गुरु नानक के दोहे / Guru Nanak ke Dohe

  पउणु गुरू पाणी पिता माता धरति महतु।

दिनसु राति दुई दाई दाइआ खेलै सगल जगतु॥


नानक गुरु संतोखु रुखु धरमु फुलु फल गिआनु।

रसि रसिआ हरिआ सदा पकै करमि सदा पकै कमि धिआनि॥


धंनु सु कागदु कलम धनु भांडा धनु मसु।

धनु लेखारी नानका जिनि नाम लिखाइआ सचु॥


मेरे लाल रंगीले हम लालन के लाले।

गुर अलखु लखाइआ अवरु न दूजा भाले॥


बलिहारी गुर आपणे दिउहाड़ी सद वार।

जिनि माणस ते देवते कीए करत न लागी वार॥


साचा साहिबु साचु नाइ भाखिआ भाउ अपारु।

आखहि मंगहि देहि देहि दाति करै दातारु॥


नानक बदरा माल का भीतर धरिआ आणि।

खोटे खरे परखीआनि साहिब के दीबाणि॥


सालाही सालाहि एती सुरति न पाईआ।

नदीआ अतै वाह पवहि समुंदि न जाणीअहि॥


गुरु दाता गुरु हिवै घरु गुरु दीपकु तिह लोइ।

अमर पदारथु नानका मनि मानिऐ सुख होई॥


सतिगुर भीखिआ देहि मै तूं संम्रथु दातारु।

हउमै गरबु निवारीऐ कामु क्रोध अहंकारु॥





Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित