वैश्णव जन तो तेने कहिये जे भजन / Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je Bhajan

 

वैश्णव जन तो तेने कहिये जे
पीर परायी जाणे रे

पर- दुख्खे उपकार करे तोये
मन अभिमान ना आणे रे
वैश्णव जन तो तेने कहिये जे ॥

सकळ लोक मा सहुने वंदे
नींदा न करे केनी रे
वाच काछ मन निश्चळ राखे
धन- धन जननी तेनी रे
वैश्णव जन तो तेने कहिये जे ॥

सम- द्रिष्टी ने तृष्णा त्यागी
पर- स्त्री जेने मात रे
जिह्वा थकी असत्य ना बोले
पर- धन नव झाले हाथ रे
वैश्णव जन तो तेने कहिये जे ॥

मोह- माया व्यापे नही जेने
द्रिढ़ वैराग्य जेना मन मा रे
राम नाम शुँ ताळी रे लागी
सकळ तिरथ तेना तन मा रे
वैश्णव जन तो तेने कहिये जे ॥

वण- लोभी ने कपट- रहित छे
काम- क्रोध निवार्या रे
भणे नरसैय्यो तेनुँ दर्शन कर्ताँ
कुळ एकोतेर तारया रे
वैश्णव जन तो तेने कहिये जे ॥ 


शुभ दिन प्रथम गणेश मनाओ भजन / Shubh Din Pratham Ganesh Manayo Bhajan

श्याम आये नैनों में भजन / Shyam Aaye Nainon Mein Bhajan 

शाम नृपती मुरली भई रानी सूरदास भजन / Shaam Nripati Murali Bhai Rani Surdas Bhajan


Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित