मलिया जे सूतल कोठापर / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
मलिया जे सूतल कोठापर
मालिन बेटी सूतू दरबार हे
दौड़ल जाथिन दुलहा से फल्लां दुलहा
मौड़ी देहु जायब बरिआत हे
आरसी मीड़िया उड़ेहिए मालिन बेटी
झलकैत जायत ससुरारि
आरसी मोड़िया कहियो ने उरेहल
कोनाकऽ देब बनाय हे
काते काते दिहे मालिन हीरा ओ मोती
बीचे-बीचे सिया सुकुमारि हे
एते दिन बुझै छलौं राजाजी के बेटबा
आइ बुलझल दशरथ के लाल हे
कौने बाबा साजल आजन बाजन / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
कौने बाबा साजल आजन बाजन
कौने बाबा साजू बरिआत हे
कौने बाबा साजथु हरिअर सुगबा
सुगा लए जायब बरिआत हे
बड़का बाबा साजल आजन बाजन
मझिला बाबा साजू बरिआत हे
छोटका बाबा साजथु हरिअर सुगा
सूगा लए जायब बरिआत हे
कहमा बैसायब बरिआत हे
कसहमा बैसाब हरिअर सूगा
सूगा लए आयब बरिआत हे
पोखरि बैसायब आजन बाजन
दुअरे बैसायब बरिआत हे
पिंजड़े बैसायब हरिअर सूगा
सूगा लए जायब बरिआत हे
कथी लए बुझायब आजन बाजन
कथी लए बुझायब बरिआत हे
कथी लए बुझायब हरियर सूगा
सूगा कथी लए बुझायब जमाइ हे
टारा लए बुझायब आजन-बाजन
धोती लए बुझायब बरिआत हे
फल लए बुझायब हरियर सूगा
बेटी लए बुझायब जमाई हे
एहन जमइया कतहु ने देखल
सूगा लए आयल बरिआत हे
कौने बाबा पोखरीमे इचना मछरिया / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
कौने बाबा पोखरीमे इचना मछरिया
कौने बाबा पोखरी सेमार हे
कौने बाबा पोखरी चेल्हबा मछरिया
कौने दुलहा फेकू महाजाल हे
बड़का बाबा पोखरिमे इचना मछरिया
मझिला बाबा पोखरि सेमार हे
छोटका बाबा पोखरि मे चेल्हबा मछरिया
कृष्णचन्द्र दुल्हा फेकू महाजाल हे
माछ मारिय दुल्हा सासुर पठौलनि
कनियां सुहबे के बढू अहिबात हे
कौने बाबा साजल हाथी हथबरबा / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
कौने बाबा साजल हाथी हथबरबा
कोने बाबा बरद ओ गाय हे
कौने बाबा साजल बसहा बरदबा
दुलहा चढ़ि जयता ससुरारि हे
बड़का बाबा साजथु हाथी हथबरबा
मझिला बाबा बरद ओ गाय हे
छोटका बाबा साजथु बसहा बरदिया
कृष्णचन्द्र दुलहा चढ़ि जयता ससुरारि हे
सखि सब देखथि हाथी हथबरबा
कनियां के माय निरेखथि जमाइ हे
एहन जमइया हम कतहु ने देखल
बसहा चढ़ि आयल ससुरारि हे
जहिया सँ आहे बाबू तोरो उतपन भेल / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
जहिया सँ आहे बाबू तोरो उतपन भेल
मांगुर मांछ ने सोहाय हे
मांगुर माछ बाबू मनहू ने भाबय
दूध तँ राखल परान हे
अपने तऽ जाइछऽ गउरी गवना करऽ
लिखि दैह दूधके करार हे
दूध के करार लिखलो जाइ छै
धनी होयती चेरिया तोहार हे
जाबे तऽ आहे अम्मा तहूँ जीबह
कमर उधब तोहार हे
सोचितपुर सौं आयल पालकी / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
सोचितपुर सौं आयल पालकी
पालकी शोभय लाले लाल हे
पालकी के खुटरी धेने
ठाढ़ भेल बाबा सँ फल्लां बाबा
तिल एक डोली बिलमाउ हे
डोलि हम कोना बिलमायब यो बाबा
कनियां सुहबे के लगन अगुआयल हे
केशिया बन्हबइत हेती बटिया तकैत हेती
कखन आयत बरिआत हे
सब बरिअतिया के लाले लाल धोतिया
सभ के मुख पाकल पान हे
पानक जड़िया सँ निकलल बिड़िया / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
पानक जड़िया सँ निकलल बिड़िया
घरघर पड़ल हकार हे
किनिकर बगिया एतेक दल उभरल
के साजल बरिआत हे
समधिक बगिया एतेक दल उभरल
बाबा साजल बरिआत हे
जब बरिअतिया नगर सँओ बहार भेल
नउआ घोड़ा नेने ठाढ़ हे
देबउ रे नउआ सोना के घोड़बा
गउरी गवन हम जायब हे
जब बरिअतिया दरबज्जा बिचे आयल
चेरिया कलश नेने ठाढ़ि हे
देबउ गे चेरिया सोना के गेरूलिया
जखन कोबर घर जायब हे
पिताजी के नाम कहू वर सुन्दर
तखन कोबर घर जायब हे
पिताजी के नाम राजा दशरथजी
माय कौशल्या रानी हे
हुनको सींथ सिनूर बड़ शोभय
चेरिया चौड़ डोलाय हे
जबे बरिअतिया कोबर बीच आयल
सारि छेकल दुआरि हे
अपन बहिन बहिनोइया हमरो दय दीअ
तखन कोबर घर जायब हे
हमरो के कुल बहिन नहि जनमल
राम लखन दुइ भाइ हे
सेहो जे भाई संगे चलि आयल
सरहोजि मांगय इनाम हे
परबत ऊपर मेघ गरजि गेल / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
परबत ऊपर मेघ गरजि गेल
पाटन भए गेल शोर हे
कौने बाबा के घोड़बा आगू पाछू धाबय
किनकर घोड़ा अगुआयल हे
किनकर छतबा कमलपत्र छाड़ल
किनकर होयत गओना हे
बाबा के घोड़बा आगू पाछू धाबय
बड़का बाबाक घोड़बा अगुआयल हे
बहिनोइया के छतबा कमलपत्र छाड़ल
कृष्णचन्द्र दुलहा के होयत गओना हे
जब बरिअतिया नगर सौं बहार भेल
सभ मिलि बाजु जय जयकार हे
धन अहाँक पिता ओ धन अहाँक माय
जिनका कोखि लेल अवतार हे
लिखहक पत्र बाबा भेजहक जनकपुर / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
लिखहक पत्र बाबा भेजहक जनकपुर
दहक सजा बरिआत हे
किये मध्य राम किये मध्य लछुमन
किये मध्य राम किये मध्य लछुमन
किये मध्य भरतहि लाल हे
घोड़ा मध्य राम हाथी मध्य लछुमन
ऊँट मध्य भरतहि लाल हे
सोने छाड़ल छनि रामजी के घोड़बा
रूपे साजल लगाम हे
सभ बरिअतिया जनकपुर पहुँचल
लागल जनकजी दुआरि हे
अंगना बहारिते तोहें चेरिया खेलरिया
मोरा आगू सीता बखानु हे
हम कोना सीता बखानु राजा दशरथ
सीता बखानलहुँ ने जाय हे
सीता के सुरति देखि सुनि छपित होइ
रामहि रहला लोभाय हे
हमरो दुलहा से फलां दुलहा / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
हमरो दुलहा से फलां दुलहा
खेलऽ जेता बड़ी दूर हे
ओतऽ सऽ जे लएला दुलरूआ
हरिअर सुगबा
सुबगा बइसल मांझे ठाम हे
सभ केओ साजल जाइ बरिअतिया
सुगा लेल अंगुरी पसारि हे
हमहूँ तँ लेब बाबा अंगिया टोपिया
हमहूँ तँ जायब बरिआत हे
सभ बरिअतिया अँटकल दरबज्जा
सुगबा अँटकल आमक ठारि हे
सभ केयो निरेखथि जाइत बरिअतिया
सासु निरेखी सुगा ठोर हे
आइ हे माइ पर हे पड़ोसिन
सुगा जुनि नजरि लगाउ हे
वनहि के सुगबा वनहि उड़ि जायत
रहि जायत धीअहि जमाइ हे
राम लखन दुनू चलला गओना करऽ / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
राम लखन दुनू चलला गओना करऽ
लछुमन के लागल पिआस हे
एहि नगर मे केओ नहि जागल
लछुमन पिआसल जायत हे
उठइत उठली से कनियां सुहबे
हाथ गेरूल जुड़ीपानि हे
तोरा हाथक पानि कोना हम पीअब
मोरा संग छथि जेठ भाइ हे
कोनाकऽ चिन्हब पिता राजा दशरथ
कोनाकऽ चिन्हब जेठ भाइ हे
कोनाकऽ चिन्हब निज बहिनोइया
जाहि सँ शोभत बरिआत हे
पाकल केश छनि पिता राजा दशरथ
कारी मोछ जेठ भाइ हे
लाल धोती छनि निज बहिनोइया
जाहि सँ शोभत बरिआत हे
गाम केँ पछिम एक कुइयां खुनाएल / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
गाम केँ पछिम एक कुइयां खुनाएल
ताहि तट दाड़िम केर गाछ हे
ताहि दाड़िम चढ़ि सुगा एक बइसल
दाड़िम चुनि चुनि खाय हे
काँच दाड़ि मजुनि खइहैं सुगबा
पाकल खइहैं मधुर हे
केये तोरा आहे सुगा पोसल-पालल
केये तोरा कएल प्रतिपाल हे
माय जे आहे सासू पोसल-पालल
बाबू कएल प्रतिपाल हे
पिउसी जे आहे सासु ठोर उरेहल
फल्लां बाबा साजू बरिआत हे
कौने बाबा अंगना गुलाब केर गछिया / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
कौने बाबा अंगना गुलाब केर गछिया
कौने बाबा अगना अनार हे
कौने बाबा पुत्र के जायत बरिअतिया
कौने देश जायत बरिआत हे
फल्लां बाबा अंगना गुलाब केर गछिया
फल्लां बाबा अंगना अनार हे
फल्लां बाबाक पुत्रक जायत बरिअतिया
दूर देश जायत बरिआत हे
सभ बरिअतिया के लाले रंग धोतिया
सभक रांगल सिर पाग हे
फल्लां दुलहाकेँ घूनसि पाग शोभनि
वएह थिका नबका जमाय हे
मालिन सूतय सात पुत्र धए घर / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
मालिन सूतय सात पुत्र धए घर
माली सुतय फुलवारी हे
उठबय गेलथिन अपने दुलरूआ
उठू मालिन भए गेल परात हे
कौने उचित तोरा थिकह हे बाबू
भल निन्द देलह जगाय हे
हमरो घर मालिन हमरो विवाह थिक
माला सुन्दर एक गूथि दैह हे
तेहन माला गूथिहैं गे मालिन
जाइते होयत विवाह हे
आंगने देखतइ माय बहिनियाँ
बाटे देखत बरिआत हे
सासुर देखत सासु सोहागिन
कोबरे होयत आनन्द हे
घर पछुअरबामे लौंग केर गछिया / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
घर पछुअरबामे लौंग केर गछिया
ताहि तर फल्लां दुलहा ठाढ़ हे
केओ अरेखनि केओ परेखनि
केओ पुछनि निज बात हे
माय अरेखनि बाबू परेखनि
काका पुछनि निज बात हे
किए तोरा आहे बाबू बाजन थोर भेल
किए भेल कम बरिआत हे
नहि मोरा आहे काका बाजन थोर भेल
नहि मोरा कम बरिआत हे
गंगाक ओहि पार बसथि बहिनियाँ
बहिनि के दीअ ने मंगाय हे
अओतीह बहिनियाँ छेकती मोर छुअरिया
पूरि जायत मन-अभिलास हे ....
दशरथ नन्दन चलला विवाह हे / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
दशरथ नन्दन चलला विवाह हे
शुभ बाजन बाजे
बिसरि लेल संग साथ हे
शुभ बाजन बाजे
सेहो सुनि सीता दाइ चढ़ली झरोखा हे
शुभ बाजन बाजे
मोटे धनुष पातर श्रीराम हे
शुभ बाजन बाजे
सेहो कोना धनुषा उठाइ हे
शुभ बाजन बाजे
तोड़ल धनुषा चहुदिस फेकल
मेदिनी उठल घहराइ हे
शुभ बाजन बाजे
भेल विवाह पड़ल सिंउथ सिनुर
सिया लेल अंगुरी धराइ हे
शुभ बाजन बाजे
बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत मैथिली लोकगीत मुख्य पृष्ठ
Biyah Sa Diragaman Dharik Geet Maithili Lokgeet Lyrics
कौने नगर के इहो सुन्दर बरिअतिया / बरिआतीक मैथिली लोकगीत
कौने नगर के इहो सुन्दर बरिअतिया
हे दुलहा बड़ सुन्दर
कौने नगर ब्याहन जाइ
हे दुलहा बड़ सुन्दर
अवध नगर के इहो सुन्दर बरिअतिया
हे दुलहा बड़ सुन्दर
जनकपुर नगर ब्याहन जाइ
हे दुलहा बड़ सुन्दर
किनकर पुत्र छनि इहो चारू बालक
हे दुलहा बड़ सुन्दर
आहे किनकर छनि जमाइ
हे दुलहा बड़ सुन्दर
राजा दशरथ केर इहो चारू बालक
हे दुलहा बड़ सुन्दर
जनक ऋषि केर छथिन जमाइ
हे दुलहा बड़ सुन्दर
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