ग़ुलाम ग़र्चे ख़ता बेशुमार करते हैं बिन्दु जी भजन
Ghulam Garche Khata BeshumarKarte Hain Bindu Ji Bhajan
ग़ुलाम ग़र्चे ख़ता बेशुमार करते हैं।
मगर दयालु न उस पर विचार करते हैं॥
जो किसी तौर उन्हें कुछ भी अपना मान चुका,
उसे वे प्राणों से भी बढके प्यार करते हैं।
जो सच्चे दिल से करें एक बार याद उन्हें॥
तो दिल में याद उसे लाख बार करते हैं।
जो डूबता हो गुनाहों से ‘बिन्दु’ भंवर में कहीं।
वो उस अधम को भी भवसिंधु पार करते हैं॥
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