प्रेरक प्रसंग / स्वामी विवेकानंद - मातृत्व का उत्तर: विवाह निवेदन पर उत्कृष्ट समाधान

 एक विदेशी महिला विवेकानंद के समीप आकर बोली: "

मैं आपस शादी करना चाहती हूँ "


विवेकानंद बोले: " क्यों?

मुझसे क्यों ?

क्या आप जानते

नहीं की मैं सन्यासी हूँ?"


औरत बोली: "मैं आपके

जैसा ही गौरवशाली,सुशील

और तेजोमयी पुत्र चाहती हूँ और वो तब ही संभव

होगा जब आप मुझसे

विवाह करेंगे"


विवेकानंद बोले: "हमारी शादी तो संभव नहीं है, परन्तु

हाँ एक उपाय है"


औरत: क्या?


विवेकानंद बोले "आज से मैं

ही आपका पुत्र बन जाता हूँ,

आज से आप मेरी माँ बन

जाओ...


आपको मेरे रूप में मेरे जैसा बेटा मिल जायेगा ।

औरत विवेकानंद के चरणों में गिर गयी और

बोली की आप साक्षात् ईश्वर के रूप है ।

इसे कहते है पुरुष और ये होता है पुरुषार्थ...


एक सच्चा पुरुष सच्चा मर्द

वो ही होता है जो हर नारी के प्रति अपने अन्दर

मातृत्व

की भावना उत्पन्न कर सके ...


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