सिया सुमिरहुँ आज गणेश / अंगिका लोकगीत
सिया सुमिरहुँ आज गणेश ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
पोथिक में पहिले लिखे पोथिक में पहिले लिखे
सिया सुमिरहुँ आज गणेश ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
रामा लिखे लछमना लिखे हो रामा लिखे लछमना न हो
लिखे सिया सुत नार ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
सिया सुमिरहुँ आज गणेश ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
कुम्भकरण रावणा लिखे हो कुम्भकरण रावणा न हो
लिखे मंदोदरी नार ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
सिया सुमिरहुँ आज गणेश ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
बालि लिखे सुग्रीवा लिखे हो बालि लिखे सुग्रीवा न हो
लिखे तारामती नार ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
सिया सुमिरहुँ आज गणेश ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
पाँचो भय पांडवा लिखे हो पाँचो भाय पांडवा न हो
लिखे द्रौपदी नार ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
सिया सुमिरहुँ आज गणेश ठाकुर पोथिक में पहिले लिखे
हरि गुण गााय गोविंद गुण गाय / अंगिका लोकगीत
हरि गुण गाय,
हरि गुण गाय गोविंद गुण गाय, सुमिरौं सरोसती हरि हरि।
पहिले सुमिरौं धरती धरन को, पहिले सुमिरौं धरती न हो,
जिन पर रची गई संसार,
जिन पर रची गई संसार
हरि गुण गाय गोविंद गुण गाय, सुमिरौं सरोसती हरि हरि।
दूजे सुमिरौं मात पिता को, दूजे सुमिरौं मात न हो,
जिन का कोख लियो अवतार,
जिन का कोख लियो अवतार
हरि गुण गाय गोविंद गुण गाय, सुमिरौं सरोसती हरि हरि।
तीजे सुमिरौं मात सरोसती, तीजे सुमिरौं मात न हो
पूरा अक्षर दिया बतलाय,
पूरा अक्षर दियो बतलाय
हरि गुण गाय गोविंद गुण गाय, सुमिरौं सरोसती हरि हरि।
तोहे सुमिरौं कर जोर हे माता / अंगिका लोकगीत
तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर हे माता तोहे सुमिरौं
हाँ हाँ हे माता तोहे सुमिरौ अरे हाँ हाँ हे माता तोहे सुमिरौं
तो सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर हे माता तोहे सुमिरौं
कौन देवता झाडू दियत है कौन भरत है पानी
कौन देवता चले बराबर कौर करे अगवानी हे माता तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर हे माता तोहे सुमिरौं
पवन देवता झाडू दियत है इन्द्र भरत है पानी
नाग देवता चले बराबर कौर करे अगवानी हे माता तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर हे माता तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर कालिके / अंगिका लोकगीत
तोहे सुमिरौं कर जोर कालिके तोहे सुमिरौं
हाँ हाँ कालिके तोहे सुमिरौं अरे हाँ हाँ कालिके तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर कालिके तोहे सुमिरौं
हाथ खड़ग अरु खप्पर राजै मंुडमाल लटकाए
मैया मंडमाल लटकाए
लाल जीहवा लप लप लपके तीनों लोक डराए
कालिके तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर कालिके तोहे सुमिरौं
सुंभ निसुंभ दानव तुम मारे रक्तबीज संहारे
मैया रक्तबीज संहारे
महिषासुर को मार मार के जगजननी कहलाए
कालिके तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं
तोहे सुमिरौं कर जोर कालिके तोहे सुमिरौं
मंदिर के खोलहुँ किवाड़ / अंगिका लोकगीत
मंदिर के खोलहुँ किवाड़ सदाशिव ठाड़े दुनिया दरसन को
ठाड़े दुनिया दरसन को हो ठाड़े दुनिया दरसन को
मंदिर के खोलहुँ किवाड़ सदाशिव ठाड़े दुनिया दरसन को
काहे के मंदिरा बने हो काहे के मंदिरा न हो
काहे के लागे किवाड़ सदाशिव ठाड़े दुनिया दरसन को
मंदिर के खोलहुँ किवाड़ सदाशिव ठाड़े दुनिया दरसन को
पत्थर के मंदिरा बने हो पत्थर के मंदिरा न हो
चंदन लागे किवाड़ सदाशिव ठाड़े दुनिया दरसन को
मंदिर के खोलहुँ किवाड़ सदाशिव ठाड़े दुनिया दरसन को
पट खोल दे हो / अंगिका लोकगीत
पट खोल दे हो बाबा चढ़बै सिसिया पट खोल दे हो
कौन दिसा सोॅ जल भर लाए हो
कौन दिसा सोॅ जल भर लाए हो
कौन दिसा मोॅ चढ़ैबै सिसिया
हे हो कौन दिसा मोॅ चढ़ैबै सिसिया
पट खोल दे हो
पट खोल दे हो बाबा चढ़बै सिसिया पट खोल दे हो
उतर दिसा सोॅ जल भर लाए हो
उतर दिसा सोॅ जल भर लाए हो
दखिन दिसा मोॅ चढ़ैबै सिसिया
हे हो दखिन दिस मोॅ चढ़ैबै सिसिया
पट खोल दे हो
पट खोल दे हो बाबा चढ़बै सिसिया पट खोल दे हो
कमरथुआ / अंगिका लोकगीत
कमरथुआ नोॅ भोला कोॅ डुबाय मारै हो कमरथुआ नोॅ
डुबाय कारै भोला कोॅ डुबाय मारै हो
कमरथुआ नोॅ भोला कोॅ डुबाय मारै हो कमरथुआ नोॅ
कौन दिसा सोॅ ऐलै कमारथुआ हो
कौन दिसा मॉे डुबाय मारै हो
कमरथुआ नोॅ
कमरथुआ नोॅ भोला कोॅ डुबाय मारै हो कमरथुआ नोॅ
उतर दिसा सोॅ ऐलै कमरथुआ हो
दखिन दिसा मोॅ डुबाय मारै हो
कमरथुआ नोॅ
कमरथुआ नोॅ भोला कोॅ डुबाय मारै हो कमरथुआ नोॅ
मंदराचल / अंगिका लोकगीत
मंदराचल, मंदराचल परवत है भारी मंदराचल
परवत उपर देव बसत हैं जहाँ कुंड एक भारी
हे हो जहाँ कुंड एक भारी
ता के नीचे नदी बहत है पापहरनी कहलाई रे भाई मंदराचल
मंदराचल, मंदराचल परवत है भारी मंदराचल
लछमीपुर से हाथी आए हौदा दियो चढ़ाय
ता पर बैठे बाबा बासुकी पापहरनी नहलाए रे भाई
मंदराचल
मंदराचल, मंदराचल परवत है भारी मंदराचल
रचि राखहुँ भोलानाथ / अंगिका लोकगीत
रचि राखहुँ भोलानाथ तिरसुल पर कासी रचि राखौ
तिरसुल पर कासी रचि राखौ
तिरसुल पर कासी रचि राखौ
रचि राखहुँ भोलानाथ तिरसुल पर कासी रचि राखौ
कितना कासी ब्राह्मनवासी कितना कासी ब्राह्मन हो
कितना कासी सन्यासी
कितना कासी सन्यासी
तिरसुल पर कासी रचि राखौ
रचि राखहुँ भोलानाथ तिरसुल पर कासी रचि राखौ
आधा कासी ब्राह्मनवासी आधा कासी ब्राहम्न हो
आधा कासी सन्यासी
आधा कासी सन्यासी
तिरसुल पर कासी रचि राखौ
रचि राखहुँ भोलानाथ तिरसुल पर कासी रचि राखौ
काह करन को ब्राह्मनवासी काह करन को ब्राह्मन हो
कहा करन को सन्यासी
तिरसुल पर कासी रचि राखौ
रचि राखहुँ भोलानाथ तिरसुल पर कासी रचि राखौ
वेद पढ़न को ब्राह्मनवासी वेद पढ़न को ब्राहम्न हो
यज्ञ करन को सन्यासी
तिरसुल पर कासी रचि राखौ
रचि राखहुँ भोलानाथ तिरसुल पर कासी रचि राखौ
जप ले रे आनन्दा शिव शिव / अंगिका लोकगीत
जप ले रे,
जप ले रे आनन्दा शिव शिव जप ले रे
कौन पहाड़ पर बैठे जोगी कथी लगावै अंगा
कहाँ मोॅ सोभै मकरन टोपी कहाँ बहाबै गंगा
शिव शिव जप ले रे
जप ले रे आनन्दा शिव शिव जप ले रे
कैलाश पहाड़ पर बैठे जोगी भसम लगावै अंगा
सिर पर सोभै मकरन टोपी जटा बहाबै गंगा
शिव शिव जप ले रे
जप ले रे आनन्दा शिव शिव जप ले रे
ता ता थैया डिमिक डिमिक भोला / अंगिका लोकगीत
ता ता थैया ता ता थैया डिमिक डिमिक भोला
डमरु बजे शिवशंकर के
डमरु बजे शिवशंकर के हो डमरु बजे शिवशंकर के
ता ता थैया ता ता थैया डिमिक डिमिक भोला
डमरु बजे शिवशंकर के
हाथी घोड़ा तुम नहीं लाए हाथी घोड़ा तुम नहीं हो
बसहा बरद चढ़ि आए हजूर बसहा बरद चढ़ि आए
ता ता थैया ता ता थैया डिमिक डिमिक भोला
डमरु बजे शिवशंकर के
साथ बराती तुम नहीं लाए साथ बराती तुम नहीं हो
भूत प्रेत ले आए हजूर भूत प्रेत ले आए
ता ता थैया ता ता थैया डिमिक डिमिक भोला
डमरु बजे शिवशंकर के
कोई देखला हो भाय / अंगिका लोकगीत
कोई देखलोॅ हो भाय कोई देखलोॅ हो भाय
भोला दिगम्बर बम जोगी
कथी के रोॅ उखड़ी कथी मुसराय कौनोॅ नचाबै आपन भतार
कोई देखलोॅ हो भाय कोई देखलोॅ हो भाय
भोला दिगम्बर बम जोगी
आमोॅ के रोॅ उखड़ी बेली मुसराय
गौराँ नचाबै आपन भतार कोई देखलोॅ हो भाय कोई देखलोॅ हो भाय
भोला दिगम्बर बम जोगी
शोभा हो शोभा अपरंवार / अंगिका लोकगीत
शोभा हो, शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो
अंग भसम सिर गंग बहाए जटा जूट लटकाए
शिव तेरी शोभा
शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो
डिमिक डिमिक डिम डमरु बाजे भूत प्रेत संग नाचे
शिव तेरी शोभा
शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो
कर तिरसूल और डमरु राजे सीस चंद्रमा राजे
शिव तेरी शोभा
शोभा अपरंपार शिव तेरी शोभा हो
बम भोले हो लाल / अंगिका लोकगीत
बम भोले हो लाल
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
कौनोॅ रंगावै लाली लाली पगिया
कौनोॅ रंगावै चूनरिया
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
बम भोले हो लाल
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
गौराँ रंगावै लाली लाली पगिया
शिवोॅ रंगावै चूनरिया
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
बम भोले हो लाल
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
कौनी रंग रांगै लाली लाी पगिया
कौनी रंग रांगै चूनरिया
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
बम भोले हो लाल
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
लाली रंग रांगै लाली लाली पगिया
पीली रंग रांगै चूररिया
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
बम भोले हो लाल
बम भोले हो लाल
कौनोॅ रंगावै पागड़िया
फुलवारिन के भौंरा / अंगिका लोकगीत
फुलवारिन के भौंरा रे फुलवारिन के भौंरा
ऐसो जनम बहुर ना पइहौं फुलवारिन के भौंरा
किन कर बेटी सिया सुन्दरी किन कर बेटी सिया न हो
किन कर बेटी गौरा रे किन कर बेटी गौरा
ऐसो जनम बहुर ना पइहौं फुलवारिन के भौंरा
राजा जनक के सिया सुन्दरी राजा जनक के सिया न हो
राजा हिमाचल गौरा रे राजा हिमाचल गौरा
ऐसो जनम बहुर ना पइहौं फुलवारिन के भौंरा
कौनोॅ बिहाबै सिया सुन्दरी कौनोॅ बिहाबै सिया नहो
कौनोॅ बिहाबै गौरा रे कौनोॅ बिहाबै गौरा
ऐसो जनम बहुर ना पइहौं फुलवारिन के भौंरा
रामा बिहाबै सिया सुन्दरी रामा बिहाबै सिया न हो
शिवोॅ बिहाबै गौरा रे शिवोॅ बिहाबै गौरा
ऐसो जनम बहुर ना पइहौं फुलवारिन के भौंरा
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा / अंगिका लोकगीत
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
बड़ी करम की आगरी हो बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
कौन तिथि को लगन पड़े हो
कौन तिथि को लगन न हो
कौन तिथि विवाह गौरा बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
एकादसी को लगन पड़े हो
एकादसी को लगन न हो
चतुर्दसी विवाह गौरा बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
तब शिवजी विवाह को चललें
तब शिवजी विवाह विवाह न हो
भूत प्रेत बारात गौरा बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
तब मैना परछन को चललैं
तब मैना परछन न हो
नाग दियो फुफकार गौरा बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
तब शिवजी मंडप को चललें
तब शिवजी मंडप न हो
सखी सब मंगल गाय गौरा बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
तब शिवजी कोहबर को चललें
तब शिवजी कोहबर न हो
मगही पान लगाय गौरा बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
वर पायहुँ भोलानाथ गौरा बड़ी करम की आगरी
हारि गयो गजराज / अंगिका लोकगीत
हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो
गज ओ ग्राह लड़े जल भीतर
लड़त लड़त गज हारे
अब बल हारि गयो
हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो
गज की टेर सुने रघुनन्दन
गरुड़ छोड़ के धारो
अब बल हारि गयो
हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो
ग्राह को तो मार गिरायो
गज को लियो उबारो
अब बल हारि गयो
हारि गयो गजराज अब बल हारि गयो
राम भजो रे प्रह्लाद / अंगिका लोकगीत
राम भजो
राम भजो रे प्रह्लाद सब तजि राम भजो
हिरणकश्यप गुरु मँगवायो पढ़ो पाठ प्रह्लाद
अगर दिगर गुरु हम न पढ़बै हमहुँ पढ़ब एक राम
सब तजि राम भजो
राम भजो रे प्रह्लाद सब तजि राम भजो
हिरणकश्प पुत्र प्रह्लाद को बाँधे खंब लगाए
कहे प्रह्लाद से हिरणकश्यप कहाँ तेरो राम सहाय
सब तजि राम भजो
राम भजो रे प्रह्लाद सब तजि राम भजो
कहे पिता तुझे सूझत नाहीं घट घट बसियो राम
हममें तुममें खड्ग खंब में जित देखो उत राम
सब तजि राम भजो
राम भजो रे प्रह्लाद सब तजि राम भजो
बही गयो जलधारा / अंगिका लोकगीत
बही गयो
बही गयो जलधारा रे नदिया बही गयो जलधारा
भवसागर एक नदी बहत है जा में नाव न बेड़ा
साधु संत मिली पार उतर गए पापी धुने कपारा
रे नदिया बही गयो जलधारा
बही गयो जलधारा रे नदिया बही गयो जलधारा
जल बिच पुरईन जन्म लियो है जल में करे पसारा
ताके ऊपर नीर न अटके जल में करे पसारा
रे नदिया बही गयो जलधारा
बही गयो जलधारा रे नदिया बही गयो जलधारा
बिकन चले दोनों प्रानी / अंगिका लोकगीत
बिकन चले
बिकन चले दोनों प्रानी हो दानी बिकन चले
किनका कारन राजा बिक गए
किनका कारन रानी
किनका कारन रोहित बिक गए
बिक गए तीनों प्रानी हो दानी बिकन चले
सत्य के कारन राजा बिक गए
राजा के कारन रानी
रानी के कारन रोहित बिक गए
बिक गए तीनों प्रानी हो दानी बिकन चले
किनका हाथ में राजा बिक गए
किनका हाथ में रानी
किनका हाथ में रोहित बिक गए
बिक गए तीनों प्रानी हो दानी बिकन चले
डोम के हाथ में राजा बिक गए
पंडित हाथ में कारन रानी
रानी के संग में रोहित बिक गए
बिक गए तीनों प्रानी हो दानी बिकन चले
सरबन ऐसो पूत / अंगिका लोकगीत
सरबन ऐसो पूत पिता के ले काँवर तीरथा चले
ले काँवर तीरथा चले हो ले काँवर तीरथा चले
सरबन ऐसो पूत पिता के ले काँवरा तीरथा चले
काहे के काँवरा बने हो काहे के काँवरा न हो
काहे के लागै डोर सरबन ले काँवर तीरथा चले
सरबन ऐसो पूत पिता के ले काँवरा तीरथा चले
हरे बाँस काँवरा बने हो हरे बाँस काँवरा न हो
पटसन लागै डोर सरबन ले काँवर तीरथा चले
सरबन ऐसो पूत पिता के ले काँवरा तीरथा चले
कौनोॅ उनको मारया हो कौनोॅ उनको मारया
किनका लागै बान सरबन ले काँवर तीरथा चले
सरबन ऐसो पूत पिता के ले काँवरा तीरथा चले
दसरथ उनको मारया हो दसरथ उनको मारया
सरबन ऐसो पूत पिता के ले काँवरा तीरथा चले
सरबन ऐसो पूत पिता के ले काँवर तीरथा चले
दसरथ के सुत चार भए / अंगिका लोकगीत
दसरथ के सुत चार भए दसरथ के सुत चार भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
कौन रानी के भरत सत्रुघन कौन रानी के भरत न हो
कौन रानी श्रीराम भए कौन रानी भगवान भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
कैकेयी सुमित्रा भरत सत्रुघन कैकेयी के भरत न हो
कौसल्या श्रीराम भए कौसल्या भगवान भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
कौन भाई को राज मिले हो कौन भाई को राज न हो
कौन भाई बनवास गए कौन भाई बनवास गए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
भरत भाई को राज मिले हो भरत भाई को राज न हो
राम लखन बनवास गए राम लखन बनवास गए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
आज महामंगल कोसलपुर दसरथ के सुत चार भए
रतनारो नैना / अंगिका लोकगीत
रतनारो नैना वाको हो रतनारो नैना वाको
मुनि संग बालक ताको हो रतनारी नैना वाको
रवि ससि कोटि बदन तर सोभा धुनस बान कर वाके
भला हो धनुस बान कर वाके
ये दोउ बाल कौसिल्या के नंदन
ये दोउ बाल कौसिल्या के नंदन
दसरथ नाम पिता के हो रतनारी नैना वाको
रतनारो नैना वाको हो रतनारो नैना वाको
मुनि के यज्ञ सुफल करि आए फिर आए राजा के
भला हो फिर आए राजा के
गौतम ऋषि की नारी अहिल्या
गौतम ऋषि की नारी अहिल्या
तारो
हो तारो चरन छुआ के हो रतनारो नैना वाको
रतनारो नैना वाको हो रतनारो नैना वाको
तब सखि सीता बर के कारन पूजा करत उमा के
भला हो पूजा करत उमा के
सबके करूनामेघ दयालु
सबके करूनामेघ दयालु
आए
हो आए सरन तिहारो हो रतनारो नैना वाको
रतनारो नैना वाको हो रतनारो नैना वाको
गुरुजी चलहुँ जनकपुर / अंगिका लोकगीत
रूजी चलहुँ जनकपुर होय के चलो
गुरूजी चलहुँ जनकपुर हो हो हो
यही रे जनकपुर में धनुसा धरो है
यही रे जनकपुर में धनुसा धरो है
वही धनुसा कोॅ उठाय के चलो
हे हो वही धनुसा कोॅ उठाय के चलो
गुरूजी चलहुँ जनकपुर होय के चलो
यही रे जनकपुर में कन्याकुमारी है
यही रे जनकपुर में कन्याकुमारी है
वही कन्या कोॅ बिहाय के चलो
हे हो वही कन्या कोॅ बिहाय के चलो
गुरूजी चलहुँ जनकपुर होय के चलो
राम कहे समझाई लखन से / अंगिका लोकगीत
राम कहे
राम कहे समझाई लखन से राम कहे
अरे हाँ हाँ लखन से राम कहे
अरे हाँ हाँ लखन से राम कहे
हो राम कहे
राम कहे समझाई लखन से राम कहे
रून-झुन रून-झुन पायल बोले सबद रहे गुहराई
हे हो सब्द रहे गुहराई
आवत है कोइ राजकुमारी देखो नयन निहारी
लखन से राम कहे
राम कहे
राम कहे समझाई लखन से राम कहे
यही है कन्या राजा जनक की गिरिजा पूजन आई
हे हो गिरिजा पूजन आई
संग में इनके सखी-सहेली मंगल गीत सुनाए
लखन से राम कहे
राम कहे
राम कहे समझाई लखन से राम कहे
अंगिका के अन्य लोकगीत
राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने / अंगिका लोकगीत
राजा जनक की कठिन प्रन ठाने
राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
देस-विदेस में नेवता पठाए
देस-विदेस में नेवता पठाए
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
देस-विदेस से भूप सब आए
देस-विदेस से भूप सब अए
कोइयो नहीं धनुसा हिलाबै गे माई
कोइयो नहीं धनुसा हिलाबै गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
लंका के राजा रावन आए
लंका के राजा राव आए
सेइयो नहीं धनुसा उठाबै गे माई
सेइयो नहीं धनुसा उठाबै गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
विस्वामित्र संग रामचंद्र आए
विस्वामित्र संग रामचंद्र आए
खंड-खंड होएलै धुनसिया गे माई
खंड-खंड होएलै धुनसिया गे माई
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने
राजा जनक जी कठिन प्रन ठाने
दुआरी पोॅ धरल धनुसिया गे माई
खंड-खंड होएलै धनुसिया गे माई
होत अबेर जनकपुर जाना / अंगिका लोकगीत
होत न रे होत अबेर जनकपुर जाना होत न रे
कौन पुरी से चले बराती कौन पुरी को जाना
हे हो कौन पुरी को जाना
कौन बाग में डेरा पड़लै किनका उड़ै निसाना रे जाना
होत न रे होत अबेर जनकपुर जाना होत न रे
अवधपुरी से चले बराती जनकपुरा को जाना
लाल बाग में डेरा पड़लै दसरथ उड़ै निसाना रे जाना
होत न रे होत अबेर जनकपुर जाना होत न रे
आलक साजौ पालक साजौ और सजौ समियाना
लाल बरन के घोड़ा साजौ रथ हाँकै रथवाना रे जाना
होत न रे होत अबेर जनकपुर जाना होत न रे
राजा जनक जी यज्ञ कियो है / अंगिका लोकगीत
राजा जनक जी यज्ञ कियो हैं धनुसा दियो धराय
हो राजा जनक जी यज्ञ कियो हैं धुनसा दियो धराय
जो बीरन यह धनुसा तोड़े
जो बीरन यह धनुसा तोड़े
सिया बिहाय घर जाय भला मंडप पर सोभै लाल ध्वजा
मंडप पर सोभै लाल ध्वजा हो मंडप पर सोभै लाल ध्वजा
सिया बिहाय घर जाय भला मंडप पर सोभै लाल ध्वजा
मंगल मूल सुहान पत्रिका लिखा अवधपुर जाय
हो मंगल मूल सुहान पत्रिका लिखा अवधपुर जाय
राजा जनक जी बिनती भेजें
राजा जनक जी बिनती भेजें
धनुस तोडें़ हो श्रीराम भला अब चलहुँ बरात जनकपुर को
अब चलहुँ बरात जनकपुर को अब चलहुँ बरात जनकपुर को
धनुस तोड़ें हो श्रीराम भला अब चलहुँ बरात जनकपुर की
सिया बिहाय घर जाय भला मंडप पर सोभै लाल ध्वजा
तकतरमा खंडोल पालकी हथियन की कतार
हो तकतरमा खंडोल पालकी हथियन की कतार
झालर लगी है मोतियन की
झालर लगी है मोतियन की
बालासुर झुंड कहारन के बालासुर झुंड कहारन के
तड़त भए असवार भला बालासुर झुंड कहारन के
सिया बिहाय घर जाय भला मंडप पर सोभै लाल ध्वजा
जब बरियात जनकपुर पहुँचे सखी सब मंगल गाय
हो जब बरियात जनकपुर पहुँचे सखी सब मंगल गाय
आय सखी परछोहन कीन्हा
आय सखी परछोहन कीन्हा
रघुबर हो रघुराय भला नौ छूके पानी फेंक दिया
नौ छूके पानी फेंक दिया नौ छूके पिया फेंक दिया
रघुबर हो रघुराय भला नौ छूके पानी फेंक दिया
सिया बिहाय घर जाय भला मंडप पर सोभै लाल ध्वजा
काँच बाँस कंचन के खंीाा पीतांबर पहराय
हो काँच बाँस कंचन के खंभा पीतांबर पहराय
जग मग जोति जगामग मोती
जग मग जोति जगामग मोती
रघुबर हो रघुराय भला पुरोहित ने कंगन बाँध दिया
पुरोहित ने कंगन बाँध दिया पुरोहित ने कंगन बाँध दिया
रघुबर हो रघुराय भला पुरोहित ने कंगन बाँध दिया
सिया बिहाय घर जाय भला मंडप पर सोभै लाल ध्वजा
बाजी रहे पैंजनिया / अंगिका लोकगीत
बाजी रहे
बाजी रहे पैंजनिया हो रुनझुन बाजी रहे
किनका सोभै पाँव पैंजनिया किनका सोभै करधनियाँ
किनका सोभै मोहक माला किनका सोभै नथनियाँ
हो रुनझुन बाजी रहे
बाजी रहे
बाजी रहे पैंजनिया हो रुनझुन बाजी रहे
राम कोॅ सोभै पाँव पैंजनिया सिया कोॅ सोभै करधनियाँ
लछमन सोभै मोहक माला उर्मिला कोॅ सोभै नथनियाँ
हो रुनझुन बाजी रहे
बाजी रहे
बाजी रहे पैंजनिया हो रुनझुन बाजी रहे
कहाँ मोॅ सोभै पाँव पैंजनिया कहाँ मोॅ सोभै करधनियाँ
कहाँ मोॅ सोभै मोहक माला कहाँ मोॅ सोभै नथनियाँ
हो रुनझुन बाजी रहे
बाजी रहे
बाजी रहे पैंजनिया हो रुनझुन बाजी रहे
पाँव मोॅ सोभै पाँव पैंजनिया कमर सोभै करधनियाँ
गले मोॅ सोभै मोहक माला नाक मोॅ सोभै नथनियाँ
हो रुनझुन बाजी रहे
बाजी रहे
बाजी रहे पैंजनिया हो रुनझुन बाजी रहे
हरि मारहिं मिरगा बान / अंगिका लोकगीत
हरि मारही मिरगा बान जंगल बिच सोर भए
अरे हाँ हाँ जंगल बिच सोर भए
अरे हाँ हाँ जंगल बिच सोर भए
हरि मारही मिरगा बान जंगल बिच सोर भए
भारत बान गिरे धरती पर लछमन रहे दुहराई
हे हो लछमन रहे दुहराई
इतनी बात सुनी जब सीता मन में गई घबराई
जंगल बिच सोर भए
हरि मारही मिरगा बान जंगल बिच सोर भए
प्यारे हो तुम लछमन देवर विपत पड़ो है भारी
हे हो विपत पड़ो है भारी
भाई तुम्हारे हैं संकट में त्रिभुवन के रखवारी
जंगल बिच सोर भए
हरि मारही मिरगा बान जंगल बिच सोर भए
इतना सुनकर लछमन बोले सुनहुँ जनक सुकुमारी
को है उनको मारन वाले त्रिभुवन के रखवारी
जंगल बिच सोर भए
हरि मारही मिरगा बान जंगल बिच सोर भए
कटु बचन सीता जब बोली लछमन रेख धराई
ले धनु बान हाथ में लेकर सीता को समझाई
जंगल बिच सोर भए
हरि मारही मिरगा बान जंगल बिच सोर भए
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