ऐसी मत मंद फंद नहिं सूझे संत जूड़ीराम भजन / भजन Aisi Mat Mand Phand Nahin Soojhe Sant Judiram Bhajan / Bhajan

 

ऐसी मत मंद फंद नहिं सूझे।
आवत नहीं निकट सतगुरु के काल कर्म के रन में जूझे।
प्रतमा पूज जूझ में अटको भटक मरो फिर पंथ न सूझे।
जूड़ीराम नाम बिन चीन्हें कर परतीत ध्येय दिल पूजे।

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