कथी बिनु कोसी मुँह मलिन भेलों / अंगिका कोशी गीत
कथी बिनु कोसी मुँह मलिन भेलों
कथी बिनु गुरमें शरीर ।
पान बिनु मुँहमा मलिन भेलै सेवक
मधु बिनु गुरमै शरीर ।
पनमा जे खेलियै सेवक, मुँहमां रंगेलियै हो,
लड्डू बिनु गुरमै शरीर ।
लडुआ जे देले मलहा हृदय जुड़ाएल,
पाठी बिनु डोलैये शरीर । रो पाठी
कर जोड़ी मिनती करै छी मैया कोसिके
देवौं गे माता पाठी देवौं भोगार ।
वेरिया परले कोसी माय कोई ना गौ गोहारी,
तहुँ न माय होइयो न सहाय,
गौ गरूआ के बेरि ।
गावल सेवक जन दुअ कर जोड़ि
गरू वेर होउ ने सहाय ।
सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल / अंगिका कोशी गीत
सब के बरदिया कोसी माय अमरपुर पहुंचल
हमरो बरदिया उसर में लोटाय ।
सब कोय बनीजल कोसीमाय पाकल बीड़ा पान,
हमहूँ बनिजवै कोसीमाय लंग अड़ाँची ।
जब तोरा आहे बेपरिया पार देवों उतारि
वेपरिया किय देव दान ।
घाटे वारे चढ़ेबो कोसीमाय हसाना बीड़ा पान
घरे घरे छौकी ज्योनार ।
घरही जे जेबे सहुआ, सहुनिया बुधि रचबे
बिसरि जेबे कोसिका नाम ।
जीबो मोरा जेतै कोसीमाय परानो किछु गे बचतै
तैयो ने विसिरवौ तोर नाम ।।
माझे माझे दियरा परिये गेल / अंगिका कोशी गीत
माझे माझे दियरा परिये गेल
लागी गेल कमला फूल ।
नान्ही नान्ही डलिया बुनाबिहे छौड़ी मलनिया,
तोड़ली हे कमला फूल ।
कोन फूल ओढ़न कोन फूल पहिरन
कोन फूल हे सिंगार ।
एली फूल ओढ़न बेली फूल परिहन,
चमेली फूल कोसिका के हे सिंगार ।
सगरै समैया सुरी माँ सुति बैसि गमावलि / अंगिका कोशी गीत
सगरै समैया सुरी माँ सुति बैसि गमावलि
भादय मास सुरी माँ साजलि बरात है, भादव मास ।
जब हम हे कोसी माँ साजलों बरियात,
तोरा लय कोसी तैयार छलै पाटी अरू लरूआ मिठाई
हे तोरा लय ।।
धुरे धुरे कोसि माँ सन्देश देबै चढ़ाय
हे तोरा लय ।।
जब हम पहुंचल नदिया किनरबा
होबे लागल तोरे बोलहाई हे ।
सन सन केसिया हे कोसीमाय तोहर अँखिया डरावन
पार करू पार करू तोंही बूढ़ी हे माँ ।
हेरै हेतै घर में सासु
कतहुँ ने देखै छियै घर में सलहेस के उपाय
अहि पार देवो कोसी माँ दूध देवौ ढार ।
खन नैया खेबै खन नैया भसियावै
केना हेतै सुरि माँ के विवाह ।
अहि पार देवी मलहा कान दूनू सोनमा,
पार भेले गला गिरिमल हार
तोहर सोनमां कोसी माँ तोहरे भावे
हुकुमे देवै सुरी माँ के पार उतारि ।।
नदी देखों नदी देखों नदी तिलजुगबा कोसी गो देखि / अंगिका कोशी गीत
नदी देखों नदी देखों नदी तिलजुगबा कोसी गो देखि
मैया जीवो थर थर काँपे, कोसी गो देवी ।
सगरे समैया कोसी माय उठि बैठि गमैलियै-गे मैया भादो मासे
साजले बारात कोसी माय गे देवी ।
जब तहूँ आहे कोसिका सलहेस देखले आवैत-
घाटे घाटे, नैया राखले छपाय, कोसी गो देवी ।
जब तहूँ आहे कोसिका नैया छपैले-
हाथी चढ़ि भैया उतरव पार
कोसी गो देवी ।
जब तहूँ आहे सूड़िया हाथी चढ़ि उतरबे
माझे धारे-हाथी देबौ डुवाय
माझे धारे ।
जब तहूँ आहे कोसिका हाथी दूड़ैव-
सीरा में बान्ह देवो बन्हाय-
मैया कोसी गे देवी ।
जब तहूँ आहे सूड़िया बान्ह बन्हैव
तोड़िके-समुख धार देवो बनाय ।
घाट बाट चढ़यो मैया दशोनहा पान
घर गेने-देबौ पाठी कटाय ।
बेर तोरा परलौ लाखें लाख कबूल वे-
घर गेने जेवै बिसराय ।
मैया कोसी गे देवी ।
जातो मोरा जेतौ, प्रानो तन हततै
तैयो न विसख तोर नाम ।
तोही जितले मैया, हमें हारलो,
दे मैया पार उतारि ।
मैया कोशी गे देवी ।
बहै पुरवैया कोसी माय डोलले सेमैर / अंगिका कोशी गीत
बहै पुरवैया कोसी माय डोलले सेमैर,
नदिया किनारे महामैया भइये गेलखिन ठाढ़ि ।
नैया लाउ नैया लाउ मलहा जे भाय,
पाँचो बहिन दोलिया मलहा उतारि दियौ पार ।
कथी के नैया कोसी माय कथी के पतवार,
कोने विधि नैया उतारि दियौ पार ।
सोना के नैया कोसी माय रूपा के पतवार,
झमकैत दोलिया उतारि दियौ पार ।
खनै नैया खेवै कोसी माय खने भसियाय,
खने मलहा पूछै जाति के ठेकान ।
जाति के रे छियै मलहा बाहानक बेटी,
नाम हमर छियै कासिकामाय ।
आब की पूछै छह मलहा दिल के बात,
बँहिया जे छूबै मलहा कोढ़ी फूटि जाय ।
पुरबा जे बहै छै झलामलि हे कोसी / अंगिका कोशी गीत
पुरबा जे बहै छै झलामलि हे कोसी,
पछिया बहै छै मधुर ।
अंगना में कुँइयाँ खनाय दियो कोसिका,
बाँटि दियो रेशम के डोर ।
झटपट अंगिया मंगाय दियो कोसिका माय,
भैरव भैया भुखलो न जाय ।
साठी धान कूटि के भतवा रान्हलियै,
मुंगिया दड़रि के कैलो दालि ।
जीमय ले बैठलै भैरव छोटे भइया,
कोसी बहिन बेनिया डोलाय ।
बेनिया डोलावैत बहिनो चुवलै पसीना,
नैन से ढरै मोती लोर ।
जनु कानु जनु खिझु कोसिका हे बहिनो,
तोरो जोकर डोलिया बनाय ।
घर पछुअरवा में बसै छै कहरवा,
कोसी जोकर डोलिया बनाय ।
झलकैत जेती सुसुरारि ।
गरि परवत से चलल माता कोसिका / अंगिका कोशी गीत
गिरि परवत से चलल माता कोसिका, चलि भेलै गंगा स्नान
घड़ी एक पहुँचवै माता कोसी गंगा घाट ।
निशि भाग राति माता कोसिका करै छियै किलोल,
से लावू नैया दियौ गंगाजी के घाट पर ।
से माता निशि भाग राति में
किए करै छै किलोल
की छियै दैतनी-की छियै भूतनी ।
नै छी हम दैतनी, नै हम भूतनी,
जाति के हम छी बाम्हन,
बाप राखलक कोसिका नाम ।
कल जोड़ि माता करै छी परनाम
टुटले नैया टुटले पतवार ।
कोना करब गंगा के पार ।
सोना से मढ़ाय देवौ दूनू मांगि,
रूपा से मढ़ेबो करूआरि
सात दिन सात राति माता कोसिका
झलहेर खेलवैये ।
सात दिन सात राति माता कोसिका
खेललो झलहेर,
से मांग रे मलहा इनाम ।
जो लागि कोसिका ने करवे सत परिनाम,
तो लागि नै मांगवो इनाम ।
एक सत के लिये दोसर सत केलियै
तेसर सत केलियै परिनाम
घर में माता छै अंधी
बुढ़िया नाच हमरा पद बांझ दे छोड़ाय
माता के हेतो आँखि दई लोचना
तोराके बांझ पर देव छोड़ाय
कल जोड़ि मिनती करै छी माता कोसिका,
रन बेरि कोसिका होहु ने सहाय ।
कते जल बहे छै बहिन कमलेसरी / अंगिका कोशी गीत
कते जल बहे छै बहिन कमलेसरी,
मैया हे कते जल बहे छै हे ।
ठेहुना जल बहे छै मैया कमलेसरी हे,
अगम जल मैया बहे कोसीधार
से अगम जल ।
कहमा नहैले कोसीमाय
कहमा लट हे झारले
कहमा कैले सोलहो सिंगार ।
बाराहछेत्रा से पलै कोसीमाय,
बाटिहि नहैले,
गहबर कैले सोलहो सिंगार ।
जीरवा सन के दँतवा से कोसीमाय,
सिहारी फोड़ल माथ ।
बानन छेदी कोसीमाय खाट देवो घोराय,
गे सोना से,
डँड़वा देवो छराय, गे सोना से ।
अगिया लगेबों सेवक,
रानू सरदार छी हमर लोग ।
कहमा बहैले कोसीमाय / अंगिका कोशी गीत
कहमा बहैले कोसीमाय,
कहाँ लट हे झारले
कहमा कोसीमाय कयले सिंगार ।
कमला नहैलों तिरहुत लट झारलों
गहबर कैलों सिंगार ।
किअ देय समदव मैया कमलेसरी
किअ देय समदव कोसीमाय ।
पान देय समदव मैया कमलेसरी
पाठी देय समदव कोसीमाय ।।
सब के वरदिया कोसीमाय / अंगिका कोशी गीत
सब के वरदिया कोसीमाय
पार उतरि गेलै,
हमरो हे बरद कोसीमाय
उसरे में मझाई हे हमरो बदर ।
जब हम आगे बहिना पार देवी
उतारि गे तोहरो बरद
बहिना गे हमरा के की देवे इनाम ।
जब हम आहे मलहा बसबै ससुररिया,
तब छोटकी ननदी देवौ इनाम रे मलहा
छोटकी ननदिया हे कोसीमाय देवौ इनाम ।
छोटकी ननदिया वहिना
हमरो हे वहिनिया हे
कैसे कोसीमाय लेबौ इनाम हे ।
कोसीमाय सांचले हे यौवन
हमरो यौवन हे कोसी माय
विष के अगोरल
मलहा छुबैत मरि जेबै रे ।।
कहमा ते बहैये मैया कमलेसरी हे / अंगिका कोशी गीत
कहमा ते बहैये मैया कमलेसरी हे
हे कमला बहै छै बलान ।
कहमा मैया बहै कोसीधार ।।
अलापुर बहै मैया, मैया कमलेसरी हे
तिरहुत बहै छै मैया बलान
मैया धरमपुर बहै छै कोसीधार हे ।
किअ दय समदव मैया मैया कमलेसरी हे,
मैया हे किय दय समदव बलान हे ।
पानफूल दयसमदव मैया मैया कमलेसरी हे
मैया हे परवा दय समदव बलान हे ।
पाठी दय समदव मैया, कोसीधार हे मैया हे पाठी दय ।
माय तोरा हँटो गे कोसिका / अंगिका कोशी गीत
माय तोरा हँटो गे कोसिका
बाप तोरा बोधो से मति जाह सौरा असनान ।
अंगना में आगे कोसिका कुइयाँ खुनाय देबौ
नित उठि करिहे असनान ।
हँटलो ने माने कोसी बोधलो ने मानेµ
वलि भेलै कोसिका सोरा असनान ।
जाहि घाट आगे कोसिकाµ
करै गो असनानताहि घाट अहिरा पड़रू नमावै ।
घाट छोड़ू बाट छोड़ू पूत अहिरा
तिरिया जानि हम करब असनान
पालट के नूआ अहीरा घर ही बिसरलौ
तिरिया जाति हम करब असनान ।
हमरो चदरियाकोसिका पहिरि करू हे असनान
अगिया लगेवौ अहिरा तोहरो चदरिया
बजर खसैबो तोहर चदरिया
तीतले भीजले जेवै अपन घर दुआर ।
जेहि नदी कोसी माय सूतो नै थाहे / अंगिका कोशी गीत
जेहि नदी कोसी माय सूतो नै थाहे,
से नदिया देल उसर लोटाय ।
आगू आगू माता उसर लोटबे
पाछू चरै नबेलाख धेनु गाय ।
राजा शिवसिंह पोखरि खुनैलन्हि
ओहि पोखरी कोसिका कयल पयान ।
आगू आगू रानू सरदार घसना खसाबे
पाछु कोसी करे सन्मुख धार ।
रातिए जे एलै रानु गउना करैले / अंगिका कोशी गीत
रातिए जे एलै रानु गउना करैले,
कोहवर घर में सुतल निचित ।
जकरो दुअरिया हे रानो कोसी बहे धार
सेहो कैसे सूते हे निचित ।।
सीरमा वैसल हे रानो कोसिका जगावे,
सूतल रानो उठल चेहाय ।
काँख लेल धोतिये हे रानो मुख दतमनि
माय तोहरा हँटौ हे रानो बाप तोरा बरजौ
जनु जाहे कोसी असनान ।
हँटलो न माने रानो दबलो न माने
चली गेलै कोसी असनान ।।
एक डूब लेल हे कोसी दुई डूब लेल
तीन डूब गेल भसियाय ।
जब तुहू आहे कोसिका हमरो डुबइवे,
आनव हम अस्सी मन कोदारि ।
अस्सी मन कोदरिया हे रानो,
बेरासी मन वेंट,
आगू आगू धसना धसाय ।।
मचिया बैसल हे कोसिका / अंगिका कोशी गीत
मचिया बैसल हे कोसिका,
भितिया अंगुठल
दीनानाथ के वटिया हेरै छै ।
कहँमा से भागवै हे कोसी
चानन के लकड़िया
कहाँ से मंगेवै सूतिहार ।
मोरंग से मंगेवै हे कोसिका
चानन लकड़िया
तिरहुत से मंगेवै सूतिहार ।
कथी से छेवैवे हे कोसिका
चानन के लकड़िया
कथी से छेवैवे हे कोसिका
पैर के खड़म ।
आरी से छेवैवे हे कोसिका
चानन के लकड़िया
बसुला से छेवैवे हे कोसिका
पैर के खड़म ।
कहाँ गेल किअ भेल
दीनानाथ दुलरूआ
पीन्हि लिअ पैर के खड़म ।।
गोना करैले रानू कोबरा बसैले / अंगिका कोशी गीत
गोना करैले रानू कोबरा बसैले
ओ कोबरा में सूतलि निचित ।
माय तोरा हंटौ बाप तोरा घोपौ
जनु जाह कोसी असनान ।।
काँख लेल धोतिया रानू हाथ लेल लोटवा
चलि भेला कोसी असनान ।।
एक कोस गेला रानू दुई कोस गेला
तीजे कोस कोसी केर धार
एक डूब देलैन रानू दुई डूव देलैन
तीजे डूव धसना खसाय ।।
अस्सी मन कोदरिया कोसी माय
चैरासी मन डाँट ।
जोड़ा एक पाठी कोसी माय
तोहरा चढ़ैबौ हे,
बकसि देहु रानू केर परान ।।
मुठी एक डँड़वा गौ कोसिका अल्पा गे बय सबा / अंगिका कोशी गीत
मुठी एक डँड़वा गौ कोसिका अल्पा गे बयसबा
गे भुइयाँ लोटे नामी नामी केश
कोसी माय लौटे छौ केश ।
केशबा सम्हारि कोसी जुड़बा गे
बन्हाओल-जुड़बा गे बन्हाओल
कोसी गे खोपबा कुहुकै मजूर ।
उतरहि राज से एैले हे रैया हो रनपाल
से कोसी के देखि देखि सूरति निहारै
सूरति देखि धीरज नै रहे धीर ।
किए तोरा कोसिका चेका पर गढ़लक,
किए जे रूपा गढ़लक, सोनार
नै हो रनपाल चेका पर गढ़लक
नै रूपा गढ़लक सोनार
अम्मा कोखिया हो रनपाल हमरो जनम भेल
सूरति देलक भगवान से हमरों सूरतिया ।
गाओल सेवक जन दुहु कर जोड़ी
गरूआ के बेरि होहु ने सहाय ।
कोसी के माँग में टीका शोभत है / अंगिका कोशी गीत
कोसी के माँग में टीका शोभत है
सिनुरा सोहत अजब रंग हे कोसी माय
खेलते हैं चैहटिया ।
खेलत है चैहटिया हे कोसीमाय
ओढ़त है ओढ़निया
कोसी के गला में हँसुली सोभत है
हरवा सोहत अजब रंग हे कोसीमाय
खेलत हैं चैहटिया ।
कोसी के बाँहि में बाजुआ सोभत है
बजुआ सोहत अजब रंग हे कोसी माय
खेलत हें चैहटिया ।
कोसी के पहुँचा में चुड़िया सोभत है
चुड़िया सोभत अजब रंग हे कोसी माय
खेलत हैं चैहटिया ।
कोसी के डाँड़ में घघरा सोभत है
घघरा सोभत अजब रंग हे कोसीमाय
खेलत हैं चैहटिया ।
कोसी के पैर में पायल सोभत है
पायल सोभत अजब रंग हे कोसी माय
खेलत हैं चैहटिया ।
खेलत है चैहटिया हे कोसिका
आढ़त है ओढ़नियाँ ।
सोन सन केश गे बुढ़िया कन सन दाँत हे / अंगिका कोशी गीत
सोन सन केश गे बुढ़िया कन सन दाँत हे
ठेंगनि लागल बूढ़ी माय हे ।
खाय लेहु आरे शनू दही चूड़ा भोजन हे
पीवि लेहु गंगा जल नीर हे
चाढ़ि लेहू आरे रानू पाट केेर डोलिया हो ।
तब करू कोसी असनान हे ।
ककरा पर छोड़वै गे बुढ़िया बालक तिरिया हे
कैसे करबै कोसी असनान हे ।
भाई पर छोड़िह हे रानू अन्न धन सम्पत्ति हे
बहिन पर छोड़िह बूढ़ी माय हे ।
बूढ़ि माय पर चोड़िह रानू बालक तिरिया हे
तब करू कोसी असनान हे
गौनमा के धोतिया गे बुढ़िया मलिनो ने भेलै,
कैसे करबै कोसी असनान हे
जाति के बरनमा से बुढ़िया
कहि के सुनाब हे
तब करबै कोसी असनान हे
हमहु जे छियै रे रानू बाभन कुल बेटिया हे
नाम थिकै कोसिका कुमारि हे ।
कौनरे कुलके तू थिकही रे रानू
किअ थिकौं तोहरो नाम रे ।
जाति के जे थिकियै हे बुढ़िया
कानू ते कन्हैया हे
नाम थिफै रानू सरदार हे ।
कान्ह कोदरिया हे रानू हाथ वसूलिया हे
झट करू कोसी असनान हे ।
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