भक्त बनता हूँ मगर अधमों का सिरताज भी बिन्दु जी भजन

  Bhajan Bhakt Banta HoonMagar Adhamon Ka Sirtaj Bhi Bindu Ji Bhajan

भक्त बनता हूँ मगर अधमों का सिरताज भी।
देखकर पाखंड मेरा हंस पड़े ब्रजराज भी।
कौन मुझसे बढकर पापी होगा इस संसार में।
सुन के पापों कि कहानी डर गये यमराज भी।
क्यूं पतित उनसे कहे सरकार तुम तारो हमें।
हैं पतितपावन तो रक्खेंगे अपनी लाज भी।
‘बिन्दु” दृग के दिल हिलादें क्यों न दीनानाथ का।
दर्द दिल भी साथ है औ’ दुखभरी आवाज भी। 

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित