शाम नृपती मुरली भई रानी सूरदास भजन / Shaam Nripati Murali Bhai Rani Surdas Bhajan

 

शाम नृपती मुरली भई रानी ॥ध्रु०॥
बन ते ल्याय सुहागिनी किनी । और नारी उनको न सोहानी ॥१॥
कबहु अधर आलिंगन कबहु । बचन सुनन तनु दसा भुलानी ॥२॥
सुरदास प्रभू तुमारे सरनकु । प्रेम नेमसे मिलजानी ॥३॥ 


शरण में आये हैं भजन / Sharan Mein Aaye Hain Bhajan 

शंकर शिव शम्भु साधु भजन / Shankar Shiv Shambhu Sadhu Bhajan 

वैश्णव जन तो तेने कहिये जे भजन / Vaishnav Jan To Tene Kahiye Je Bhajan


Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित