सांझ गीत / मैथिली लोकगीत
सांझ गीत मैथिली लोकगीत Samdaun Geet Maithili Lokgeet Lyricsपाबनि गीत / मैथिली लोकगीत
बरिआतीक गीत / मैथिली लोकगीत
योग गीत / मैथिली लोकगीत
वर कें खयबा काल गीत / मैथिली लोकगीत
महुअक गीत / मैथिली लोकगीत
गौरीक गीत / मैथिली लोकगीत
कोबर गीत / मैथिली लोकगीत
सम्मरि गीत / मैथिली लोकगीत
परिछन गीत / मैथिली लोकगीत
परिछन गीत मैथिली लोकगीत Parichhan Geet Maithili Lokgeet Lyrics
आम-महुवियाह काल
प्रेमक डोली चढ़ि चलली सिया दाइ / मैथिली लोकगीत
प्रेमक डोली चढ़ि चलली सिया दाइ
हे सखि आम-महु वियाहय
बाजन बाजय बहुत
हे सखि आम-महु वियाहय
सिन्नुर-पिठार सिया आममे लगाओल
हे सखि आम-महु वियाहय
पीयर डोरी लेपटाय
हे सखि आम-महु वियाहय
(Maithili Lokgeet Lyrics
Biyah Sa Diragaman Dharik Geet )
Biyah Sa Diragaman Dharik Geet )
कुमारिक गीत
जाहि दिन आहे बेटी तोंहे अवतरलऽ / मैथिली लोकगीत
जाहि दिन आहे बेटी तोंहे अवतरलऽ
ताहि दिन भेल विषमाद
चिन्ता, निन्द हरित भेल बेटी
थिर नहि रहल गेयान
पुत्र जँ होइतऽ बेटी, बजैत बधाबा
धियाक जनम विषमाद
कथी लय आहे अम्मा धियाक जनम देल
खैतहुँ मरिच पचास
मरिचक झोंकसँ धिया दरि जैतय
छुटि जाइत धियाक सन्ताप
सएह सुनि बाबा उठल चेहाय
मनाइन देल जगाय
गाड़ल धन धिया हम नहि राखब
आब धिया होयत वियाह
बान्ह बन्हबिहऽ बाबा पोखरि खुनबिहऽ
धनकेँ लगबिहऽ छाँह
हाँस छुटुकि गेल, कमल फलकि गेल
जलमे मारय हिलकोर
ई सरोवर बाबा जैतुक मांगय
भैयाक जनम निरधन होय
नाक पकड़बा काल
माइ हे नासिका दबाइ बर के जाँचू बहिना / मैथिली लोकगीत
माइ हे नासिका दबाइ बरकेँ जाँचू बहिना
माइ हे योगी छथि की भोगी, से हम बुझबनि कोना
वस्त्र बहार कए देखू बहिना
माइ हे मोट छथि कि पातर, हम बुझबनि कोना
माइ हे हाथ पयर निकालि कनी जाँचू बहिना
हाथ सोझ छनि कि टूटल, देखू बहिना
चलाय - फिराय वरकेँ देखू बहिना
माइ हे चलै छथि कि नाँगर, से देखू बहिना
माइ हे हँसाय - बजाय हिनका देखू बहिना
माइ के पंडित छथि कि बकलेल, जाँचू बहिना
दुर्गा सन गौरी छथि सुन्दर / मैथिली लोकगीत
दुर्गा सन गौरी छथि सुन्दर
तिनका वर भेलखिन जोगी हे
पानक पात लए नाक पकड़बनि
नाक देबनि हम तोड़ि हे
हमरा गोरी दिस दृष्टि घुमयता
नयना देबनि हम फोड़ि हे
गरदनिमे चादरि लगएबनि
गरदनि देबनि हम तोड़ि हे
बसहा बरद सन मंडप घुमयबनि
करता कहथिन जे गौरी हे
दुर्गा सन गौरी छथि सुन्दर
तिनका वर भेलखिन जोगी हे
लाबा भुजबा काल
लाबा भूजय बैसली बहिनियां / मैथिली लोकगीत
लाबा भूजय बैसली बहिनियां
चुलहा दहिनिया हे
हे सुन्दरि मंगल अग्नि पजारल हे
साजी पत्रमे राखल
लाबा पुनि भूजल हे
दुलहिन गृहमे बैसि जे ब्याहन हे
कहय हे सखि सब आनन्द मनाबिय
प्रभु गोहराबिय हे
जुगे-जुगे बढू़ आहिबात
कि अइहब गाबिय हे
पान खयबा काल
कोने सार बेसाहल पान गे माइ / मैथिली लोकगीत
कोने सार बेसाहल पान गे माइ
किनका बहिन के बड़ैबा नेने जाइ
अपन सार बेसाहल पान गे माइ
पाहुन बहिन के बड़ैबा नेने जाइ
अहाँ सभ देबनि तऽ दियनु
सिया के कोना देब गारि हे
हमरा तऽ लगता ओ सरोकारी हे
अपन सार बेसाहल सुपारी गे माइ
पाहुन बहिन केँ बनियाँ नेने जाइ
ठकबक चिन्हबा काल
चलू चलू चलू दुलहा अंगना हमार यौ / मैथिली लोकगीत
चलू चलू चलू दुलहा अंगना हमार यौ
अंगनामे होयत दुलहा विधि तोहार यौ
ठक के कहलखिन दुलहा माटी के मुरुत यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के मइया छिनारि यौ
बक के कहलखिन दुहा माटि के मुरुत यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के काकी छिनारि यौ
बेसन के कहलखिन दुलहा उरदिक घाटि यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के पीसी छिनारि यौ
भालरि के कहलखिन दुलहा केराक पात यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के बहीन यौ
मंजू के कहलखिन दुलहा इहो थिक कर यौ
किछु नहि सिखौलकनि दुलहा के भउजी छिनारि यौ
पयर धोयबा काल
कोना कऽ चरण पखारू हे छोट बभना के / मैथिली लोकगीत
कोना कऽ चरण पखारू हे छोट बभना के
हमर धिया छथि सोइतक बेटी
अहाँ छोट लोकक बेटा हे, छोट बभना के कोना ....
सुनू-सुनू ओझा बात, रुपैया लियऽ हाथ
अपन बहिनि करू दान, हमर भइया लय
सुनू-सुनू सरहोजि बात, नै अछि रुपैया पैसा हाथ
भइया लयलहुँ साथ, छोटकी सारि लय
वेदी घुमयबा काल
घूमू-घूमू महादेव आजु वेदी हे / मैथिली लोकगीत
घूमू-घूमू महादेव आजु वेदी हे
एक नागरि जे नाक धयने
एक लगौने गराती हे
चारू कोना चारि कर बैसाओल
घूमि-घूमि ताहि पर बैसू हे
तीन बेर जे घूमि लेब दुलहा
पहिरि लिअ विधिक धोती हे
भनहि विद्यापति सुनू मनाइनि
गौरी ब्याहन आयल योगी हे
कन्यादान
आजु शुभ दिन मंगल, मंगल गाउ हे / मैथिली लोकगीत
आजु शुभ दिन मंगल, मंगल गाउ हे
जानकी होयत विवाह जनकपुर आउ हे
धनुष तोड़ल रघुनाथ मेदिनी छहरायल हे
जयमाला सीता हाथ राम पहिरायल हे
सीता आंगुरि धराय कोबर घर जाउ हे
आजु शुभ दिन मंगल, मंगल गाउ हे
देहरि छेकऽ काल
देहरि के छेकाइ पहिने चुकाउ / मैथिली लोकगीत
देहरि के छेकाइ पहिने चुकाउ
हे रघुवंशी लाला
कोबर घर सोझे नहि जाउ
हे रघुवंशी लाला
हमरा भैया सँ अपन बहिनी बियाहू
हे रघुवंशी लाला
अयोध्या सँ शान्ती के मंगाउ
हे रघुवंशी लाला
हमरा कका जी के दियनु अपन मइया
हे रघुवंशी लाला
दुनू घर गुजर कराउ
हे रघुवंशी लाला
गाबथि सखि सभ कोबर छेकाइ
हे रघुवंशी लाला
उजड़ल घर भइया के बसाउ
हे रघुवंशी लाला
सिरहर भरबा काल
दस पाँच सखी मिलि / मैथिली लोकगीत
दस पाँच सखी मिलि पनियां के गेलहुँ
ओहि रे जमुना किनार हे
आहे एक सखी केर गागर फुटि गेल
सब सखी रहली लजाइ हे
छोटकी ननदिया राम बड़ तिलबिखनी
दौड़ि खबरि भइया के पहुँचाइ हे
तोहरो के तिरिया भइया भंगबा के मातलि
गागर कयल सकचुर हे
हर जोतऽ गेलिऐ बहिनी फार जे टुटि गेल
बिजुवन टुटल कोदारि हे
पानि भरे गेलै गे बहिना गागर फुटि गेलै
तिरिया के कओने अपराध हे
बरदा के आंकुश हो भइया दुइ रे पैनमा
घोड़बाक आंकुश लगाम हे
हथिया के आंकुश हो भइया
दुइ रे हौदबा हे
तिरिया के आंकुश सारी-राति हे
चारि सखि मिलि / मैथिली लोकगीत
चारि सखि मिलि पनियां के गेलिअइ
ओही रे जमुना के तीरे सखी
जलबा भरिइते रामा गगरी फुटिय गेल
गगरी तऽ भेल सकचूने सखी
सुनू सखि अगिली सुनू सखी पछिली
सुनू सखि बिचली समाद सखी
कहबनि ससुरजी के कहती समझयति
बुझाय मोहे देती बात सखी
एतबा वचन जब सुनली ननदी
भइया आगू चुगली लगाबे सखी
तोहरो के धनि भइया विरह के मातलि
गगरी तऽ भेल सकचूने सखी
जयबा काल गगरी फुटिय गेल
धनी केर कौने अपराध सखी
हरबा जोतैये काल फरबा हे टुटि गेल
बीजुवन टूटल कोदारि सखी
गेठबन्हन काल
करू गेठबन्हन लाल लाली के / मैथिली लोकगीत
करू गेठबन्हन लाल लाली के
चारू चन्द्र चकोर हे
प्रथम गेठ श्रीराम श्रीमिथिला
राज किशोरी हे
दोसर गेठ भरत बबुआ के
ओ मांडवी के जोड़ी हे
तेसर गेठ शत्रुघ्न के
श्रुतिकीर्ति कयल चोरी हे
चारिम गेठ देल हंसि लीअ
उर्मिल लखन के जोड़ी हे
गाओल सखि सभ मंगलगान
सम्बन्ध जोड़ि प्रीतिक हे
लाबा छीटऽ काल
बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया / मैथिली लोकगीत
बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर घुमि-घुमि देल हे महारानी सिया
आगू आगू दुलहिन लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर पाछू लागल जाइ हे महारानी सिया
सखि के वचन सुनि प्रेम संग ने लगबियौ हे महारानी सिया
पहिरा दिअनु प्रेमक मालहे महारानी सिया
वेदिया जे घुमि घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
उठू उठू आहे सखि लाबा छिड़िआउ हे
दुलहा दुलहिनियां के मड़बा घुमाउ हे
आंचर- चदरिया मे गेठिया बन्हाउ हे
घूमि घूमि सखि सब मंगल गाउ हे
आगू आगू दुलहिन पाछू दुलहा कुमार हे
देखू आब सखि सब फूल बरिसाउ हे
सीता जी के हाथ शोभनि सिन्दुर के पुड़िया हे
छोड़ि देलनि सीया अपन - परार हे
कहथिन गाबि सखि गारि बरिआति हे
दुलहा के माय बहिन बहुत छिनारि हे
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ / मैथिली लोकगीत
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ
बरक बाबी कनियांक बाबा संगहि सुताउ
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ
बरक माय कनियांक बाबू संगहि सुताउ
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ
बरक बहिनि कनियांक भइया संगहि सुताउ
दुनू घर गुजर चलाउ
बाबू लाबा छिड़िआउ, धीया बीछि-बीछि खाउ
बेलपात तोड़बा काल
हरिअर हरिअर बेल केर पात हे / मैथिली लोकगीत
हरिअर हरिअर बेल केर पात हे सखि कोबर घर मे
रघुवर तोड़थि बेलपात हे सखि कोबर घर मे
सोनाक साजी सिया हाथ कय लेलनि हे सखि कोबर घर मे
दुलहा तोड़थि बेलपात हे सखि कोबर घर मे
बेलपात तोड़थि दुलहा दुलहिन भवन मे हे सखी कोबर घर मे
बैसलि छथि सुकुमारि हे सखि कोबर घर मे
गिरिजा पूजथि सीया सुमंगल गाउ हे सखि कोबर घर मे
मांगल मंगल वरदान हे सखि कोबर घर मे
जुट्टी खोलऽ काल
दुलहा बदन ने छुबियौ / मैथिली लोकगीत
दुलहा बदन ने छुबियौ खोलियौ जुट्टीया
जौं अहाँ हैब एक बापक बेटा
एके हाथे खोलबै सिया के जुट्टिया
जौं अहाँ हेबै एक बापक बेटा
एक हाथे बन्हबै सिया के जुट्टिया
दुलहा बदन ने छुबियौ खोलियौ जुट्टिया
मुट्ठी खोलबा काल
मुट्ठी खोलहु ने जानथि जमइया हे / मैथिली लोकगीत
मुट्ठी खोलहु ने जानथि जमइया हे
सीता जी के हाथ
हाथ मे फूल अक्षत छनि हे
कर जोड़ि मांगथि जमइया हे
सीता जी के हाथ
मुट्ठी खोलहु ने जानथि जमइया हे
सीता जी के हाथ
हाथमे छनि जनौ सुपारी हे
कर जोड़ि मांगथि जमइया हे
सीता जी के हाथ
हारि गेलाह रघुरइया हे
सीता जी के हाथ
कनी मुट्ठी के खोलब जमइया हे / मैथिली लोकगीत
कनी मुट्ठी के खोलब जमइया हे
हमर सिया दाइ मुट्ठी कसि बान्हल
खोलियो ने सकला जमइया हे
हमर सिया दाइ के कोमल अंगुरिया
धीरे सऽ खोलब जमइया हे
ललित कुमारी सुमंगल गाओल
सखि जीतियो ने सकल रघुरइया हे
हमर सिया दाइ मुट्ठी कसि बान्हल
खोलियो ने सकल जमइया हे
दहनही काल
राधा चलि भेलि गंगा असननमा / मैथिली लोकगीत
राधा चलि भेलि गंगा असननमा
संग मुरली मोहनमा ना
राधा खोली राखल चीर
ओ उतारि देल चोलिया
ओतऽ कूदि भेली बिचे जमुनमा
संग मुरली मोहनमा ना
कृष्ण उठाय लेल चीर
चढ़ला कदमक बीच
कर जोड़ि करथिन राधा मिनती ना
संग मुरली मोहनमा ना
धनि संग करि असनाने / मैथिली लोकगीत
धनि संग करि असनाने
निरखल हमे अनजाने
कदलिक दल तन लागे
छछलि सकल जल भागे
चिकुर फुजल अलि कारी
अंकम गहि रह सारी
टपटप मोति पथारा
अलक तिमिर बिच तारा
शशि मुख सागर छानल
पुनिमक शशि धय आनल
जलक थिकनि बड़ भागे
सगर रमनि तन लागे
कुमरक दह असनाने
सतत लिखल रहु ध्याने
वर केँ खयबा काल
केड़ाक थम्ह गाड़बा काल
आजु आनन्द घर मोर / मैथिली लोकगीत
आजु आनन्द घर मोर, साजन हो
आजहु सुदिन दिन मोर
अगर चानन लय कोबर नीपब
कोबर लिखब चहुँओर, साजन हो
आजु सुदिन दिन मोर
लक्ष्मी अओती घर सुनू कौशल्या
केदुली रोपब चहुँओर, साजन हो
आजु आनन्द घर मोर
गुड़ खयबा काल
आजु शुभ घड़िया / मैथिली लोकगीत
आजु शुभ घड़िया आनन्द केर दिन
सीता अयली हे आजु अवधपुर मे
सीता डोली मे सवार रामचन्द्र नीचा छथि ठाढ़
ई नहि उचित बेवहार, अवधपुरमे
सखि सभ गुड़ खुआय सखि देलकनि घुमाय
गालो देलथिन दुनू सेदि, अवधपुरमे
सिया चलू ने सम्हारि, ननदि छेकने अछि दुआरि
लखन पढ़इ छथि गारि, अवधपुरमे
मोड़ि पर बैसबा काल
हंसा जोड़ी प्रेम कटोरी / मैथिली लोकगीत
हंसा जोड़ी प्रेम कटोरी, मोड़ि पर बैसू सासू हे
मुहमा उधारि जुनि बैसू हे सासू
पुतोहु होयती मुह उधारी हे
पयरबा उघारि जुनि बैसू हे सासू
पुतोहु होयती अंगन बुलनी हे
ठोरबा उघारि जुनि बैसू हे सासू
पुतोहु होयती लबरी हे
हंसा जोड़ी, प्रेम कटोरी
मोड़ि पर बैसू सासू हे
माछ बयनबा काल
कथी केर हाँसू लए माछ बनबथिन हे / मैथिली लोकगीत
कथी केर हाँसू लए माछ बनबथिन हे
हे नव सुन्दरि दुलहिन
कथी केर बेंट लगाय
हे नव सुन्दरि दुलहिन
सोना केर हाँसू लए माछ बनबथिन हे
हे नव सुन्दरि दुलहिन
रूपे के बेंट लगाय
हे नव सुन्दरि दुलहिन
एकहि हाथे काटब सुहबे रहू मछरिया
हे नव सुन्दरि दुलहिन
सखि सब देती नहि तऽ गारि
हे नव सुन्दरि दुलहिन
हरदि पिसबा काल
चलू - चलू आहे सखी / मैथिली लोकगीत
चलू-चलू आहे सखी
सीता सँ हरदि पिसयबे करी
हरदि कौशिल्या निकालू जल्दी
सुमित्रा तोहें माछ नेने ठाढ़ी
जँ तोहे होयब सीता एक बापक बेटी
एक हाथे हरदि पिसयबे करी
जनकपुर के चेरी करथि मिनती
हमर सीता बापक दुलारी बेटी
ई की तोहें चेरी बजलऽ मिनती
भौजीसँ हरदि पिसयबे करी
खोइंछ झाड़बा काल
आनू गऽ सोना के थारी / मैथिली लोकगीत
आनू गऽ सोना के थारी
झारू गऽ खोइंछ हे
खोइंछा मे भेटत आइ
मोहर पचीस हे
भौजी के माय-बाप
परम दरिद्र हे
खोइंछा मे आयल छनि
हरदि-दूभि धान हे
लाजहिं ठाढ़ छथि
बड़की बहीन हे
भउजो के खोइंछा
हरदि दूभि धान हे
चुप रहू चुप रहू छोटकी बहीन हे
हम पुराय देब तोहरो मोन आस हे
खोइंछ फोलबा काल
सीता के खोइंछा जखन / मैथिली लोकगीत
सीता के खोइंछा जखन खोलथिन ननदिया
हे मने-मन मुसके
सीता के खोइंछा मोहर लाल
हे मने मन मुसके
पीयर पीताम्बर साड़ी जे देलनि
हे मने मन मुसके
केहन दरिद्र घर बाबा भइया विआहल
हे मने मन मुसके
भउजी केर खोइंछा दूभि धान
हे मने मन मुसके
भरफोड़ी दिन
आब ने करिय एती देर हे माधव / मैथिली लोकगीत
आब ने करिय एती देर हे माधव, आब ने करिय एती देर
उठहु राम उठाबहु जानकी, मिझाबहु माणिक दीप हे माधव
जानकी उठि कोबर घर नीपल, रूसली दानक बेर हे माधव
लछुमन देओर गछलनि कंगन, सियाजी करथि स्नान हे माधव
तुलसीदास प्रभु तुम्हरे दरस के, आजु भरफोड़ीक दिन हे माधव
कनियां मनयबा काल
अवधपुर शोभा बड़ी / मैथिली लोकगीत
अवधपुर शोभा बड़ी, सिया रुसि रहली
ककरा हाथ गुलाब छड़ी, ककरा मारल तीन छड़ी
रामजी के हाथ गुलाब छड़ी, सीता के मारल तीन छड़ी
ताही लए सीता रुसि रहली, राम मनाओल बांहि धरी
लछुमन मनाओल पयर धरी, उठू उठू सीता होउ ठाढ़ी
जे अरजब सभ देब तोंही
कोजगरा
बौआ के छियनि कोजगरा हे / मैथिली लोकगीत
बौआ के छियनि कोजगरा हे
पूर्णिमा के राति
कथी के जूत्ता कथी के छत्ता
कोने खराम चढ़ि चलता हे
पूर्णिमा के राति
सोने के जुत्ता रूपे के छत्ता
झनुकी खराम चढ़ि चलता हे
पूर्णिमा के राति
कथि के थारी, कथी के कौड़ी
किनका संग खेलता पचीसी हे
पूर्णिमा के राति
सोने के थारी, चानी के कौड़ी
भौजी संग खेलता पचीसी हे
पूर्णिमा के राति
सखि के साओन मे बुनझीसी / मैथिली लोकगीत
सखि के साओन मे बुनझीसी
पिया संग खेलब पचीसी ना
मुखमे पान दांत मे मिस्सी
सखि हे साओन केर बुनझीसी
पिया संग खेलब पचीसी ना
गोर बदन पर कारी रे चुनरिया
नयन काजर मुख मिस्सी
पिया संग खेलब पचीसी ना
सोनाक थार सखि रूपे केर कौड़ी
लागि गेल पिया सौं बाजी
पिया संग खेलब पचीसी ना
केये हारय केये जीतय
केये मारलनि पिक्की
पिया संग खेलब पचीसी ना
राम हारलनि सीता जितलनि
लछुमन मारलनि पिक्की
पिया संग खेलब पचीसी ना
सखि हे साओन मे बुनझीसी
पिया संग खेलब पचीसी ना
जूता खोलबा काल
बाबू हे जूता अहांक / मैथिली लोकगीत
बाबू हे जूता अहांक कुलपूज्य थिका
हिनका शीश नबाय प्रणाम करू
नहि करबै जँ लोक हँसैए
तखन तऽ जाति अहांक जायत हे
बाबू जे जता अहांक कुलपूज्य थिका
साष्टांग जोड़ि प्रणाम करू
अहांक बापो-पितामह एना पूजल
जुनि एना संकोच करू हे
बाबू हे जूता अहांक कुलपूज्य थिका
विवाह काल
आगे माइ छल मनोरथ होयत प्रथम बर, पण्डित करब जमाय / मैथिली लोकगीत
आगे माइ छल मनोरथ होयत प्रथम बर, पण्डित करब जमाय
आगे माइ हमर मनोरथ दैवो ने बुझलनि, जोहि लेला तपसी भिखारि
आगे माइ बेकल मनाइनि घर-घर फीरथि, आब किए करब उपाय
आगे माइ नहि ओहि बर के माय ने बाप छनि, ने छनि कुल परिवार
आगे माइ हमरो गौरी कोना सासुर बसती, के कहत निज बात
आगे माइ भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि, इहो थिका त्रिभुवन नाथ
आगे माइ गौरी दाइ के यैह बर लीखल छल, लीखल मेटल नहि जाय
कमलक फूल सन हमर धीया छथि / मैथिली लोकगीत
कमलक फूल सन हमर धीया छथि
जोहि लेली धीया के खबास यो
चलहु के बेर अहाँ घर नहि देखलौं
धीया आगू दीया केर नहि काज यो
आनि दीअ जहर माहुर खाय हम मरबई
हति लेब अपन प्राण यौ
बाप हेमन्त रिषि सभा पैसि जोहलनि / मैथिली लोकगीत
बाप हेमन्त रिषि सभा पैसि जोहलनि
जातियो ने लएला विचारि गे माइ
केये गेला सभा केये कएल दया
केये बर लएला जमाइ गे माइ
बाबा गेला सभा, भइया कएल दया
बाबा बर लएला जमाइ गे माइ
अगह घूमल मगह घूमल घूमल मगह मुंगेर गे माइ
धीया जुगुति बर कतहु ने भेटल
भेटल तपसी भिखारि गे माइ
बेटी जुगुति बर कतहु ने भेटल
भेटल जोगिया भंगेरी गे माइ
तोरा लए आहो बाबा तपसी भिखरिया
मोरा लेल बाबा बैद्यनाथ गे माइ
भनहि विद्यापति सुनू हे मनाइनि
लिखल मेटल नहि जाइ गे माइ
सींथ नोतबा काल
सभ सखि चलू गृह मोर / मैथिली लोकगीत
सभ सखि चलू गृह मोर
कि मंगल गायब हे
जानकी होयत विवाह
जनकपुर आयब हे
आभरण वसन सहित
आनि पहिरायब हे
सीता बैसतीह आसन पर
सींथ नोतायत हे
दूभि धान लए हरि बैसताह
आरत पान लए हे
माहर लए सींथ लगओताह
सीया सीथ नोतल हे
भनहि तुलसी दास
सीता राम नेह लगाओल रे
प्रिय पाहुन सिया के सींथ नोतू / मैथिली लोकगीत
प्रिय पाहुन सिया के सींथ नोतू
चानन पान हम पहिने सँ राखल
सीता जी के सींथ अहाँ मन सँ नोतू
प्रिय पाहुन सिया के सींथ नोतू
सींथ नोतीय सीता मांड़ब पर जयती
होयत सीता सँ विवाह
प्रिय पाहुन सिया के सींथ नोतू
चुमाओन
करू सखि मंगलगान हे, सिया रघुवर के होइ छनि चुमान हे / मैथिली लोकगीत
करू सखि मंगलगान हे, सिया रघुवर के होइ छनि चुमान हे
कांचहि बांस के डलबा रे डलबा, ताही साजल दूभिधान हे
चानन काटि कऽ पीढ़िया बनाओल, ताहि बैसल श्री राम हे
चुमबय एली आमा सोहागिन, दीऔ, आमा मनसँ आशीष हे
चुमबय एली काकी सोहागिन, दिऔ, काकी मनसँ आशीष हे
चुमबय एली भउजी सोहागिन, दीऔ भउजो मनसँ आशीष हे
करू सखि मंगलगान हे, सिया रघुवर के होइ छनि चुमान हे
आनन्द देखू रघुरइया हे सीता के संग / मैथिली लोकगीत
आनन्द देखू रघुरइया हे सीता के संग
आंगन चानन नीपू कौशिल्या
गजमोती चौक पुरइया हे सीता के संग
आनन्द देखू रघुरइया हे सीता के संग
अलस कलस लए पुरहर सांठल
मानिक दीप जरइया हे सीता के संग
आनन्द देखू रघुरइया हे सीता के संग
कांचहि बांस केर डलबा बुनाओल
दूभिधान ताहिमे सजइए हे सीता के संग
आनन्द देख रघुरइया हे सीता के संग
ऋषि मुनि सभ आशीष देथि
चुमबहु राम रघुरइया हे सीता के संग
नगरहिक नाथ कन्हैया देखू हे मैया / मैथिली लोकगीत
नगरहिक नाथ कन्हैया देखू हे मैया
गाइक गोबर लए लांगन नीपल, कंचन कलश धरैया, देखू...
पाँच सखी मिलि अरिपन देलनि, राधा के बैसैया, देखू...
पानक ढ़ोली लए कृष्ण के देलनि, मंगल गाबि चुमैया, देखू...
दुभि अक्षत लए मुनि सभ आयल, शीश झुकाबे कन्हैया, देखू...
आजु सुदिन दिन निर्मल बनल अछि / मैथिली लोकगीत
आजु सुदिन दिन निर्मल बनल अछि
सोना आ चन्दा समान
गे माइ, झुमि झुमि कऽ करियनु चुमान
आंगन चानन नीपू कोशिल्या
गजमोती देल अरिपन, गे माइ झुमि ....
अलस कलश लय पुरहर साजल
माणिक नेसू प्रहलाद, गे माइ झुमि ....
सुन गे सखिया आजु होइ छनि रघुबर के चुमान / मैथिली लोकगीत
सुन गे सखिया आजु होइ छनि रघुबर के चुमान
आंगन चानन नीपू कोशिल्या सुनू गे सखिया
गजमोती चौक पुराउ
अलस कलस लय पुरहर राखल सुनू गे सखिया
माणिक नेसू प्रहलाद
दुभि ओ धान लय मुनि सभ आयल सुनू गे सखिया
चुमाबहु सीया श्रीराम
पटिया झारबा काल
सबरंग पटिया समटू हे सुहबे / मैथिली लोकगीत
सबरंग पटिया समटू हे सुहबे
दुलहा देता ओछाय
टेढ़-टुढ़ जौं पटिया ओछौता
रूसि रहब सुकुमारि हे
हे कसर-मसर ने पटिया ओछौता
मारबनि चाट घुमाय हे
हँसी खुशी सँ पटिया ओछौता
तखन हँसथि सुकुमारि हे
ललित कुमारि सुमंगल गाओल
सखि सब देल पिहकारी हे
माइ हे पटियो ने झारथि इहो दुलहा / मैथिली लोकगीत
माइ हे पटियो ने झारथि इहो दुलहा
माइ हे ताकतो ने छनि कनिको हिनका
माइ हे दुलहा के माइ बड़ा ढ़हलेल
झारू झारू आहे दुलहा पटिया हमार
माइ हे दुलहा के माइ बड़ा भरदुलाहि
जौं दुलहा फेकथि पटिया झट झारि
माइ कनियां सुहबे सँ सुनथिन गारि
चलू सब सखिया रंग महलमे / मैथिली लोकगीत
चलू सब सखिया रंग महलमे, समटू एक पटिया हे
कथी केर जे रंगमहलिया, कथी लागल केबाड़ी हे
हीरा केर जे रंगमहलिया, मानिक लागल केबाड़ी हे
राजा के बेटी पटिया समेटथि, जोलहाक बेटा ओछाबय हे
राजा के बेटी पटिया उठाबय, डोमक बेटा ओछाबय हे
राजा बेटी के जे कहथि पटिया ओछाबय, से छथि ओछबैया हे
हीरा के जे पटिया ओछाओल, मानिक लागल चारू कोन हे
चमरबा के बेटा पटिया ओछाबथि, राजा बेटा उठाबथि हे
सब रंग पटिया समटू सुहबे / मैथिली लोकगीत
सब रंग पटिया समटू सुहबे
दुलहा सँ ओछबाउ हे
पटिया ओछयबामे जसमस करता
मारब चाट घुमाय हे
टेढ़-टूढ़ जुनि पटिया ओछाएब
रूसि रहती सुकुमारि हे
हँसी खुशी पटिया ओछाएब
हँसती सिया सुकुमारि हे
ओठंगर काल
चितचोरबा आजु बन्हएलनि हे / मैथिली लोकगीत
चितचोरबा आजु बन्हएलनि हे
सान गुमान देखओलनि हे
बेलक उखरि, बबूर केँ समाठ
घूमि-घूमि डोरी कसलनि हे
चितचोरबा आजू बन्हएलनि हे
ओहि चितचोरबा के लाले-लाल धोतिया
ओहि चितचोरबा के लाले-लाल पगिया
सान गुमान देखओलनि हे
नउआ आबि कसि डोरिसँ बान्हल
कंगन बन्हाओल आम पातसँ
आठ जन मिलि कूटल ओठंगर
कुटि एको चाउर नहि छुटल हे
चारू बरबासँ धनमा कुटाएब हे सखि / मैथिली लोकगीत
चारू बरबासँ धनमा कुटाएब हे सखि
कथी केर उखरि कथीक मुसर
आठ चोट गनि कुटब सम्हारि
आइ धनमा कुटायब चारू बरबासँ
बेल के उखरि बबुर के समाठ
आठ चोट गनि कूटल हे
एको चाउर नहि छूटल हे
माइ हे त्रिभुवनपति वर सुन्दर है / मैथिली लोकगीत
माइ हे त्रिभुवनपति वर सुन्दर है
माइ हे सिया मोरा छथि सोहागिन हे
माइ हे आठहि मिलि सब चलल हे
माइ हे हजमा सऽ पल्लव बन्हाओल हे
माइ हे सोनक उखरि रूपे मूसर छनि
माइ हे उखरि पड़ल दूभि धान हे
दस दाइ माइ मिलि मंगल गाओल हे
माइ हे आठ मिलि कूटथि ओठंगर हे
माइ हे पंडित वेद पढ़ाओल हे
भनहि विद्यापति गाओल गाबि सुनाओल हे
माइ हे सीताराम भेल विवाह कोबर बैसाओल हे
एला चारू भइया अबधबा सऽ / मैथिली लोकगीत
एला चारू भइया अबधबा सऽ
आइ जनकपुर बाजे बधइया हे
नाउनि नगर हकार पठाओल
सखि मिलि आए अंगनमामे
सखि एला चारू भइया अबधबा सऽ
कथी के उखरी कथी के मूसर
कोने डोरी बन्हबनि दुलहबाके
सखि एला चारू भइया अबधबा सऽ
सोना के उखरि रूपे के मूसर
रेशम डोरी बन्हबनि दुलहा के
सखि एला चारू भइया अबधबा सऽ
पाँच ब्राह्मण वेद पढ़ाओल
आठ चोट चाउरो ने बनल दुलहबा सऽ
सखि एला चारू भइया अबधबा सऽ
नैना जोगिन काल
थिकहुँ बंगालिन, बसी बंगाला / मैथिली लोकगीत
थिकहुँ बंगालिन, बसी बंगाला
सुरपुरसँ अयलहुँ अछि
सुरपुर नदिया नाव बहाओल
अपनहि तरहथ दही जमाओल
कोठी कन्हा बरद घुमाओल
चुल्हाक पुत्ता सारी उपजाओल
आलरि-झालरि कांधे कामरु माथे बीयनि
पहिल योगिनियाँ तोहें अपन सासु हे
आबे बाबू पड़ल जोगिनियाँ के वश हे
श्यामल सुरतिया पहुनमा / मैथिली लोकगीत
श्यामल सुरतिया पहुनमा
हे नैना जोगिनियाँ
कहमा सँ एलथि बर कुमार
हे नैना जोगिनियाँ
बांस केर बीयनि मंगथिन
हे नैना जोगिनियाँ
दुलहा चलथि पछुआय
हे नैना जोगिनियाँ
सासु सभ जोग करथिन
हे नैना जोगिनियाँ
दुलहा चलथु मुसुकाई
हे नैना जोगिनियाँ
अबधसँ एला इहो बर-सुन्दर
हे नैना जोगिनियाँ
बाबा दशरथ कौशल्या माय
हे नैना जोगिनियाँ
यमुना तीर, कुंज वन, ततऽ कृष्ण बसै छथि / मैथिली लोकगीत
यमुना तीर, कुंज वन, ततऽ कृष्ण बसै छथि
गोप कन्या दधि मांगथि, चलि ने सकै छथि
ओहि ठाम बालक भाइ, चेहों-चेहों करै छथि
आलरि-झालरि कांधे कामरु माथे बीयनी
दोसर योगिनियां तोहें पितिया सासु हे
आबे बाबू पड़ल योगिनियां के वश हे
कांच बांस काटिकऽ बंगाल घर छारि कऽ / मैथिली लोकगीत
कांच बांस काटिकऽ बंगाल घर छारि कऽ
ई लट झाड़ि कऽ ओ पट झाड़ि कऽ
एती-एतीराति पिा कतऽ सऽ आयल छी?
राहरिक खेत पोखरौना सऽ आयल छी
हाथमे टुनटुन, पयरमे काड़ा
कर दतमनियां नैना जोगिनियां
एके पटोर तर दुइ रे कुमारि
बाम छौ कनियां दहिन छौ सारि
हृदय विचारि कऽ उठा ले नारि
आलरि-झालरि कांधे कामरु माथे बीयनि
तेसर योगिनियां तोहें छोटकी सासु हे
आबे बाबू पड़ल योगिनियां के वश हे
रोही ले पनबट्टा बेटी, पानी भरऽ जाइ ले / मैथिली लोकगीत
रोही ले पनबट्टा बेटी, पानी भरऽ जाइ ले
बाट पर ठाढ़ बेटी, बंसिया बजाइ ले
तोरा के कहलौं बेटी, लाज ने भइ ले
भइले जुआन तऽ सम्हारि नै सकले
आलरि-झालरि कांधे कामरु माथे बीयनि
तेसर योगिनियां तोहें मझिली सासु हे
आबे बाबू पड़ल योगिनियां के वश हे
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