग पर चढ़ितौ
रंग रभस पलंगा पर करिती
गात से चोली चन्द्रा के लइतीयै
मन के ममोलबा कोहबरमे मिटा दैतीयै गै।।
हौ महिमा हौ डोलि गेलै नारायण जी के
सबे समान चहरा काँख लगबैये
कोहबर घर से चुहरा जाइये
घुरि घुरि चुहरा गात निङहारै
हौ असली निशानी चोलीया रहलै
ताहि समयमे दादा नरूपिया
बचबा वशमे देवता पड़ल छै
गाँजा पीकऽ देवता चलैय
बचवा धमिनियाँ दादा के घेरलै
सुनऽ सुनऽ हय दादा नरूपिया
बारह बरिस हम असरा लगौलीयै
स्वामी दरशन हमरा भेटल
दरशन दऽ कऽ नरूपिया जाइ छह
छत्तीस राग के बँसुली बजाबै छह
मुरली शब्द मयूर नचैय
एक्के रती मुरली बसुलिया सुनाबीयौ
कनीके तऽ हमरा सुना दे हय।।
हौ तहि समयमे दादा मुरली टेरै छै
भट-भट भट-भट चोली आय खुगलै
तखनी नजरि चुहरा के पड़ि गेल
तबे जवाब तऽ चुहरा दै छै
बामा हाथे चुहर चोली पकड़ै छै
आ एकटा हाला तखनी पड़लै
उनटे चोली चन्द्रा के छीनै छै
चोलीया के लऽकऽ आय डाकू जखनी भागि गेलै यौ।।
हौ एत्तेक बात जब चुहरा सुनै छै / मैथिली लोकगीत
हौ एत्तेक बात आय चुहरा सुनै छै
उठा-पठा देह कोहबरमे पटकैय
जो गै बेइमनमी नीक नै हेतौ
धोखामे हमरा सत करौलही
जइ दिन जनम पकरिया लेलही
अपना जानि के पहरा केलीयै
मन के ममोलबा मनेमे रहि गेल
जो गै बेइमनमी भल नइ हेतौ
केना धरमुआ चन्द्रा के लेबै मैया गै
हौ एत्तेक जे चुहरा कहै छै
सुनऽ सुनऽ सुन रे चुहरा
बहिन मानि पलंग पर चढ़ियौ
लाल पलंग पर चुहरा गेलै
सब समान चुहरा जे लैये
सवा लाख के गलामे गिरमल
हीरा हार गला से लैये
सब समान चन्द्रा के लै छै
सोना मुरटीया चुहर लैये
सवा लाख के गहना लै छै
जशम निशन चन्द्रा के लैये
सवा सेर के पायल चोराबै
पीटुआ चूड़ी हाथ से लैये
कान कनफूलिया कान से लैये
हौ बीजुआ नथिया नाक से लेलकै
टुमकी मुनकी नाक से लैये
माँग मंगटीका माँग से लैये
हीरा मोती के हार चोराबै
रूनकी झूनकी जुट्टी गुहल छै
डाँर डरकशना सोना के लैये
हौ सवा लाख के जरसी लैये
काड़ा-पजारा तइ पर छाड़ा
पथल नींद चन्द्रा के भऽ गेल
एको समधिया नइ चन्द्रा बुझै छै यौ।।
हौ ओतऽ से जतरा नरूपिया केलकै / मैथिली लोकगीत
हौ ओतऽ से जतरा नरूपिया केलकै
गाँजा पीकऽ मन भकुऔने
ड्योढ़ी पर ने देवता एलै
गाँजा पीकऽ हौ ड्योढ़ी पर सुतै छै
मने मन नरूपिया सोचै छै
भोर भेलै भिनसरबा भऽ गेल
चोरबा बेरिया टैरि ने गेलै
कोइ आय नै दुश्मन पकरियामे नै अयतै यौ।।
हौ चोरबा भागल मोकमा जाइ छै
घड़ी चलैय पहर बीतै छै
पले घड़ीमे गंगा लग एलै
सुखले हौ गंगा जल बरसौलकै
बिना जल के जल बहैय
रस्ता रोकि चुहरा के देलकै
तखनी चुहरा विचार करैय
तखनी चुहरा मने मन सोचै छै
केना पार हम सिमरिया हेबै
केना भागि कऽ मोकमा जेबै
केना हम पार गंगा हमरा कऽ देबै यौ।
बुढ़िया रूप मैया गंगा धेलकै
आगू से रास्ता चुहरा रोकैय।
सोना के चरखबा चुहरा हमरा
दऽ दीयौ यौ।।
हौ एतबे वचनियाँ हौ चुहरा कहलक / मैथिली लोकगीत
हौ एतबे वचनियाँ हौ चुहरा कहलक
हा भाठामे पानि भट्ठे सुखौलकै
सिरा पानि आइ सिरे सुखौलकै
सुखले गंगा चुहर पार करीयै
भागि कऽ आर चुहरा मोकमामे चलि जाइये यौ।।
हौ हकन मैया गंगा जी कनै छै
सुन रौ बेइमनमा डाकू चुहरा
जहिना हमरा चुहरा ठकलय
जते समान चोरी कऽकऽ लौलही
एकहु समान तोरा भोग नइ हेतौ
एकोटा समान आइ अभोगबा तोरा भऽ जेतौ रौ।।
सलहेस गीत मैथिली लोकगीत ( मुख्य पृष्ठ ) Salhes Geet Maithili Lokgeet
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