जनम तेरा बातों ही बीत गयो लिरिक्स janam tera baaton hi beet gaya
जनम तेरा बातों ही बीत गयो, रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो |
पाँच बरस को भोलो बालो, अब तो बीस भयो |
मकर पचीसी माया के कारन, देश विदेश गयो ||
तीस बरस की अब मति उपजी, लोभ बढ़े नित नयो |
माया जोड़ी लाख करोड़ी, अजहू न तृप्त भयो ||
वृद्ध भयो तब आलस उपज्यो, कफ नित कंठ नयो |
साधू संगति कबहू न किन्ही, बिरथा जनम गयो ||
यो जग सब मतलब को लोभी, झूठो ठाठ ठयो |
कहत कबीर समझ मन मूरख, तूं क्यूँ भूल गयो ||
स्वरअनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
वीडियो देखना के लिए यूट्यूब लिंक दिया है उससे देख सकते हैं भजन अनूप जलोटा के
https://youtu.be/JeUtl0x_sho
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो लिरिक्स maiya mori mai nahi makhan khayo Anup Jalota
मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो |
भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहिं पठायो ।
चार पहर बंसीबट भटक्यो, साँझ परे घर आयो ॥
मैं बालक बहिंयन को छोटो, छींको किहि बिधि पायो ।
ग्वाल बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो ॥
तू जननी मन की अति भोरी, इनके कहे पतिआयो ।
जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो ॥
यह लै अपनी लकुटि कमरिया, बहुतहिं नाच नचायो ।
'सूरदास' तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो ॥
स्वरअनूप जलोटा
कवि -सूरदास
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://youtu.be/P5ZOwMSejaI
जग में सुन्दर है दो नाम लिरिक्स jag mai sundar hai do naam Anup Jalota
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम |
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम ||
माखन ब्रज में एक चुरावे, एक बेर के खावे |
प्रेम भाव से भरे अनोखे, दोनों के है काम ||
एक कंस पापी को मारे, एक दुष्ट रावण संहारे |
दोनों दीन के दुःख हरत है, दोनों बल के धाम ||
एक ह्रदय में प्रेम बढावे, एक ताप संताप मिटावे |
दोनों सुख के सागर है, और दोनों पूरण काम ||
एक राधिका के संग राजे, एक जानकी संग बिराजे |
चाहे सीता-राम कहो, या बोलो राधे-श्याम ||
स्वरअनूप जलोटा
श्रेणी कृष्ण भजन
https://youtu.be/pLLFVwvAMs0
कभी कभी भगवान् को भी भक्तों से काम पड़े लिरिक्स kabhi kabhi bhagwaan ko bhi bhakto se kaam pade
कभी कभी भगवान् को भी भक्तों से काम पड़े ।
जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े ॥
अवध छोड़ प्रभु वन को धाये,
सिया राम लखन गंगा तट आये ।
केवट मन ही मन हर्षाये,
घर बैठे प्रभु दर्शन पाए ।
हाथ जोड़ कर प्रभु के आगे केवट मगन खड़े ॥
प्रभु बोले तुम नाव चलाओ,
अरे पार हमे केवट पहुँचाओ ।
केवट बोला सुनो हमारी,
चरण धुल की माया भारी ।
मैं गरीब नैया मेरी नारी ना होए पड़े ॥
चली नाव गंगा की धारा,
सिया राम लखन को पार उतारा ।
प्रभु देने लगे नाव उतराई,
केवट कहे नहीं रागुराई ।
पार किया मैंने तुमको, अब तू मोहे पार करे ॥
केवट दोड़ के जल भर ले आया,
चरण धोये चरणामृत पाया ।
वेद ग्रन्थ जिन के गुण गाये,
केवट उनको नाव चढ़ाए ।
बरसे फूल गगन से ऐसे,
भक्त के भाग्य जगे ॥
स्वरअनूप जलोटा
श्रेणी-राम भजन
https://youtu.be/XS3gVcSXGas
वो काला एक बांसुरी वाल सुध बिसरा गया मोरी रे लिरिक्स vo kaala ek baansuri wala sudh bisra gaya mori re
वो काला एक बांसुरी वाला,
सुध बिसरा गया मोरी रे ।
माखन चोर वो नंदकिशोर जो,
कर गयो मन की चोरी रे ॥
पनघट पे मोरी बईया मरोड़ी,
मैं बोली तो मेरी मटकी फोड़ी ।
पईया परूँ करूँ बीनता मैं पर,
माने ना वो एक मोरे रे ॥
छुप गयो फिर एक तान सुना के,
कहाँ गयो एक बाण चला के ।
गोकुल ढूंढा मैंने मथुरी ढूंढी,
कोई नगरिया ना छोड़ी रे ॥
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://youtu.be/oGXeQXQ1_vE
राम रमैया गाए जा राम से लगन लगाए जा लिरिक्स raam ramiya gaaye jaa prabhu se lagan lagaye jaa
दोहा : राम नाम रटते रहो, जब तक घट में प्राण ।
कभी तो दीन दयाल के भनक पड़ेगी कान ॥
राम रमैया गाए जा राम से लगन लगाए जा ।
राम ही तारे राम उभरे, राम नाम दोहराए जा ॥
सुबह यहाँ तो श्याम वहां है, राम बिना आराम कहाँ है ।
राम रमैया गाये जा, प्रभु से प्रीत लगाए जा ॥
भटकाए जब भूल भुलैया, बीच भावर जब अटके नैया ।
राम रमैया गाये जा, हर उलझन सुलझाए जा ॥
राम नाम बिन जागा सोया, अन्धिआरे में जीवन खोया ।
राम रमैया गाये जा, मन का दीप जलाए जा ॥
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-राम भजन
https://youtu.be/y3sm1896x-4
हरी हरी सुमिरन करौ लिरिक्स hari hari sumiran karo hari charanar vrind ur dharo
हरी हरी हरी हरी सुमिरन करौहरी चरणान वृन्द उर धरौ
हरे राम हरे राम रामा रामा हरे हरे
हरे कृष्णा करे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे
हरी की कथा होइ जब जहाँ
गंगा ही चली आवे तहाँ
जमुना सिंधु सरस्वती आवे
गोदावरी विलम्भ ना लावे
सर्व तीरथ को बासा वहां
सूर हरी कथा होवै जहाँ
हरी चरणान वृन्द उर धरौ
हरी हरी हरी हरी सुमिरन करौ
फिल्म : चिंतामणि सूरदास
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://youtu.be/LQhObNSD4eY
तुम तजि और कौन पे जाऊं लिरिक्स tum taji aur kaun pe jaaun Anup Jalota
छेड़ी के पूछत लोग के प्रेम को रोग रे सूर लाग्यो तोहे कब ते
बाँवरो मैं भयो बाल गोपाल को रावरो रूप बस्यो हिय जब ते
हरी गुण गाई के मांगी के खाई के जोड़ी के हाँथ कहु यही सब ते
शीश नबे जिनके घनश्याम को शीश नबे काहू और को नब ते
बोलो हे ....बोलो हे...बोलो हे..गोपाल
तुम तजि और कौन पे जाऊं
काके द्वार जाहि सिर नाउँ
परहथ कहाँ बिकाऊ
तुम तजि और कौन पे जाऊं
फिल्म : चिंतामणि सूरदास
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://youtu.be/6SyHfQF-1VI
हरी मैं नैनहीन तुम नैना लिरिक्स hari main nainheen tum naina by Anup Jalota from film chintamani Surdas
हे गिरधर गोपाल
करुणा सिंधु कृपाल
भक्त-वत्सल सबके सम्बल
मोकू लेओ संभाल
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना
निर्बल के बल,दीन के बंधू
वचन सुन के बैना
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना
थाम उँगरिया जौंन डगरिया लै चालो मोहे जानो
तुम्हरी शरण में तुम्हरे चरण में अब मेरो ठौर ठिकानों
गोपाल...गोपाल...
हरी तुम ही आंधे की लकुटिया
तुम ही जिया को चैना
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना
दरसन ते सुख,बिन दरसन दुःख
प्रभु मेरो मनवा पावे
तुम देखे मेरो सूरज ऊगे
तुम बिछड़े छुप जावे
गोपाल...गोपाल..
अपने पतित को बेगी उबारो
नाम रटो दिन- रैना
हरी मैं नैनहीन,तुम नैना
हे गिरधर गोपाल
श्यामा दीन दयाल
भक्त-वत्सल सबके सम्बल
मोकू लेओ संभाल
गोपाल..गोपाल..
गोपाल...गोपाल..
फिल्म : चिंतामणि सूरदास
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://youtu.be/onfCtDmDzSQ
चदरिया झीनी रे झीनी लिरिक्स chadariya jhini re jhini ram nam ras bheeni Anoop Jalota
कबीरा जब हम पैदा हुए,
जग हँसे,हम रोये ।
ऐसी करनी कर चलो,
हम हँसे,जग रोये ॥
चदरिया झीनी रे झीनी
राम नाम रस भीनी
चदरिया झीनी रे झीनी
अष्ट-कमल का चरखा बनाया,
पांच तत्व की पूनी ।
नौ-दस मास बुनन को लागे,
मूरख मैली किन्ही ॥
चदरिया झीनी रे झीनी...
जब मोरी चादर बन घर आई,
रंगरेज को दीन्हि ।
ऐसा रंग रंगा रंगरे ने,
के लालो लाल कर दीन्हि ॥
चदरिया झीनी रे झीनी...
चादर ओढ़ शंका मत करियो,
ये दो दिन तुमको दीन्हि ।
मूरख लोग भेद नहीं जाने,
दिन-दिन मैली कीन्हि ॥
चदरिया झीनी रे झीनी...
ध्रुव-प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी चदरिया,
शुकदे में निर्मल कीन्हि ।
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी,
ज्यूँ की त्यूं धर दीन्हि ॥
के राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी ।
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-विविध भजन
https://youtu.be/93zw9h53zmk
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले लिरिक्स itna to karna swami jab praan tan se nikle
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले - २
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से निकले
श्री गंगा जी का तट हो,
यमुना का वंशीवट हो
मेरा सांवरा निकट हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
पीताम्बरी कसी हो
छवि मन में यह बसी हो
होठों पे कुछ हसी हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
श्री वृन्दावन का स्थल हो
मेरे मुख में तुलसी दल हो
विष्णु चरण का जल हो
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
जब कंठ प्राण आवे
कोई रोग ना सतावे
यम दर्शना दिखावे
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
उस वक़्त जल्दी आना
नहीं श्याम भूल जाना
राधा को साथ लाना
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
सुधि होवे नाही तन की
तैयारी हो गमन की
लकड़ी हो ब्रज के वन की
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
एक भक्त की है अर्जी
खुदगर्ज की है गरजी
आगे तुम्हारी मर्जी
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
ये नेक सी अरज है
मानो तो क्या हरज है
कुछ आप का फरज है
जब प्राण तन से निकले
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले
स्वर--अनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://youtu.be/5Af-X_WAXvI
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले लिरिक्स tan ke tambure me do saanso ki taar bole
तन तम्बूरा,तार मन
अद्भुत है ये साज
हरी के कर से बज रहा
हरी ही है आवाज
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम
अब तो इस मन के मंदिर में प्रभु का हुआ बसेरा
मगन हुआ मन मेरा,छूटा जनम जनम का फेरा
मन की मुरलिया में सुर का सिंगार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम
लगन लगी लीला धारी से, जगी रे जगमग ज्योति
राम नाम का हीरा पाया, श्याम नाम का मोती
प्यासी दो अंखियो में आंसुओ के धार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम
तन के तम्बूरे में दो सांसो की तार बोले
जय सिया राम राम..जय राधे श्याम श्याम
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://youtu.be/4Gxwxc0UKPA
श्याम तेरी बन्सी पुकारे राधा नाम लिरिक्स shyam teri bansi pukare radha naam log kare meera ko yunhi badnaam
श्याम तेरी बन्सी पुकारे राधा नाम
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम
साँवरे की बन्सी को बजने से काम
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम
यमुना की लहरें बन्सीबट की छैया
किसका नहीं है कहो कृष्ण कन्हैया
श्याम का दीवाना तो सारा बृजधाम
लोग करे मीरा को यूँ ही बदनाम
कोन जाने बाँसुरिया किसको बुलाए
जिसके मन भाए वो उसीके गुन गाए
कोन नहीं बन्सी की धुन का गुलाम
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम
Film - Geet Gaata Chal (1975)
Composer - Ravindra Jain
Singer - Arati Mukherjee & Jaspal Singh
स्वर-अनूप जलोटा
श्रेणी-कृष्ण भजन
https://www.youtube.com/watch?v=XJqKbDxAa3U&pp=0gcJCfwAo7VqN5tD
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