घनश्याम ये तुझपर मेरा मस्ताना हुआ दिल बिन्दु जी भजन
Ghanshyam Ye TujhparMera Mastana Hua Dil Bindu Ji Bhajan
घनश्याम ये तुझपर मेरा मस्ताना हुआ दिल,
अपना था अब तक वहाँ बेगाना हुआ दिल।
जिस घर में था घर अपना सजाया था जिसे खूब,
सब ख़्वाहिशें उसकी लुटी विराना हुआ दिल।
इक सांस ली जो तूने तो दुनिया ही बदल दी,
पहले तो था काबा वही बुतखाना हुआ दिल।
तेरी मय उल्फ़त के जो पीने का हुआ शौक,
तो ज़िस्म ये शीशा हुआ पैमाना हुआ दिल।
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