कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ? / गढ़वाली
‘कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ?’
”कैसो च भण्डारी तेरो मलेथ?
देखी भलो ऐन सैवो तेरो मलेथ।“
”ढलकदी कूल मेरा मलेथ
गाँऊ मुड़े को धारो मेरा मलेथ
पालिंगा को बाड़ी मेरा मलेथ
छोलिंग बिजोरा मेरा मलेथ
गांयियों को गुठधार मेरा मलेथ
भैंस्यों का खरक मेरा मलेथ
बैजूका बांदूका लड़का मेरा मलेथ
वैखूका डसक मेरा मलेथ
देखी भलो ऐन सैवो मेरा मलेथ।“
मुखड़ी को रंग कनो! / गढ़वाली
सिर धौंपेली लटकाई कनी,
काला सर्प की केंचुली जनौ!
सिन्दूर से भरी माँग कनी,
नथूली मा गड़ी नगीना जनी।
सी आँखी सरमीली कनी,
डाँडू मा खिली बुराँसी जनी।
मुखड़ी को रंग कनो?
बाला सूरज को रंग जनो!
ओंठू का बीच दाँतुड़ी कनी,
गठ्यांई भोत्यों माल जनी!
स्वर मा मिठास कनी?
डाँड्यो वासदी हिलाँस जनी!
बार ऐन बग्वाली, माधोसिंह / गढ़वाली
माधोसिंह
बार ऐन बग्वाली, माधोसिंह,
सोल ऐन सराध, माधोसिंह।
मेरो माधो नी आयो, माधोसिंह।
त्वै जागो रैन, माधोसिंह
तेरी राणी बौराणी, माधोसिंह।
दाल दलीं रै, माधोसिंह।
चौंल डङ्यां रया, माधोसिंह।
तेरी ब्बै रोंदी रे, माधोसिंह,
मेरो माधो नी आयो, माधोसिंह।
तू कति चूमण छै! / गढ़वाली
तू कति चूमण छै!
सर बियाँरा क्या धरे बौ हे।
त्यरा दादू क रोटी धरे।
खंडकि तोड़िक मैं दियाल वौ हे!
छीः तू कति मंगणया छै।
छीः तु कति चूमण छै।
सर बियांरा क्या धरे बौ हे!
तेरा दादूक बुखणा, धरेन!
एक खौंकाल मैं दियाल बौ हे!
छीः तू कति मंगण्या छै!
छीः तू कति निदऊ छै!
सर जटोली क्या करे बौ हे!
तेरा दादून नर्यूल दे तो!
टुकड़ा तोड़िइ में दियाल बौ हें।
बौ का हात भली रसाण / गढ़वाली
बौ का हात भली रसाण
मारी बाखरी, पूज्यो मसाण,
बौका हात, भली रसाण!
सड़क फुंड बाखरा मेरा,
ब्याखनदां जाण, बौ का डेरा!
बौ छ मेरी छोटी छौनक,
बौ का बौंड, भली रौनक।
उबा बणू बल हिंसरी गोंदा,
छोटी बौ बडू छ फोंदा!
पल्यापताला वासी त कवा,
बौ बणीगे, बजारी हवा।
बौ च मेरी रिक पठोली,
बौ की धोती कैन लटोली?
रणिहाट नी जाणू गजेसिंह, हल जोता का दिन, गजेसिंह / गढ़वाली
रणिहाट नी जाणू गजेसिंह, हल जोता का दिन, गजेसिंह
छिः दारु नी पेणी गजेसिंह, रणिहाट नी जाणू, गजेसिंह
हौंसिया छै बैख गजेसिंह, बड़ा बाबू को बेटा, गजेसिंह
त्यरा कानू कुंडल गजेसिंह, त्यरा हातू धगुला, गजेसिंह
त्वे राणी लूटली गजेसिंह, रणिहाट नी जाणू, गजेसिंह
तेरो बाबू मारेणे गजेसिंह, राणिहाट नी जाणू गजेसिंह
बैरियों का बदाण गजेसिंह, सांपू का डिस्याण, गजेसिंह
बड़ा बाबू को बेटा गजेसिंह, दरोलो नी होणो, गजेसिंह
मर्द मरी जाँदा गजेसिंह, बोल रई जांदा, गजेसिंह।
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