हौ जल्दी पकड़ि के रौ चोरबा के लबियौ / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
हौ जल्दी पकड़ि के रौ चोरबा के लबियौ
हा बान्ह बनिसार जेलमे देबै।
आ छीयै जाति के क्षत्री वंश के।
हौ केना हौ बिआह हम बेटी के करबै।
हा जाति दुसाध घरमे बेटी देबै।
नाम जे बूड़ि जेतै श्यामल सिंह के।
हा चीठीया लिखलबा आय देवता दयबै रौ।।
हौ एत्तेक बात पलटन सब सुनै छै
पीठीया ठोक पलटन सब केलकै
ताबेमे हजमा भागल जाइ छै
हौ गाम बँसबीटा लग हजमा जुमि गेल
गाम कटहरबा हजमा जुमि गेल
ताबे सिरहा मौजे हजमा टपलै
पीठीया ठोक पलटन सब केने छै
गाम हजमा बँसबीटा लग पकड़ि लेलकै यौ।
चाँप चढ़ा के छौड़ा हजमा के बन्हैय
भागल पलटन हजमा के लऽ जाइय।
पले घड़ीमे शमलगढ़मे जुमलै।
हकन बिकन छौड़ा हजमा जे कनैछै यौ।।
बान्ह तऽ जेल घरमे हजमा बान्हलै।
सात दिन हजमा के भऽ गेलै
मने मन विार सती साँमैर कै छै
श्यामलगढ़मे हजमा के पठौलीयै
सात दिन हजमा के बीतलै
अखन तक हजमा आइ घुरि कऽ नइ जखनी अयलै यौ।
कोन समधिया हम भेजबै यौ।
यौ एत्तेक बात हीरामनि सुनै छै / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
यौ एत्तेक बात हीरामनि सुनै छै
यार के चीठी यारके देलकै
भागल सुगना मैनीगढ़ जाइ छै
घड़ी के चलै छै पहर बीतै छै
पले घड़ी मैनीगढ़ जुमलै
चीठी दै छै अन्हेरबाट यार के
चीठी उठाके अन्हेरबाट पढ़ैय
तेकर जवाब अन्हेरबाट जखनी दै छै
सुनीयौ हौ सुनीयौ सुग्गा हीरामनि
हा जल्दी यौ चलियौ राज महिसौथा
भागल जाइ छै सुग्गा हीरामनि
अन्हेरबाट महिसौथामे जुमलै
हौ सुनियौ हौ वरणन श्यामलगढ़मे / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
हौ सुनियौ हौ वरणन श्यामलगढ़मे
हा श्यामल राजा श्यामलगढ़मे
हा बेटी जनम श्यामलगढ़ लेलकै
श्यामल सिंह के बेटी जनमल छै
हौ श्यामलवत्ती नाम जखनी पड़ि गेलै यौ।
हौ जइ दिन जनम श्यामलगढ़ लेलकै
शोइरी घरमे अँचरा बन्हलऽ
गै देवी दुर्गा देवी असावरि
अहाँ कहै छी दिल के वार्त्ता
बड़-बड़ लीला श्यामलगढ़ केलकऽ
बिना नाम के हाथ उठौलकै
शोइरी घरमे अँचरा बन्हने
गै तुलसी चौड़ा जल ढ़ारलकै
हाथी चढ़िकऽ गौड़ पूजलीयै
दीनानाथ के हाथ उठौलियै
सवा पहर दिन उठै बेरमे
माघ महीना गंगा नहेलियै
गंगामे एकटंगा देलीयै
गंगा माइ के सुमिरन केलीयै
बड़-बड़ लीला श्यामलगढ़ केलीयै
तऽ स्वामी वर महिसौथा मँगलियै
सासुर राज महिसौथा मँगलौं
विनती केलीयै शिव बाबा के
सात बहिनियाँ योगिनी पूजेलीयै
बड़-बड़ लीला श्यामलगढ़ केलीयै
हा बौआ बुधेर पर अँचरा श्यामल बान्हि लेलीयै यौ।
बारह बरिस आइ श्यामलगढ़मे बीतै छै
एकोनइ समधिया श्यामलगढ़ जाइयऽ।
तरूणी वयस मैया हमरा बीतै छै
कोहबर घरमे रानीयाँ कनैय।
सुनि ले गे देवी देवी असामरि
कते दिन कुमार हम रहबै।
बाबू बेइमान श्यामलगढ़मे भेलै।
गै बारह बीघा बाबू श्यामल सिंह रखने
के तऽ वीर आइ दुनियाँ जनमलै
हमर बात श्याम सिंह कहतै।
हौ प्रण केलकै श्यामलगढ़मे
राज श्याम सिंह बेटी दुनियाँ पैदा लेतै
ओकरे वीरा पान चढ़ौतै
सुनै छी मैया महिसौथा के
हमर ब्याह मैया कहिया हेतै
कोहबर घरमे दुर्गा जुमि गेल
सुनि गै देवी देवी असावरि
सबके बिआह सगुन वर भेलै
हमर बिआह मैया अगिया किया लगि गेलै गै।
हौ एत्तैक बात बोलै छै योगिनियाँ
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
एमरी दिन दिन ने बीतलै
हम जाइ छी राज महिसौथा
हम कहबै मोतीराम के
सात सय पाठा नित खेलाबै
डोलीयाँ फनाँ के तोरा जखनी लऽ जेतौ गै।
भागल दुर्गा महिसौथा के चलै छै
साँमैरवत्ती के दरशन करैय
घड़ी राति वोन अैगली बीतलै
घड़ी राति बोन पैछली बीतलै
गाम-गाममे बोल पडै छै
गीदड़ भालू गुड़गुड़ी मारै छै
सन सन सन सन गाला उठै छै
तहि तऽ समय दुर्गा कोहबर घरमे जुमि गेलै यौ।
हौ हकन कानि दुर्गा जे कहै छै
हा सुन गे बेटी साँमरिवती
सबके बिआह महिसौथा भऽ गेल
एक्के जे कुमार बुधेसर रहलय
ओकरा ले कनियाँ आइ जोगौलियै
शोइरी घरमे अँचरा बन्हलकै
बाँन्हल अँचरा बान्हल रहि गेल
वयस ुढ़ा गेलै बेटी श्यामल सिंह के
आइ बिअहबा दीअरबा के कऽ दीयौ यै।।
एत्तेक बात आय दुर्गा बोलै छै
हा अचकिं नींन साँमैर तोड़ै छै
झूकि प्रणाम दुर्गा के करै छै
सुन सुन गे देवी देवी असावरि
कोन बिपैत मइया तोड़ा पड़ि गेल
तेकर हलतिया मैया हमरा कहि दे
सब हलतिया मैया कहि देलकै यै।
एत्तेक बात सती साँमैर सुनै छै
मनमे विचार सती साँमैर करै छै
सब बिआह महिसौथा करेलियै
एकटा कुमार बौआ बुधेसर रहलै
स्वामी जे गेल छै बेलकागढ़मे
हा बौआ मोतीराम फलका पर खेलै छै
सात सय गै पाठा बौआ खेलाबय छै
हा केकरा समधिया श्यामल गढ़मे भेजबै गै।।
सुन सुन देवीया देवी असावरि
केना ब्याह बौआ के करेबय।
सुन सुन गै बेटी दुलहिनियाँ
सुग्गा हीरामनि ड्योढ़ी पर छै
जल्दी भेजियौ समाध आइ गे
सब मिलि बेटा बिअहीयौ
दिन लऽ कऽ हजमा जेतै
दिन मना हजमा के दही।
दिन मनाब श्यामल गढ़मे जइहौ।
हौ एत्तेक बात जे दुर्गा कहै छै
बेलकागढ़मे हीरामनि सुग्गा जुमलै
झूकि प्रणाम देवता के केलकै
सुनऽ सुनऽ हौ सुग्गा हीरामनि
कोन जरूरी तोरा पड़लौ
किया कारण हौ बेलका जुमलह
लेकर हलतिया हमरा कहिदह।
किया करणमा आइ बेलकागढ़मे एलहक यौ।
तेकर जवाब सुगना कहै छै
हा सुनऽ सुनऽ हौ राजा दरबी
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
हौ भेलै जरूरी मैलकिनियाँ के
हा जल्दी से चलियौ राज महिसौथा
आ जल्दी से चलियौ महिसौथा के नगरमे ने यौ।।
हौ एत्तेक बात नरूपिया सुनै छै
हा बेलकागढ़ से नरूपिया जुमलै
कोहबर घरमे जुमि गेलै
सुनऽ सुन हे स्वामी सुनिलय
दिल के वार्ता तोरा कहै छी
हा सभ के बिआह सब मिली केलऽ
बौआ मोती के ब्याह रचौलऽ
आ एक्केटा कुमार बुधेसर बौआ रहि गेलै।।
ओकर ब्याह जल्दी करबीयौ
हा कनियाँ जनमलै श्यामलगढ़मे
हा श्यामल सिंह के बेटी लगै छै
श्यामलबती नाम लगै छै
बौआ जोकर लड़की आइ श्यामलगढ़मे लगै छै यौ।।
हौ एत्तेक बात आइ देवता कहै छै / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
हौ एत्तेक बात आइ देवता कहै छै
हा बोली-ठोली सती साँमैर मारैय।
सुन सुन हौ स्वामी नरूपिया
धीर अइ जिनगी से मरि आइ जइयौ
हा केना कुमार तऽ बौआ रहतै।
नाम आय हँसी महिसौथामे भऽ जेतऽ हय।।-2
हौ एत्तेक बात सती साँमैर कहै छै
मनमे विचार नरूपिया करै छै
हा ठीके बात सती दुलहिन कहै छै
सुग्गा हीरामनि के ऑडर दै छै
सुनऽ सुनऽ हय सुगा हीरामनि
भागल जइयौ हजमा लगमे
बाखरि गाममे हजमा बसै छै
चन्देसरा जे नाम लगै छै
जल्दी बोलाके आइ हजमा के लाबि दीयौ यौ।
हौ एत्तेक बात सुगना सुनै छै
भागल सुगना हजमा बजबै छै
आ सभुआ लागल महिसौथा लगै छै
झुकि के प्रणाम हजमा देवता के करै छै यौ।
हजमा के देखि देवता ऑडर दै छै
चीठी के लऽकऽ श्यामलगढ़ के भेजै छै
श्यामगढ़ लऽकऽ चीठी जइयौ
श्यामल सिंह के चीठी दइहै
हा खबरिया श्यामल सिंह के कहियै
बदियल बुधेसर जनमल महिसौथामे
तेकरो बिअहबा दिन लऽकऽ जइयौ
मने मन हजमा विचार आइ करै छै
हे देवी दुर्गा जै देवी असावरि
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
प्रेम चंडाल हय राजा लगै छै
जखनी जेबै श्यामलगढ़मे
सात सय बन्हुआ नित बन्है छै
क्षत्री जाति के बेटा लगै छै
केना आय चीठी लऽक जेबै
केना आय चीठी राजा के देबै
केना के दिन राजा मनाके मैया अयबै गै।।
से जल्दी जइयौ श्यामलगढ़मे / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
से जल्दी जइयौ श्यामलगढ़मे
एत्ते बात जे सुनै अन्हेरबाट
तरबा लहरिा मगज पर चढ़लै
हा सुनियौ सुनियौ बौआ मोतीराम
सात सय पाठा हमहुँ खेलाबै छी
सात सय गइया मैनीगढ़मे चराबै छी
हा सात सय गाय के दूध पीबै छी
हा हमरा अछैत हमरा हजमा के बान्हि देलकै यौ।
हौ बाप से भेंट हम राजा के करबै
आ जतरा कऽ देल श्यामलगढ़ के।
भागल अन्हेरबाट श्यामलगढ़मे जाइये
सब पलटन ड्योढ़ी पर बैठल
बात-बातमे झगड़ा बझलै
हा सबे ठेकान अन्हेरबाट कही देलकै
तरबा लहरि अन्हेरबाट के चढ़लै
बात-बातमे झगड़ा बझि गेल
हा उनटा बान्ह अन्हेरबाट के बान्हैय
चाँप चढ़ा राजा जे देलकै
जेल के घरमे देलकै अन्हेरबाटके
हा हाजत घरमे अन्हेरबाट पड़लै
हकन-बिकन कानै अन्हेरबाट जेलबा के घरमे यौ।।
सुनिलय गे सुनिलय बेटी असावरि
हम नइ जनलीयै एहेन छीयै
प्रेम चंडाल राजा जी हेतै
केयो समधिया महिसौथा मइया जइतै गै-2
हौ एत्तेक बात अन्हेरबाट बजै छै
मैया दुर्गा दरशन देलकै
सबे खबरिया दुर्गा के कहै छै
दुर्गा मैया भागल जइयौ राज महिसौथा
कोहबर घरमे दोस्तीनी हमर होयतै
हा सबे खबरिया दोस्तीनीयाँ के दइहै
बन्हबा खोलाके हमरा लऽ जेतै गै।।
हौ एत्तेक बात दुर्गा कहै छै
मनमे विचार साँमैर करैय
हा प्रेम चंडाल राजा लगैय
केना बिआह बुधेसर के करेयबय।
केना के बान्ह अगुआ सभके खुलतय यौ।
हौ सुग्गा जे चललै जोगिया नगर के / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
हौ सुग्गा जे चललै जोगिया नगर के
घड़ी चलैय पहर बीतैय
पले घड़ीमे जोगिया के जुमलै।
चनन गाछ तर बुढ़िया बैठल
नीरसौ भीलीनियाँ डलियाँ बीनैय
झूकि प्रणाम सुगना जे केलकै
उपरमाँहि नजरि खिराबैय
सुगना शरीर रूप बुढ़िया देखैय
छाती पीटैय नीरसो भीलीनियाँ
हौ एत्तेक दिन जोगियामे बसलीयै
हा एहेन सुगना कहियो नै देखैलीयै
केहेन रूप तऽ आइ सुगना के लगै यौ।
ताबे जवाब बुढ़िया नीरसो दै छै
सुनऽ सुनऽ हौ सुगना सुनिलय
दिल के वार्त्ता तोरा कहै छी
कतऽ रहै छी कतऽ बसै छी
हा केकर पोसल सुगना छिअ
तेकरो हात हमरा कहिदय
हा किये कारण जोगियामे एलऽ
सब तऽ समाखा हमरा सुगना बता दीअ यौ।।
हौ एत्तेक बात हीरामनि सुनै छै
तबे जवाब सुगना दै छै
सुन गै मैया मैया नीरसो
गै हम जे जाति पंछी छीयै
धौलागिरी के वासी छीयै
गै सीरी नरूपिया सीरी सतबरता
धौलागिरीमे हमरा पोसलकै
हा राज महिसौथा हमरा लऽ गेलै
राजा सलहेस के सुगना छीयै
नाम हीरामनि हमरा लगै छै
जरूरी पड़ि गेलै हमरा मालिक के
तऽ ये लऽकऽ जोगियामे आइ अइलीयै यै।
जल्दी आइ भेंट हमरा मालिक से करा दीयौ यै।
एत्तेक बात करिकन्हा बजै छै / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
एत्तेक बात करिकन्हा बजै छै
तबे जवाब श्री सतबरता दै छै
श्री सलहेस नरूपिया खामिन
जवाब करै छै भागिन जी से
सबे खबरिया भागिन से कहलक।
से चलियौमे चलियै भगीना
श्यामलगढ़मे चलियौ यौ।।
हौ एत्तेक बात करिकन्हा सुनै छै
चारि-चारि हाथ छौड़ा फनै छै
सुनिलय हौ मामा दिल के वार्त्ता
हौ श्यामलगढ़मे बदियल लगै छै
केना बराती मामा सजबऽ
हौ कड़गर लोहा हौ श्यामल सिंह के
सात सय हौ बन्हुआँ नित बन्है छै
बड़-बदनामी क्षत्री करैय
हा केना कऽ ब्याह छोटका मामा के करबऽ हौ।।
खबरि जनाबियौ हौ यारजी के
सब आइ मिलिकऽ जेबै बराती
साथ मैया बनसप्ति के लेबै
बल से लड़तै बल से लड़बै
छल से लड़तै छल से लड़बै
जादू से मैया बनसप्ति लड़तै
आ डोलियाँ फनाँ के छोटकी मामी के लाबि लेबै यौ।
भागल सुगना गहबरमे जाइ छै / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
भागल सुगना गहबरमे जाइ छै
हा सुतल बरिया गहबरमे लगै छै
एक्के सिरमे दीनाभद्री सुतल छै
हा सुगना आइ बोलीया गहबरमे पड़लैय यौ।
सीताराम सीताराम सुगना बोलै छै
बोली मधुरिया नींनमे सुनलकै
पले आइ नींन भदरी के टूटि गेल
आ पल उठाके बौआ भदरी तकै छै
हा सुगना सरूप आइ भदरी देखलकै
हा दीनाराम के भद्री जगबै छै
सुनऽ सुनऽ हौ सहोदरा सुनिलय
हौ एत्तेक सुग्गा हमहु देखलीयै
एहेन नइ सुगना सहोदरा हम देखलीयै यौ।
एलै समधिया यार सलहेस के
कुशल समाखा उठि के बुझि लीयौ यौ।
उठि के यै दीनाराम भद्री बैठलय
हा सब कुशलिया पूछै छै सुगना से
तब जवाब सुगना कहै छै
सुनऽ हौ सुनऽ राजा दरबी
तोरा कहै छी दिल के वार्त्ता
हौ तोरे हौ बजाहटि भेल महिसौथा
जल्दी से चलियौ महिसौथा के नगरमे।
हौ भागल दीनाभद्री जाइ छै महिसौथा / बुधेसर बिआह गीत मैथिली
हौ भागल दीनाभद्री जाइ छै महिसौथा
हा घड़ी चलैय पहर बीतै छै
पले घड़ी अधपेरिया बीतै छै
जुमि गेल महिसौथामे।
सभुआ लगौने देवता छेलै
बाट जोहै दीनाराम के।
आ गरामे गरा सलहेस मिलैय।
हृदय से भैया के भद्री बोलैय
जहिया से दोस्ती कटैयामे केलहक
कहियो समाध सहोदरा भेजलऽ
आ किये हौ जरूरी भैया पड़ि गेल
तेकर समाखा हमारा कहियौ
कौन दुश्मन राज पर चढ़ि गेलै
किया कारण समधिया भेजलऽ
जल्दी समाखा हमरा बता दीअ।
हा एत्तेक बात भद्री जे बोलैय
सब खबरिया देवता जे बोलैय।
बुधेसर बिआह खबरिया कहैय।
साजल बराती श्यामलगढ़ जयबै
डोलाँ फनाँ आइ कनियाँ के लौबै।
हौ सीरी भगवान के आइ देवता जपै छै
सीरी भगवान नरूपिया देवता जपै छै।
तीन सय साठि बराती महिसौथा सजैय।
संगमे भागिन करिकन्हा साजैय
हा नरबे लाख तऽ हाथी सजलकै
आ तीन सय साठि तिरहुतिया सजैय
टेंटीया फेंटीया महौत कीरतिया
गिरबिर सिरबीर तिरहुतिया बोलैय
संगमे बहिन बनसप्ति लैये
भागल बरियाती आइ श्यामलगढ़मे जुमि गेलै यौ।
हौ ताबेमे बरियाती ड्योढ़ी पर जुमि गेल
मनमे विचार राजा श्याम सिंह करै छै
तीन सय पलटन ड्योढ़ीमे खटैय
सुनऽ सुनऽ हौ सुबा हौ राजा दरबी
एको रत्ती प्राण नइ आइ तोरा बचतौ
आ सहजे आइ डोला बेटी के करीयौ यौ।।2।।
आ एत्तेक बात श्यामलसिंह सुनैय
हा पलटन बात जखनी बुझि पड़लै
ताबे बरियाती ड्योढ़ी पर जुमलै
आदर भाव बरियाती के करैय
सब बरियाती ड्योढ़ीमे बैठलै
हा चारि-चारि हाथ मोती दुलरा फँनैय
वीर पर वीर आइ सब जमा भेलै
बिना दिनमा के तिलक चढ़ बैय
बिना पोथी के दिन उचारैय
दिन मनमाँ के सेनुर दियाबै
सहजे ब्याह बुधेसर के करबैय यौ।।2।।
लाठी आ हाथ से ब्याह करबैय यौ।।
हौ ब्याह कराके देवता चलैय
हा गदमद गदमद बरियाती करैय
सब बरियाती इकट्ठा भयलैय
हा भौरानंद के मोती खोलैय
भौरा पर असवार होइय
भौरानंद हाथी पर हौदा
सात सय हाथी केरिकन्हा साजल
पाठा हाथी साजल बराती
मंगला महोतिया साथ लगौने
जहि हाथी पर देवता चढ़ल
केवल किरतिया साथ लगौने
मच-मच मच-मच मोती चलैयऽ
आगू-आगू डोलीया आय
श्यामलबती के जाइ छै ने यौ।।
हौ साजल बरियाती महिसौथा जुमलै
आ जखनी महिसौथा बरियाती जुमलै
चुम्मा चा चाखर कनियाँ भयलै
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