अधेरी घिर आई धीरे-धीरे / बुन्देली वर्षा गीत
अंधेरी घिर आई धीरे-धीरे
कां से आई वर्षा, कां से आये बादर
कां से आये साजन धीरे-धीरे। अंधेरी...
पूरब से आये बादर, पश्चिम से आई वर्षा
उत्तर से आये साजन धीरे-धीरे। अंधेरी...
कैसे आये बादर हो कैसे आई वर्षा
हां कैसे आये साजन धीरे-धीरे। अंधेरी...
गरज के बादर, बरस के आई वर्षा
हँसत आये साजन धीरे-धीरे। अंधेरी...
अबै जिन बरसो बादरा रे / बुन्देली वर्षा गीत
अबै जिन बरसो बादरा रे
बरसन लागे बादरा रे,
चुंअन मोरे लागे बांगला रे। अबै...
चुंअन मोरे लागे बांगला रे,
भींजन मोरे लागे पालना रे। अबै...
भींजन मोरे लागे पालना रे,
रोबन मोरे लागे लालना रे। अबै...
अबै घर नइयां साजना रे। अबै...
आ गई रे बरसात सुहानी / बुन्देली वर्षा गीत
आ गई रे बरसात सुहानी
चारऊ ओर भई हरियाली,
धरती ने पहिरी चूनर धानी। आ गई...
झूला पड़ गओ डाली-डाली
आम पे बोले कोयल रानी। आ गई...
रिमझिम-रिमझिम मेहा बरसे,
ताल तलैयन भर गयो पानी। आ गई...
दादुर मोर पपीहा बोलो,
कैसी प्यारी ऋतु ये लुभानी। आ गई
कन्हैया तोरी चितवन लगत प्यारी / बुन्देली वर्षा गीत
कन्हैया तोरी चितवन लगत प्यारी।
सावन गरजे भादों बरसे,
बिजुरी चमके न्यारी। कन्हैया...
मोर जो नाचें पपीहा बोले,
कोयल कूक लगे प्यारी। कन्हैया...
नन्हीं-नन्हीं बुंदिया-मेहा बरसे,
छाई घटा अंधियारी। कन्हैया...
राधा झूले कृष्ण झुलावें,
जोड़ी जुगल प्यारी। कन्हैया...
सब सखियां मिल झूला गावें,
नाचे दै-दै तारी। कन्हैया...
कहना से ऊनई कारी बदरिया / बुन्देली वर्षा गीत
कहना से ऊनई कारी बदरिया
कहना बरस गये मेघ मोरे लाल।
ससुरे से उनई अरे कारी बदरिया,
मयके बरस गये मेह मोरे लाल।
कौना ने बो दई लटक कंकुनिया,
कौना ने सठिया धान मोरे लाल।
ससुरा ने बो दई लटक कंकुनिया
बाबुल ने सठिया धान मोरे लाल।
कौना के नींदे घर की निदइया,
कौना के लगे हैं मजूर मोरे लाल।
ससुरा के नींदे घर के निंदइया,
बीरना के लगे हैं मजूर मोरे लाल।
कौना के काटे बे घर के कटइया,
कौना के काटे मजूरे मोरे लाल।
ससुरा के काटे घर के कटइया,
बीरना के काटे मजूर मोरे लाल। कहना...
देखो सखी वर्षा ऋतु आई / बुन्देली वर्षा गीत
देखो सखी वर्षा ऋतु आई
बागन मोर मोकिला बोलत,
चातक दादुर शोर मचाई। देखो...
घुमड़-घुमड़ गरजत घन तड़कत,
काली घटा नभ देत दिखाई। देखो...
रिमझिम-रिमझिम बरसत बदरा,
हरी-हरी दूब लता झुक आई। देखो...
सरजू तीर प्रमोद कुंज में,
हिलमिल झूले सिया रघुराई। देखो...
देखो सखि वर्षा ऋतु आई।
उमड़-घुमड़ कर बादल आये
बिजली चमक रही अति न्यारी।
देखो सखि वर्षा ऋतु आई।
काली-काली कोयल कूकत
मीठी बोल लगत है प्यारी
झूला डरो कदंब की डारी
फूलन की शोभा है न्यारी।
चारों ओर बिछी हरियाली
गांवन की शोभा है न्यारी।
बादल देख डरी सखी री बादल देख डरी / बुन्देली वर्षा गीत
बादल देख डरी सखी री बादल देख डरी
काली-काली घटा उमड़ आई,
बरसत झरी-झरी। सखी री...
जित जाऊं उत पानी-पानी
भई सब भूमि हरि। सखी री...
फूले फूल क्यारिन बगियन,
लगे सुहावन खेत सखी री। सखी री...
मेरे पिया परदेश बसत हैं,
चैन न एक घरी। सखी री...
आ जावें परदेश से प्रीतम,
ऐसो करो जतन तो कछु री। बादल...
मैं तो राह तकत हूं पिया की,
द्वारे खड़ी खड़ी। सखी री...
हठ पर गई गौरा नार / बुन्देली वर्षा गीत
हठ पर गई गौरा नार,
महादेव मढ़िया हमें बनवाय दियो।
काहे की मढ़िया बनवाई,
काहे के कलश धराये। हमें...
चूना ईंटा की मढ़िया बनाई,
सोने के कलश धराये। हमें...
कै जोजन मढ़िया बनी औ
कै जोजन विस्तार महादेव। हमें...
नौ जोजन मढ़िया बनी औ
दस जोजन विस्तार महादेव। हमें...
को मढ़िया में बैठयों औ
कौना करे विस्तार महादेव। हमें...
गौर मढ़िया में बैठिहे औ
भोला करे विस्तार महादेव। हमें...

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