लीली घोड़ी अंबे का असवार / मालवी लोकगीत
लीली घोड़ी अंबे का असवार
आगे-आगे फलाणा राम प्यादा जाय
हमखे निवारो देवी पागनिवार
संतन निवारो देवी दुर्गा माय
लाल घोड़ी अंबे का असवार
आगे-आगे फलाणा राम प्यादा जाय
हमखे निवारो देवी पागनिवार
संतन निवारो देवी दुर्गा माय
दुर्गा का दरबार चंपो-मोगरो / मालवी लोकगीत
दुर्गा का दरबार चंपो-मोगरो
कोणरू राम बीणे फूल
कांकी बऊ हार गूंथे
गूंथ्यो-गुथायो हार देवी के सिर ही चढ़े
मांग रे सेवक मांग
आज को मांग्यो पावे
चखे मांगे दूद
गोदी में पुत्र भवानी
अखंड मांगू एैवात
लाल-लाल ओढ़नी माय सोना रा तार / मालवी लोकगीत
लाल-लाल ओढ़नी माय सोना रा तार
लाल बजावे बांसरी, नौ दुर्गा खेले छन्द
छन्दगाली रा नेवर बाजण्या रे माय
पावाँ में बिछिया सोवे ताप माय
थारा अनबट से लागी रयो बाद
नखराली रा नेवर बाजण्या ऐ माय
थारी नोगरी से लागी रयो बाद
छन्दगाली रा नेवर बाजण्या ऐ माय
थारे वैयां ने बाजूबन्द सोवत ऐ माय
थारा भुजबन्द से लागी रयो बाद
नखराली रा नेवर बाजण्या हो माय
थारा गला में गलूबन्द सोवत ए माय
थारी माला से लागी रयो बाद
छन्दगाली रा नेवर बाजण्या हो माया
थारा काना में झुमका सोवता ए माय
थारा काँटा से लागी रयो बाद
थारा मुखड़ा ने बेसर सोवता ए माय
थारा टीका से लागी रयो बाद
थारा अँगन सालू सोवता ए माय
थारी ओढ़नी से लागी रयो बाद
छन्दगाली रा नेवर बाजण्या हो माय
काय को दिवलो मैया, काय की बाती / मालवी लोकगीत
काय को दिवलो मैया, काय की बाती
काय की लागी जगाजोत
सुन्ना को दिवलो, मैया रूपा की बाती
कपूर की लागी जगाजोत
पाँवा ने बिछिया सोवता ए माय
थारा अनबट से लागी रयो बाद
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