एक अर्ज मेरी सुन लो दिलदार हे कन्हैया बिन्दु जी भजन
Ek Arz Meri Sun LoDildar He Kanhiya Bindu Ji Bhajan
एक अर्ज मेरी सुन लो, दिलदार हे कन्हैया।
कर दो अधम कि नैया, भव पार हे कन्हैया॥
अच्छा हूँ या बुरा हूँ, पर दास हूँ तुम्हारा।
जीवन का मेरे तुम पर, है भार हे कन्हैया॥
तुम हो अधम-जनों के उद्धार करने वाले।
मैं हूँ अधम जनों का सरदार हे कन्हैया॥
करुणानिधान करुणा करनी पड़ेगी तुमको।
वरना ये नाम होगा बेकार हे कन्हैया॥
ख्वाहिश है कि मुझसे, दृग ‘बिन्दु’ रत्न लेकर।
बदले में दे दो अपना, कुछ प्यार हे कन्हैया॥
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