आदि अंत मेरा है राम धरनीदास भजन /Aadi Ant Mera Hai Ram Dharnidas Bhajan
आदि अंत मेरा है राम। उन बिन और सकल बेकाम।
कहा करूं तेरा बेद पुराना। जिन है सकल जगत भरमाना।
कहा करूं तेरी अनुभै बानी। जिनमें तेरी सुद्धि भुलानी।
कहा करूं ये मान बड़ाई। राम बिना सबही दुखदाई।
कहा करूं तेरा सांख व जोग। राम बिना सब बंधन रोग।
कहा करूं दंद्रिन का सुक्ख। राम बिना देवा सब दुक्ख।
दरिया कहै राम गुरू मुखिया। हरि बिनु दुखी राम सँग सुखिया।
सुमिरो हरि नमहि बौरे धरनीदास भजन / Sumiro Hari Namahi Boure Dharanidas Bhajan
हरिजन बा मद के मतवारे धरनीदास भजन / Harijan Ba Mad Ke Matware Dharanidas Bhajan
जो कोई भक्ति किया चहे भाई धरनीदास भजन / Bhajan Jo Koi Bhakti Kiya Chahe Bhai Dharnidas Bhajan
पिया मोर बसै गउरगढ़ मैं बसौं प्राग हों धरनीदास भजन / Bhajan Piya Mor Basai Gaurgarh Main Dharanidas Bhajan
Comments
Post a Comment