अंगिका फेकड़ा / भाग - 1
एक मटर पैलेॅ छी
एँड़िया तर नुकैलेॅ छी
सातो गोतनी पीसै छै
एक गोतनी रूसली
केकरा लेॅ?
बुढ़वा लेॅ।
बुढ़वा गेलोॅ छै बारी
कौआँ नोचै छै दाढ़ी
छोड़, छोड़ रे कौआ
अब नै जैबौ बारी
हाथी पर हथमान भैया
घोड़ा पर रजपूत
डोली पर बिहौती कनियाँ
खोपोॅ हुएॅ मजबूत।
एक तारा दू तारा
मदन गोपाल तारा
मदना के बेटी बड़ी झगड़ाही
अक्का गोल-गोल, पक्का पान
शिवोॅ के बेटी कन्या-दान
काना रे कनतुल्ला-तुल्ला
पीपर गाछी मारे गुल्ला
साँप बोले कों-कों, कबुत्तर माँगे दाना
हम्में तोरोॅ नाना।
आव आव रे पर्वत सुगा
अण्डा पारी-पारी देॅ जो।
तोहरा अण्डा आग लागौ
नूनू आँखी नीन गे !
आव रे कौआ उचरी केॅ
नूनू खैतोॅ कुचरी केॅ
आव रे कौआ ओर सें
नूूनू खैतोॅ कौर सें।
नूनू के माय कुछुए नै खाय
ऐंगन एत्तेॅ गो रोटी खाय
पानी पियैलेॅ पोखर जाय
पोखरी के कछुआ लेलक लुलुआय
वहाँ के पियासली कुइयाँ जाय
कुइयाँ के बेंगवा लेल लुलआय
वहाँ के पियासली गंगा जाय
गंगा माँता दिएॅ आशीष
चिर युग जिएॅ नूनू लाख बरीस
लाख बरिस के खुण्डा-खुण्डी
लाख बरिस के नूनू हमरोॅ।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 2
ओ-रे रे नूनू ओर बटना
माय बाप गेलोॅ छौ चिचोर कटना
बाप जिमिदरबा घोड़वा पर
माय जिमिदरनी डोलवा पर
पैला में चूड़ा मचक मारै छै
सीका पर दही हिलोड़ मारै छै।
नूनू के जुठ-कुट के खाय?
बाबू खाय।
बाबू के जुट-कूट के खाय?
भैया खाय।
भैया के जुठ-कूट के खाय?
भौजी खाय।
भौजी के जुठ-कूठ के खाय?
कुतवा खाय।
कुतवा के जुठ-कुठ के खाय?
कौआ खाय।
कौआ के जुठ-कुठ के खाय?
धरती खाय।
ओ-रे रे नूनू ओर बटना
माय गेल छौं कूटेॅ पीसेॅ
बाप गाड़ीमान
दादा गेलोॅ छौं बाँस काटेॅ
दादी हलुमान
फूफू तेॅ छेकौ लुबड़ी
पानी पियै के तुमड़ी
साँझै घूरी केॅ एथौं नूनू
भर अैंगना।
चॉन मामू आरे याबोॅ वारे याबोॅ
नदिया किनारे आवोॅ
चंपा केला, सुरका चूड़ा
भैंसी के दही
लेलेॅ आवोॅ, लेलेॅ आवोॅ
नूनू रोॅ मुँहोॅ में घुटुस।
सूतें-सूतें रे नूनू ओर बटना
माय गेलै कूटेॅ पीसेॅ, बाप खलिहान
चाचा गेलै छप्पर छारेॅ
चाची के दुखैली कान।
सूतेॅ-सूतेॅ रे नूनू सुतौनी देबौ
दाल-भात तोहरा खबौनी देबौ।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 3
निनियाँ पुर सें निनिया ऐलौ
नानी यहाँ सें गेनरा ऐलौ।
नूनू माय, हे नूनू माय
नूनू कथी लेॅ कानै छौं
अंगिया लेॅ की टोपिया लेॅ
दादा-दादी हज्जर लेॅ
पितिया महज्जर लेॅ
चाकू रे चन्न बीजू रे वन्न
खोपोॅ बीकै छोॅ-छोॅ मन्न।
की खैबे रे बनरा?
दाल-भात खैबौ गे दीदी।
केना सुतवे रे बनरा?
कोला में सुतवौ गे दीदी।
पाप लिखतौ रे बनरा
गंगा नहैवे गे दीदी।
सरदी होतौ रे बनरा
हरदी फाँकवोॅ गे दीदी।
खोखी होतौ रे बनरा
खोख-मल्ला पिन्हबोॅ गे दीदी।
रे नूनू कथी के
अचन-पचन बेलना के
माय-बाप ससन्ना के
दादा-दादी हज्जर के
पितिया महज्जर के
हम्में खेलौनिया जाफर के
फूफू तेॅ छेकी गुल्लर के।
ताय पूड़ी ताय
के-के पकाय
नूनू पकाय
नूनुहैं खाय।
नूनू के माय आवोॅ-आवोॅ
भरी कंटरी खीर बनावोॅ
आपने लेल्हेॅ थार भरी
नूनू के देल्हौ कटोरा भरी
वही लेॅ नूनू रूसल जाय
बापे-पितियें मिली बौसल जाय
बापें बौसल हाथी-घोड़ा
पितियें बौंसल दूध कटोरा।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 4
दहू भगवान गरदौआ झोॅर
बकरी भागतै जैबोॅ घोॅर।
हम्में बाबू मचोल पर
लेद्धोॅ छौड़ा हेठ में।
चान मामू चान मामू खुरपा देॅ।
सेहो खुरपा कथी लेॅ?
घसवा गढ़ावै लेॅ।
सेहो घसवा कथी लेॅ?
गइया खिलावै लेॅ।
सेहो गइया कथी लेॅ?
दहिया जमावै लेॅ।
औंटल गेल, पौटल गेल
कोठी तर जनमायल गेल
जोरन आनै गेलाँ छी गोबर माखी ऐलाँ छी
नया पोखर गोड़ धोलाँ, पोठिया मछली पैलाँ।
चूल्हा लगाँ गेलाँ, पाकै वास्तें देलाँ
चूल्हा में छेलै बुबुआ
सेहो काटलकै बुबुआ।
चाँन मामू, चाँन मामू चाभी देॅ।
सेहो चाभी कथी लेॅ?
घरवा खोलबावै लेॅ।
सेहो घरवा कथी लेॅ?
गेहुँमा निकालै लेॅ।
सेहो गहुँमा कथी लेॅ?
अटवा पिसवावै लेॅ।
से हो अटवा कथी लेॅ?
पुड़िया पकावै लेॅ।
सेहो पुड़िया कथी लेॅ?
भौजो के पटवौ लेॅ।
सेहो भौजो कथी लेॅ?
नूनू के जन्मौ लेॅ।
सेहो नूनू कथी लेॅ?
गुल्ली-डंटा खेलै लेॅ।
गुल्ली-डंटा टूटी गेल
नूनू बाबू रूसी गेल।
नानी गेलौ पानी भरेॅ
भात भेलौ गील
भात नै खैबोॅ भुजा भुजी दे
भुज्जा भेलौ कुटुर-मुटुर
बहू करी दे
बहू भेलौ धुमधाम
टका फेरी दे
टका भेलौ गड़बड़
आबेॅ बेलें पापड़।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 5
लुक्खी बनरिया दाल-भात खो
सैंया बोलैलकौ पटना जो।
सुनरी जैती धरमपुर हाट
माय लेॅ साड़ी, बहिनी लेॅ चोली
पीसी लेॅ रतनारी साड़ी
वियोग मरेॅ नूनू के चाची
रहोॅ-रहोॅ चाची, धीरज बान्होॅ छाती
तोहरा देभौं चाची गुड़ोॅ के चक्की।
हा हुस रे सुगना।
तोहरा मचान पर के छौ?
भैया छै, भौजी छै।
की करै छौ?
कोठी पारी बैठली छै।
भैया मारै भौजी केॅ
भौजी रूसल जाय छै
घुरोॅ हे भौजी घुरोॅ-घुरोॅॅ
पहिनोॅ लुंगा नया पटोर
तोरोॅ भैया बड़ा कठोर।
चान मामू, चान मामू कचिया दे
कचिया कुटबाय लेॅ।
सेहो कचिया कथी लेॅ?
घसवा गढ़ावै लेॅ।
सेहो घसवा कथी लेॅ?
बैलवा खिलावै लेॅ।
सेहो गोबर कथी लेॅ?
ऐंगना निपावै लेॅ।
सेहो ऐंगनां कथी लेॅ?
गेहूँमा सुखावै लेॅ।
सेहो गेहुमा कथी लेॅ?
पुड़िया छकावै लेॅ।
सेहो पुड़िया कथी लेॅ?
नूनू केॅ जिम्हावै लेॅ।
बाबू हो भैया हो
सुगां फोकै छौं धान हो
केॅ मोॅन?
बीस मोॅन।
बीसू राय के बेटवा
लाला पगड़िया मथवा
भैया ऐलै घोड़ी पर
भौजी ऐलै खड़खड़िया पर
टुन-टुनमा ऐलै छितनी पर
भैया केॅ देलियै लोटबे पानी
भौजी केॅ देलियै कटोरबे पानी
टुनटुनमा केॅ देलियै चुकुड़बे पानी
भैया सुतलै सीरा घोॅर
भौजी सुतलै भनसा घोॅर
टुनटुनमा सुतलै चुलही पिछुआड़।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 6
बाबू हो भैया हो
सुग्गा फोकै छौं धान हो
केॅ मोॅन?
बीस मोॅन।
बीसू राय के बेटवा
लाल पगड़िया मॅथवा
ढोल बाजे डिग्गिर बाजे
बाजे रे शहनैया
राजा बेटी धरहर नाँचै
रतन जमइया।
चल गे चिलरोॅ मोर खलिहान
खोयछा भरी देबौ रामसारी धान
वही धान के कुटिहें चूड़ा
नेतोॅ जमैहिएं कोॅर-कुटुम
सब्भै तोरा दिएॅ आशीष
चिरयुग जिऐ नूनू, लाख बरिस।
हा हुस रे पर्वत सुगा
हमरोॅ खेत नै जैहियैं सुगा
मामू खेत जैहियैं सुगा
एक्के सीसोॅ लीहें सुगा
घोंघा में भात रान्हियें
सितुआ में माँड़ पसैहियें सुगा
आपनें खैइहैं दाल-भात
बेटा-बेटी केॅ खिलैयैं माँड़-भात
आपनें सुतिहें मचोल पर
बेटा-बेटी केॅ सुतैहियैं डमखोल पर।
बिल्लो मौसी कहाँ जाय छैं?
माछोॅ मारेॅ।
केना मारबे?
छुपुर छैंया।
केना बनैवे?
हसुआ-कचिया।
केना धाबे?
कठौती पानी।
केना खैबे?
कुटुर-मुटुर।
केना सुतबे?
नम्मा चौड़ा।
केना सतभेॅ?
फों-फों-फों।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 7
अट्टा-पट्टा नुनु केॅ सात बेटा
राजा, पाता, सीत, वसन्त, कुतवा
अड़गड़ मारो बड़गड़ जाऊँ, पानी पीये
पोखरिये जाऊँ
बबुआ कहै काँखी तर जाऊँ !
ओ ना मा सी धं
गुरूजी पढ़ंग
कुइयाँ में काँटोॅ
गुरूजी नाँटोॅ।
नैहरा में कै बार गांगो
सत-सत बेरी
अॅ ससुरारी मंे कै बार माँगों
एके बेरी।
उर्र बकरिया घाँस खो
चुक्का लेॅ बथान जो
चुक्का गेलौ फूटी
दूध लेलकौ लूटी।
रौदा उगोॅ गोसांय रौदा उगोॅ
तोरी बहुरिया जाड़ें मरेॅ
हमरी बहुरिया रौदा सेकेॅ।
रौदा उग रे बभना
मुरगी देबौ चखना
बिलैया देवौ कोर
काली माँय केॅ दीया बारबै
सगरे ई ंजोर।
रौदा छेकले बौध लागतौ
गोला बरद के पीज रोटी खैबे।
जाड़ा ऐल छै, पाड़ा ऐल छै
ओढ़ गुदड़ी।
बुढ़िया के दमाद ऐल छै
मार मुँगड़ी।
मामू हो मामू, डोॅर लागै छै
केकरोॅ डोॅर, बेटी केकरोॅ डोॅर?
बाघ छै, बघिनियाँ छै
झुन-झुन कटोरवा खेलै छै
सिकियो नै डोलै छै
भौजी माथा पर कमलोॅ सेनूर
भैया माथा पर कमलोॅ के फूल
उठोॅ हे भौजी पीन्होॅ पटोर
हम नै पिन्हबोॅ भंगा पटोर
आनभौं कचिया दागभौं ठोर
गुआ-गुआ केॅ पोछभौं लोर।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 8
चलोॅ हे हिरनी माय फूल तोड़ै लेॅ
फूलोॅ के गाछ तर ऐल्हौं जमाय
बेटी केॅ लेल्हखौं डोली चढ़ाय
ज्यौं-ज्यौं डोलिया डुलकल जाय
त्यौं-त्यौं बेटी हकरल जाय
बोॅर बैठलोॅ बरोॅ तर
कनियाँय बैठली पीपरोॅ तर
बरोॅ केॅ लागलै दाँती
कनियाँय धूनेॅ छाती।
कनियाँय मनियाँय झिंगाझोर
कनयाँय माय केॅ लेॅ गेल चोर
दौड़ोॅ हो शहर के लोग।
झरिया ऐलै बुनरिया ऐलै
करका मेघ लगैलेॅ ऐलै
डाला कुण्डा घोॅर करोॅ
बेटी केॅ विदा करोॅ।
औठी-पौठी लौका
बीच में गू खौका।
पांड़े पड़ोकी चुटिया में तेल
पांड़े के धिया-पुता खेलेॅ गुलेल
पांडे़ ढब-ढब-ढब।
यद्दू बेचेॅ कद्दू, बंगाली बेचेॅ पान
यद्दू के एक बेटा, सेहो गाड़ीमान
यद्दू दूर गेलेॅ हो।
अथरो-बथरो सीमा गेली सीम तोड़े
नीमा गेली नीन तोड़े, दा बूढ़ी भात
अभी गोबरे हाथ।
ऊबु पान फूल पत्ता
गुलाबी रंग कच्चा
कटोरी में के आगिन
बुझाय देॅ मोरी भौजी।
ओ ना मा सी धं
गुरूजी पढ़ंग
चटिया लंग
बाजे मृदंग।
तार काटूँ, तनकुन काटूँ
काटूँ रे बनखज्जा
हाथी पर से घुंघर बोले
टन देॅ केॅ राजा
राजा के रजोली बेटी
भैया के दुपट्टा
हिच्च मारौं, घिच्च मारौं
चीचे हेनोॅ बच्चा।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 9
औका बौका, तीन तड़ौका
लौआ लाठी, चन्नन काठी।
बाग रे बग डोल-डोल
सम्मर में करेला फूले
एक करेला नाम की?
आई बिआई फूलेॅ पानेॅ पचकी जा।
धान कूटेॅ धनियाँ, बैठोॅ बभनियाँ
केला के चोप लेॅ केॅ दौड़ेॅ कुम्हैनियाँ।
अट्टा-पट्टा, नूनू केॅ पाँच बेट्टा
कोय गेलै गाय चराय लेॅ, कोय गेलै भैंसी में
नूनू हाथोॅ में दूध-भात
गस-गस खैलकै।
औका-बौका, तीन तड़ौका
लौआ-लाठी, चन्दन काठी।
बाग रे बग डोल-डोल
पनिया चुभुक।
चौबे चकमक दूबे नवाब
पांडे पंडित, मिसिर चमार।
चौधरी-मौधरी काठ के दीया
चौधरी
छिया-छिया।
औका-बौका, तीन तड़ौका
लौआ-लाठी, चन्नन काठी।
चल गे बेटी गंगा पार
गंगा पार से आनबौ रेल
रेल गेलो चोरी,
टलो कटोरी
इरिच-मिरिच मरचाइन केॅ झावा
हाथी दाँत सबुर नै पावा।
औका-बौका, तीन तड़ौका
लौआ-लाठी, चन्नन काठी
चल चल बहिनो पार गे
पारोॅ सें करेली लान
पक्का-पक्का हम्में खाँव
कच्चा-कच्चा तोहें खो
पकड़ बुच्ची कान गे।
पुड़िया रे पुड़िया
घीयोॅ में चपोड़िया।
माथ पर धुम धाम
पकड़ कनेठिया।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 10
घुघुआ घू, मलेल फूल
घुघुआ मना, उपजल धना
सब धान खाय गेल सुग्गा मैना
मन्ना रे मन्ना लब्बोॅ घर उठेॅ
पुरानोॅ घर बैठेॅ।
अटकन-मटकन, दहिया चटकन
खैरा गोटी रस रस डोले
माघ मास करेला फूले
नाम बताव के तोहें गोरी
जमुआ गोरी
तोहोरोॅ सोहाग गोरी
लाग लगावेॅ, खीर पकावेॅ
मिट्ठोॅ खीर कौनें खाय
दीदी खाय, भैयाँ खाय
कान पकड़लेॅ बिनू जाय।
झाँय-झूँ खपड़ी धीपेॅ
लाबा फूटेॅ, महुआ टुभुक।
कन्ना गुज-गुज, महुआ डार
कहिया जैभेॅ गंगा पार
गंगा पार में खेती के आढ़
तेलियाँ मारथौं चढ़ले लात
हमरोॅ हाथ लाल, हमरोॅ हाथ लाल।
कन्ना गुज-गुज, महुआ डार
के-के जैभेॅ गंगा पार
गंगा पार में बाघ छै, बघनिया छै
सिकरी डोलाबै छै
गंगा पार में उपजल धान
धीया पूता के काटबै कान।
अड़गड़ मारूँ, बड़ घर मारूँ
बासी भात खेलि-खलि खाँव।
नूनू खाय दूध भत्ता, बिलैयाँ चाटेॅ पत्ता
चाटलेॅ-चाटलेॅ गेल पिछुआड़
झाँझीं कुत्ती लेल लिलुआय
वहाँ से आयल गंगा माय
गंगा मैया दिएॅ आशीष
जीयेॅ नूनू बाबू लाख बरीस
नया घोॅर उठो पुरानोॅ घोॅर खसो।
हरदी के दग दग
माँटी के बेसनोॅ
हम नै जैबोॅ
मामू के ऐंगनोॅ
मामू के बेटी
बड़ झगड़ाही
माँगेॅ थारी
दिएॅ कढ़ाही।
अंगिका फेकड़ा / भाग - 11
अटकन-मटकन, दहिया चटकन
बर फूले, करेला फूले
इरिच-मिरिच मिरचाय के झावा
हाथी दाँत समुद्र के लावा
लौआ लाठी चन्दन काठी
मार पड़ोकी पाँजड़ तोड़।
कागज-पत्तर
कलम दवात
इटा पाटी
सोने के टाट
टाट गिरा दे
पूरे आठ।
चिल्लर पटपट, गंगा हो लाल
हथिया सूढ़ ठुट्ठोॅ पीपर पतझाड़
कौआ कानोॅ, तेली बेमानोॅ
मियाँ ढोलकिया, फूस कन्हैया।
अलिया गे झलिया गे
बाप गेलौ पुरैनिया गेे
लानतौ लाल-लाल बिछिया गे
कोठी तर छिपैयेैं गे
बालू में नुकैयैं गे
झमकल-झमकल जैहियें गे
सास केॅ गोड़ेॅ लगिहें गे
ननदी केॅ ठुनकैहियैं गे।
सुइया हेराय गेल
खोजी दे नै तेॅ मैया मारबे करतौ ना।
अट्टा ऐन्होॅ, पट्टा ऐन्होॅ
धोबिया के पाट ऐन्होॅ
कुम्हरा के चाक ऐन्होॅ
बीचोॅ गामोॅ में मुकद्धम मुखिया
बनी जइहोॅ तोंय राजा बेटा
गोड़ोॅ लागोॅ, ठाकुर जी केॅ, धरती धरमोॅ केॅ
साठी माय केॅ।
बाप कहाँ गेल छौ?
ढाका बंगाला।
की-की लानतो?
पूड़ी-मिठैइया।
हमर्हौ देबे?
नै रे भैया।
चिकना भर-भर, चिकना भर-भर।
ताय पुड़ी ताय
के के पकाय
नूनू पकाय
नुनूहैं खाय।
गाय गेलौ रनेॅ बनेॅ
भैंस गेलौ बीजू वनेॅ
कानी भैंसियाँ धान खाय छै
राजा बेटा हाँक दै छै
घूबे तेॅ घूर गे
धान फूसूर।
करिया झुम्मर खेलै छी
लीख पटापट मारै छी।
बीजू रे बन्धवा
कै चन्दवा?
एक चन्दवा।
घोघो रानी कतना पानी
अतना पानी, अतना पानी?
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