मोह न छोड्यो मोर महतारी / अवधी
मोह न छोड्यो मोर महतारी
एक कोखि के भैया बहिनिया
एकहि दूध पियायो महतारी
मोह न...
भैया के भए बाजै अनद बधैया
हमरे भए काहे रोयो महतारी ?
मोह न...
भैया का दिह्यो मैया लाली चौपरिया
हमका दिह्यो परदेस महतारी
मोह न...
सँकरी गलिय होई के डोला जो निकरा
छूटा आपन देस महतारी
मोह न...
सावन सुअना माँग भरी बिदाई गीत / अवधी
सावन सुअना माँग भरी बिरना तो चुनरी रँगाई अनमोल।
माता ने दीन्हेगउ नौ मन सोनवाँ तौ ददुली ने लहर पटोर।।
भैया ने दीन्हेगउ चढ़न को घेड़वा, भौजी मोतिन को हार।
माता के राये ते नदिया बहति है, ददुली के रोये सागर पार।।
भैया के रोये टुका भीजत है, भौजी के दुइ-दुइ आँस।
विदाई गीत एक बन गईं दुसरे बन / अवधी
एक बन गईं दुसरे बन गईं तीसरे बबिया बन
बेटी झलरी उलटी जब चित्वें तो मैया के केयू नाही
लाल घोड़ चितकबर वहिसे वै पिया बोलें
धना हमरे पतुक आंसू पोछो मैया सुधि भूली जाव
केना मोरी भुखिया अगेंहैं तो केना पियसिया
केना जगहियें आल्ह्ड निन्दियन अपने मैयरिया बिन
मईया मोरी भुखिया अगेंहैं बहिनी पियसिया
हमही जगेईबै आल्ह्ड निन्दिया तो मईया सुधि भूली जाओ
मईया तोहरी गरियहै बहिनी टुकरीहै
आपे प्रभु गरजी तड़प बोलिहै छतिया बिहरी जेईहैं
मईया मोरी बहुअरि गोहरैहैं बहिन भउजी
कहिहैं हमही लागैबें हिरदैया मईया सुधि भूली जाओ
No comments:
Post a Comment