गोंड गीत लोकगीत लिरिक्स Gond Lokgeet Geet Lyrics

गोण्ड जनजातीय गीत | Gond Janjatiya Geet

लहकी गीत


आमा के डारा मा मारेथ लबेदा़ ओ,
सुद-बुद गिरथे ओली झोली झोली,
धानी मा रंग चूहेच॥

आमा ला तोरेच खाहुं तो कहिके ओ हाय।
तोलबुलावथ्या रूपेला धरके रे॥
सुद बुद..........................चूहेच॥

आमा के डारा मा गुल-गुल गिरथे ओहाय,
तेज इन झगिया हवन कोड़े ओहे बतोये रे।
सुद बुद.......................चूहेच॥

आमा के अमरू बनाये चटनी ओ हाय,
मन ला मिलाये के भग जाबों कटनी रे॥
सुद-बुद..........................चूहेच


झूमर देवी गीत

ईंदी-कांदीरी फूल तोरये हो।
देवन के सहारे, देवन के सहारे,
फूल तोरये हो, देवन के सहारे,

बारा चढ़े फूलबढ़े अर चढ़े मेवा।
लहुं के भोग लागे बत्त करिये सेवा॥
हो देवन के सहारे फूल तोरये हो॥

काहे के दिया ना काहे के बाती।
काहे के तेल जरिन सब राती॥
हो देवन.......................॥

माटी के दिया रूप लागे बाती।
तिल्ली के तेल जरिन सब राती॥
हो देवन.......................॥



जस देवी गीत

तोरे आसन लगे है भभूत कहल जोगी मेरो रे॥
पाँच दिन से देवी चढ़ गयो रे देवी चढ़ गयो रे।

हिंगलाज पर है मिलान कहल जोगी मेरो रे॥
गिरनार से देवी चढ़ गयो रे देवी चढ़ गयो रे।

कन्हन पर है मिलान कहल जोगी मेरो रे॥
कन्हन से देवी चढ़ गयो रे देवी चढ़ गयो रे।

छत्तीसगढ़ पर है मिलान कहल जोगी मेरो रे॥
छत्तीसगढ़ से देवी चढ़ गयो रे देवी चढ़ गयो रे।

गंडर पर है मिलान कहल जोगी मेरो रे॥
गंडर से देवी चढ़ गयो रे देवी चढ़ गयो रे।

मूढ़न पर है मिलान कहल जोगी मेरो रे॥

भवानी जी की आरती

आज भवानी माई आरती तोरी करौं।
कंचन थार में दीप जलौं॥
कुम-कुम इत्तर लगाऊं॥

गंगा जल से गुढ़धा भर के।
मोरई तोह चढ़ाऊं॥

सुरही गायन के दूध माँग के।
मैं आ खोर बनाऊं आरती॥

लाल चुनरिया रेशम वाला।
मध्या तोही चढ़ाऊ॥


शारदा देवी गीत

कौन गुन गाये कौन गुन बजायो।
लेथो रे कहुन के रे नाम हो माया॥
शरद बजायो गा गीत गाये॥
लेथो दुबान के रे नाम हो माया॥

कठन बैठो ये रे केंदरगढ़।
जिनगीन गोरी गनेस हो माया॥

ओटनव देखो ऐ रे सरस्वती।
भूल भैया समुझाए हो माया॥

गावे जसयो के केव बिराजो।
सुनाथो के लुग्गे के कां हो माया॥

शारद शारद तोला में सुमरौं।
रस्ता ला देथो बचाय हो माया॥

सिंग सवारी भैया तोला में गावे।
तोर बन देथो भगाय हो माया॥

गावत बजावत नंद देखे माया।
अंधे आँखि भलका के तेल हो माया॥



सैला-लहकी

तरवारी तरहर ना ना रे ना ना।
तरवारी तरहर ना ना रे ना ना॥
तरवारी तरहर ना ना।
नागपुर बोहेला ओ संगोदर ला।
मढ़ला के मुरत बोलथ रे भैया
भैया लहरिया, गढ़ा ले बंगला तोरये॥

सैला के मार धार धवला बिगड़ जाय।
नागपुर बोहेला ओ...........भैया॥

रीना के मार धार धवला बिगड़ जाय।
नागपुर बोहेला ओ...........भैया॥

करमा के मार धार धवला बिगड़ जाय।
नागपुर बोहेला ओ...........भैया॥

बिहारा के मार धार धवला बिगड़ जाय।
नागपुर बोहेला ओ...........भैया॥



सैला-गढ़ी

तरी ना ना री ना ना,
बालक मोरा गुरु बिना ज्ञान कहाँ पाये॥२॥
ए हो रेंग रेंग बालक मोरा।
गुरु बिना ज्ञान कहाँ पाये॥

पैंया ला खिलावय बालक मोरा।
गुरु बिना ज्ञान कहाँ पाये॥

बनाझे की नाही बालक मोरा।
गुरु बिना ज्ञान कहाँ पाये॥

धीरे से नचावे बालक मोरा।
गुरु बिना ज्ञान कहाँ पाये॥



सैला-वंदना

तरे हरे ताना रे तरे ता ना री हो।
मैय्या तरे ना ना ता री ता।
शारद शारद रे सिंग शारद हो।
मैय्या शारद सिंग सवार॥

पहिलो ले जनमंय रे धरती माता।
मैय्या दुःख में खेले बहरा॥
तीज में जनमंय रे ठठूर देवता।
मैय्या मिले गारी गणेशा॥
पांचों में जनमंय रे चंदा सूरज।
मैय्या धरती में फेके उजियारा॥

छठवें में जनमंय नागा बिन नागा बैंन।
मैय्या सबन उबरें कहार॥

केंवठ देखो रे केंवठगढ़।
मैय्या जिनगीन गोरी गणेशा॥
बाजा बजाओ ऐ रे सरस्वती।
मैय्या शारद तोला रजा महास॥
मैय्या जादू ला देवे भगाए॥

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