केहि विधि जग में रहबै हो सतगुरु।
गर्भवास में भक्ति गछलाँ, बाहर में गेलाँ भूलि।
बालापन हम खेल गमैलाँ, तरुणी तिरिया संग में॥
केहि विधि दर्शन करबै हो सतगुरु, केहि विधि जग में रहबै हो।
शक्ति मोरा कुछ नहिं रहलै, कैसें के भजभौं तोरा।
आँखों से जे सूझे नाहिं, शब्द सुने न पावे हो॥
केहि विधि दर्शन करबै हो सतगुरु, केहि विधि जग में रहबै हो।
‘रामदास’ की अरजी विनतिया, सतगुरु सुनिये मोरी हो।
भवसागर सें पार उतारो, को नाहिं देरी हो॥
केहि विधि दर्शन करबै हो सतगुरु, केहि विधि जग में रहबै हो।
सतगुरु शिष्य को सुधारै हो रामा रामेश्वरदास भजन / Satguru Shishya Ko Sudhaarai Rameshwardas Bhajan
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