कुंकड़ा (प्रभाती) गीत मालवी लोकगीत Kunkada Geet Malvi Lokgeet lyrics in Hindi

 वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो / मालवी लोकगीत 


वा तो सात पापड़ की जोड़ी हो
वे तो लईगया फलाणा राम चोरी हो
देख्या-देख्या फलाणी बाई चोरी हो
उनखे बांदिया फलाणी बाई चोरी हो
उनखे बांदिया मोया की डोरी हो
धीर-या-धीर या उनखे सालाजी सेरी हो
अब तो छोड़ पनोती गोरी वो
मैं तो कदी नी करूँ पापड़ चोरी वो


इना सखर खानामाअी चीकणी / मालवी लोकगीत 


इना सखर खानामाअी चीकणी
बेलू को अन्त न पार
सरोवर सिग भरियो जी
इना सरोवर फलाणा राम दातण करे
फलाणी बेन को विश्राम
सरोवर म्हारों सिग भरियोजी
फलाणा राम (दामाद) दातुण करे
फलाणी जेकू (दामाद की बेन) को विश्राम


अरू तू रे जगत जग जागिया / मालवी लोकगीत 

अरू तू रे जगत जग जागिया
अरू जागिया छे चारी देव
हो रंग बोल वे सुन्नारा कुँकड़ा
अरू काशी रा विश्वनाथ जागिया
अरू उज्जैन रा महाकाल देव
अरू इन्दौर रा इन्द्रनाथ जागिया
अरू भंवरासा रा भंवरनाथ जागिया
अरू आष्टा रा अजपाल देव
अरू तू रे जगत जग जागिया
अरू जागिया छे चारी राव
छज्जा से फलाणा राव जागिया
अरू बऊ रे फलाणी बऊ रो कंत
महल अटारी से जागिया फलाणा राव
पालकी से फलाणा राव जागिया
अरू जागिया छे चारी भांड
मोरी में से फलाणा राव जागिया
नारदे में से फलाणा राव जागिया
संडास में से फलाणा जमई जागिया
बेटी फलाणा रा गुलाम


हीरा मोती का गंज पड़िया / मालवी लोकगीत 


हीरा मोती का गंज पड़िया
आता सा फलाणा राम फिसल पड़िया
दौड़ता-सा छोटा भई ने झेल लिया
घणीखमा हो दादा म्हारा घणीखमा
काय की तमखे दादा फिकर पड़ी
हमखे काव करने की फिकर पड़ी
वे तो दाल-कड़ी का गंज पड़िया
आता-सा जमई जी फिसल पड़िया
दौड़ती-सी बईरां ने झेल लिया
घणीखमा हो म्हारा राज घणीखमा
काय की फिकर तमखे पड़ी
संडास सोरने की फिकर हमखे पड़े


सूरज ऊगो हो केवड़ा के री परत / मालवी लोकगीत 



सूरज ऊगो हो केवड़ा के री परत
म्यानो रजाम सुहावनो
तम जागो हो सूरज जी हो राम
तम जागो ही गणपत जी हो राम
तम घर हो परजा केरो राज
तम जागो हो फलाणा जी हो राज
तम बैठो हो अक्खी बड़ की छाँह
तम लीजो हो श्रीकृष्ण को नाम
दीजो हो सूर्या गाय को दान
सूरज ऊग्यो के वड़ा के री परत
म्यानो श्याम सुहावणो
तम जागो हो फलाणा राम भांड
तम बैठो हो धतूरा अरंडिया छाँव
तम लई करवो मुख धोवी
तम लीजो अल्ला-खुदा को नाम
तम दीजो हो तमारी माता को दान


राजा ऊँचा है चंवरो चब खंडियो / मालवी लोकगीत 


राजा ऊँचा है चंवरो चब खंडियो
जे पर ढ़ाली नवरंगी खाट
हर बोलो दीवानजी रा कूंकड़ा
जे पर पोढ़िया फलाणाजी हो राम
बऊँ लाड़ी थारो नाम जगावजे हो
जागो-जागो केसरिया नाम
हरि बोलो दीवानजी रा कूंकड़ा
राजा जागी ने पाग सँवारिया
उनकी पागां पर मोतिया रा लूम
हीरा केरा लूम
राजा ऊँचा हो चंवरो चवखंडियो
जे पर ढाली है टूटी टाटी खाट
जे पर पोढ़िया फलाणा राम भाँड
बाई थारो नाम जगावजे
जागो-जागो नावीड़ा नाम
नावी जागी ने चींदो संवारिया
चींदा पे ऊँदरा रा लूम, बिच्छूरा लूम


छोटी घर कूंकड़ो, मोटी घर राड़ / मालवी लोकगीत 


छोटी घर कूंकड़ो, मोटी घर राड़
दोई बिच कूंकड़ो, बड़ो उमराव
बड़ो सिरदार
बोल्यो बेरी कूंकड़ो मज अदरात
बोल्यो बेरी कूंकड़ो बड़ी परभात
पांव सारू बिछिया घड़ाव म्हारा राज
अनबट पेरूँ म्हारी सोकड़ रिसाय
म्हारी बैरन रिसाय


बिछिया तो म्हें झटझट पेरिया / मालवी लोकगीत 


बिछिया तो म्हें झटझट पेरिया
सोकनिया रा डर से
अनबट री जगाजोत हो
कूंकड़ो झट बोल्यो मारूजी
भैंस मंगाऊँ, मिनकी पालां
कूंकड़ा रो साल मिटावां
सोकड़ नो भरमायो, बैरन रो भरमायो
कूंकड़ो झट बोल्यो मारूजी


उठो म्हारा गोरा लाड़ा / मालवी लोकगीत 



उठो म्हारा गोरा लाड़ा
सुफल भ्याना
आंगणे नावीड़ो झारी लई ऊबो
नावीड़ा तो कई फलाणी बईरो कंत
फलाणा राम नावीड़ा, झोरी लई ऊबा
अंगणे भंगीड़ो झाडू दई दयो जी
भंगीड़ो तो कई है, फलाणी बई रो दास
फलाणा राम भंगी झाडू दई रयाजी
जागो हो म्हारा गोरा लाड़ा, सुफल भिळानो
आंगणे भिस्तीड़ो पाणी छिटकी रयो
भिस्तीड़ो कई फलाणी बई रो चाकर
फलाणा राय भिस्ती, पाणी छांटी रया
आंगणे कठाळियो हलदी लई आयोजी
आंगणे तम्बोली बिड़ला लई ऊबोजी
आंगणे मालीड़ो हार लई ऊबोजी
आंगणे हलवईड़ो सिरनी लई ऊबोजी
आंगणे मोचीड़ा मोजड़ी लई ऊबोजी 

 



Kunkada Geet Malvi Lokgeet lyrics in Hindi



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