भटका बहुत मन माया में अब हरि से ध्यान लगा लेना बिन्दु जी भजन

 Bhattka BahutMan Maya Mein Ab Hari Se Dhyan Laga Lena Bindu Ji Bhajan

भटका बहुत मन माया में अब हरि से ध्यान लगा लेना।
करुणाकर केशव को भज कर यह जीवन सफल बना लेना।
झूठे झगड़ों को त्याग जरा बेखबर नींद से जाग जरा।
प्रभु पद से कर अनुराग जरा सत्संग का रंग चढ़ा लेना।
क़र्ज़ नर तन लिया था उसको तू बिसरा गया,
सूद का तो जिक्र किया है मूलधन भी खा गया।
धर्म कि डिग्री हुई अब काल कुर्की आएगी,
ज़िंदगी तेरी अधम नीलम कर दी जायेगी।
यदि यम बंधन से बचना है नरकों में कभी न जाना है।
तो झूठी माया रचना है दिल पर यह ज्ञान जमा लेना।
अपनी चालों में तुझे कामादिक ने फंसा लिया,
पाप कि हुंडी खरीदी स्वांस-रत्न लुटा दिया।
अब पता तुझको चलेगा अपने उस नुकसान का,
होने वाला है दिवाला प्राण की दुकान का।
दृग ‘बिदु’ न व्यर्थ लुटाना अब ख़ाली करना खजाना,
आख़िर का सोच ठिकाना अब पूँजी बचे बचा लेना। 

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