बेताल पच्चीसी (संस्कृत:बेतालपञ्चविंशतिका) रचयिता बेतालभट्ट
पच्चीस कथाओं से युक्त एक ग्रन्थ है। जो न्याय के लिये प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे। ये कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति का बोध कराती हैं। बेताल प्रतिदिन एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा प्रश्न कर देता है कि राजा को उसका उत्तर देना ही पड़ता है। उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे रूठकर फिर से पेड़ पर जा लटकेगा। लेकिन यह जानते हुए भी सवाल सामने आने पर राजा से चुप नहीं रहा जाता।
प्रारम्भ की कहानी : बेताल पच्चीसी (हिंदी कहानी) : Betal Pachchisi
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