उरझो जगत भक्त बिसराई संत जूड़ीराम भजन /Urjho Jagat Bhakt Bisrai Sant Judiram Bhajan

 

उरझो जगत भक्त बिसराई।
जादू जाल वेद विधा कर कर्म धर्म उर मची लड़ाई।
खट दरसन परस्पर पूरन आप-आप ही करत बड़ाई।
बिनु गुरु ज्ञान ध्यान मत ठानी समझ चित्त फिर-फिर अरुलाई।
भटको बहुत अटक सब टूटी सत्त असत्त दृष्टि नहिं आई।
जूड़ीराम नाम बिन चीन्हें काल कर्म बहु फंद बधाई।


Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित