Yogi Na Ati Akilo Dana NaBana De Bindu Ji Bhajan
योगी न अती आकिलो दाना न बना दे।
कुछ श्याम बनाना है तो मस्ताना बना दे।
वह आह दे जिससे कि तुझे चाह हो मेरी।
वह दर्द दे मुझको जो भी दीवाना बना दे।
जिन मस्तों की नजरों में तू हरदम है समाया।
बस मुझको इन्हीं नजरों का मस्ताना बना दे।
इस दिल को मये इश्क का मयखाना बना दे।
आँखों के हरेक ‘बिन्दु’ का पैमाना बना दे।
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