खोजत-खोजत सतगुरु भेंटि गेला रामेश्वरदास भजन / Khojat-Khojat Satguru Bhenti Gela Rameshwardas Bhajan

 

खोजत-खोजत सतगुरु भेंटि गेला, धरहर गढ़ सिकली मोर॥1॥
प्रथम दिहल गुरु मानस जाप जे, मानस ध्यान अरु मोर॥2॥
दोसर देलखिन दृष्टि-योग मारग, घटहि में भइलै इँजोर॥3॥
जगमग-जगमग होवत घटहि में, बिजली छटकै अति जोर॥4॥
चंदा चमकई तारा जे झलकई, भाँन तेज अधिक इँजोर॥5॥
सुन्न भवन हम जाइ के बैसलाँ, सबद सुनल अति सोर॥6॥
सतगुरु स्वामी मोहि भेद बतावल, सारसबद का हीं डोर॥7॥
सारसबद हम गहि के जावला, मिलि गेल सतगुरु मोर॥8॥
सतगुरु सम नहिं हित जग कोई, ‘रामदास’ कहै कर जोर॥9॥

सतगुरु शिष्य को सुधारै हो रामा रामेश्वरदास भजन / Satguru Shishya Ko Sudhaarai Rameshwardas Bhajan


Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित