आदि अनादि मेरा सांई धरनीदास भजन / Aadi Anadi Mera Sain Dharnidas Bhajan
आदि अनादि मेरा सांई।
दृष्ट न गुष्ट है अगम अगोचर
यह सब माया उनकी माई।
जो बनमाली सींचे मूल, सहजै पिवै डाल फल फूल।
जो नरपति को गिरह बुलावै, सेना सकल सहज ही आवै।
जो कोई कर भान प्रकासै तौ निसतारा सहजहि नासै।
गरूड़ पंख जो घर में लावै, सर्प जाति रहने नहिं पावै।
दरिया सुमिरै एकहि राम, एक राम सारै सब काम।
हरिजन बा मद के मतवारे धरनीदास भजन / Harijan Ba Mad Ke Matware Dharanidas Bhajan
जो कोई भक्ति किया चहे भाई धरनीदास भजन / Bhajan Jo Koi Bhakti Kiya Chahe Bhai Dharnidas Bhajan
पिया मोर बसै गउरगढ़ मैं बसौं प्राग हों धरनीदास भजन / Bhajan Piya Mor Basai Gaurgarh Main Dharanidas Bhajan
प्रभुजी तोकह लाज हमारी धरनीदास भजन / Bhajan Prabhuji Tokah Laaj Hamari Dharanidas Bhajan
Comments
Post a Comment