Bhajan Tolne Baitha Hoon Main Aaj BinduJi Bhajan
तोलने बैठा हूँ मैं आज,
सम्पत्ति वाला कौन बड़ा है हम तुम में व्रजराज।
इस शरीर डांडी पर होगा तुलने का सब काज,
रात और दिन बन जाएँगे दो पलड़ों का साज।
आठ पहर हरिनाम ध्यान का होगा सूत्र समाज,
उपर की प्रतूलिका होगी प्रभु सेवक की लाज।
अश्रु ‘बिन्दु’ के घाट बनाकर कर लेंगे अंदाज़,
कृपा तुम्हारी अधिक हुई या मेरा पाप जहाज॥
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