खबर क्यों न लेंगे मेरी नंदकुमार बिन्दु जी भजन
Khabar Kyon Na Lenge MeriNandakumar Bindu Ji Bhajan
खबर क्यों न लेंगे मेरी नंदकुमार।
नंदकुमार प्यारे कान्हा दिलदार॥
पतित बन्धु अब मुख से बढकर पतित और क्या कर पाएँगे।
जो तारेंगे फिर भी न मुझे तो कर मल कर पछताएँगे॥
कीरति गवाएंगे अपनी दुनिया में नाम हँसाएंगे।
अधमों के अधमोद्धारक क्या मुख अपना दिखलाएँगे॥
खबर क्यों न लेंगे मेरी नंदकुमार।
शबरी गीध निषाद निशाचर जो-जो हरि दरबार गए,
यह सब छोटे पापी थे इनको पलभर में तार गए॥
मुझसा महा अधम देखा तो भूल सभी इकरार गए,
अब या तो तारें मुझको या कह दें कि हार गए॥
खबर क्यों न लेंगे मेरी नंदकुमार।
दर पर दास बैठकर सच्ची श्रद्धा पर तुल जाएगा॥
सरल हृदय करुनानिधान का आहों से धुल जाएगा।
अश्रु की धारा बनकर ‘बिन्दु’ मन का मैल धुल जाएगा।
तभी पतित पावन के घर का दरवाजा खुल जाएगा॥
खबर क्यों न लेंगे मेरी नंदकुमार।
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