टिकावन छत्तीसगढ़ी लोकगीत
(1)
हलर हलर मोर मड़वा हाले
खलर खलर दाइज परे
सुरहिन गइया के गोबर मंगइले
खुट धरि अंगना लिपइले
गज मोतिन कर चौक पुरइले
सोने कलस धरइले
कोन देवय मोर अचहर पचहर
कोन देवय धेनू गाय हो
दाई मोर टिकथे अचहर पचहर
ददा मोर टिकथे धेनु गाय हो
भईया मोर टिकथे लिली हंसा घोड़ा
भउजी आठ मासा सोन हो
(2)
इही धरम ए धरम ए गा
आ ग मोरे ददा फेर धरम नई तो पाबे गा
लागत रहय छूटी डारे गा
आ गा मोरो ददा तीनों तिरिथ जीती डारे गा
पइंया पखारत बइंहा डोले वो
आ वो मोरो दाई डोलत कलस जल-पानी वो
का दिन पीरा रखे दुधे वो
आ वो मोरो दाई मथुरा नगर कर दुबी वो
जल जुठारे जल मछरी वो
आ वो मोरो दाई बछुरा जुठारे का-ज दुधे वो
हलल हलल मड़वा डोले
आ वो मोरो दाई खलल खलल दाइज परे वो
(3)
इही धरम ले धरम हे वो
आ वो मोर दाई फेर धरम नई तो पाबे वो
लागत रहय छूटी डारे वो
आ वो मोर दाई तीनों तिरिथ जीती डारे वो
छेरी के दूध छेरियाइन वो
आ वो मोर दाई गइया के दूध बड़ा मीठे वो
हलर हलर मड़वा डोले गा
आ गा मोर ददा खनर खनर दाइज परे गा
पइंया पखारत बइंहा डोले वो
आ वो मोर काकी डोलत कलस जल-पानी वो
चना खाये ल पइसा देबे वो
आ वो मोर आजी चटर-चटर चूमा लेबे वो
हाथ लमाये ल परही गा
आ गा मोर ममा डेहरी लगाये ल माथे गा
(4)
चढ़त बेरा धरम के उतरत बेरा लागिन के
धरम धरम जस ले ले
फेर धरम नई मिले
आज बेटी भये हबे बिरान
अपन दाई के राम दुलौरिन
छीन भर कोरा मं ले ले
हाय हाय दाई कोरा दुलभ होई जाय
अपन ददा के राम दुलौरिन
छीन भर कोरा मं ले ले
आज बेटी भये हबे बिरान
अपन काकी के राम दुलौरिन
छीन भर कोरा मं ले ले
आज बेटी भये हबे बिरान
अपन भउजी के राम दुलौरिन
छीन भर कोरा मं ले ले
आज बेटी भये हबे बिरान
(5)
टिक देबे ददा हाथी अउ घोड़ा
टिक देबे लागत गाय ददा
टिक देबे लागत गाय
टिक देबे दाई अचहर पचहर
टिक देबे नौ लक्खा हार दाई
टिक देबे नौ लक्खा हार
टिक देबे भईया सोला सिंगारे
कर ले धरम तोर हाथे भईया
कर ले धरम तोर हाथे
टिक देबे भउजी हाथे के कखनी
कर ले धरम तोर हाथे भउजी
कर ले धरम तोर हाथे
कोन तोर टिके नोनी अचहर पचहर
कोन तोर टिके नोनी अचहर पचहर
कोन तोर टिके धेनू गाय
कोन तोर टिके धेनू गाय
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
दाई तोर टिके नोनी अचहर पचहर
दाई तोर टिके नोनी अचहर पचहर
ददा तोर टिके धेनू गाय
ददा तोर टिके धेनू गाय
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
गाय अउ भइंस ले नोनी कोठा तोर भरगे
गाय अउ भइंस ले नोनी कोठा तोर भरगे
दुलरू के मन नहीं आय
दुलरू के मन नहीं आय
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
पइसा अउ कउड़ी ले नोनी सन्दुक भरगे
पइसा अउ कउड़ी ले नोनी सन्दुक भरगे
दुलरू के मन नहीं आय
दुलरू के मन नहीं आय
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
टथिया अउ लोटा ले नोनी झंपिया तोर भरगे
टथिया अउ लोटा ले नोनी झंपिया तोर भरगे
दुलरू के मन नहीं आय
दुलरू के मन नहीं आय
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
कि ए वो नोनी सीता ल बिहावय सिरी राम
चुलमाटी
तोला साबर धरे ला, तोला साबर धरे ला
तोला साबर धरे ला, नई आवय मित धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
तोला पर्रा बोहे ला, तोला पर्रा बोहे ला
(पुरुष – सुनत हस सुवासिन)
(स्त्री – सुनत हावव~)
तोला पर्रा बोहे ला, नई आवय मित धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे
तोला माटी कोड़े ला, तोला माटी कोड़े ला
(स्त्री – सुनत हस सुवासन)
(पुरुष – अरे ददा रे~)
तोला माटी कोड़े ला, नई आवय मित धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
तोला माटी झोंके ला, तोला माटी झोंके ला
तोला माटी झोंके ला, नई आवय मित धीरे धीरे
धीरे धीरे तैं कछोरा ला ढील धीरे धीरे
धीरे धीरे तैं कछोरा ला ढील धीरे धीरे
तोला धोती पहिरे ला,तोला धोती पहिरे ला
(स्त्री – बने सम्हाल के पहिरबे)
(पुरुष – छुटत हे)
तोला धोती पहिरे ला,नई आवय मित धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन टोलगी खोंच धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन टोलगी खोंच धीरे धीरे
तोला लुगरा पहिरे ला,तोला लुगरा पहिरे ला
(पुरुष – अरे बने सम्हाल के पहिन ले सुवासिन)
(स्त्री – कईसे मोला पहिरे ल नई आही का)
(पुरुष – अरे लुगरा के छोर ह घिसलत हे)
(स्त्री – अरे एमा तोला का जलन जात हे)
तोला लुगरा पहिरे ला, नई आवय मित धीरे धीरे
धीरे धीरे तैं कछोरा ल भींच धीरे धीरे
धीरे धीरे तैं कछोरा ल भींच धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन बहिनी ल तीर धीरे धीरे
धीरे धीरे अपन भाई ल तीर धीरे धीरे
तेलचघी छत्तीसगढ़ी लोकगीत
(1)
तोरे ददा बाबू देसपति के राजा
अउ काहे गुन रहे गा कुंवारा
हरदी के देस दीदी
हरदी महंगा भइगे, अउ परी सुकाल भइगे
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
करसा के देस दीदी
करसा महंगा भइगे, बिजना सुकाल भइगे
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
हरदी के देस दीदी
चाउंर महंगा भइगे, अउ पर्ण भइगे सुकाल
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
करसा के देस दीदी
मंगरोहन महंगा भइगे, गुड़रा भइगे सुकाल
इही गुन रहेंव ओ कुंवारा
(2)
पहार ऊपर
पहार ऊपर मोर धानर बाजे
पेरि देबे तेलिया मोर कांचा तिली के तेल
कोन तोर लाने नोनी अटना के हरदी
पटना के हरदी बने
कोन तोर सिरही चढ़ाये, चंदन रूप अगनी
सजन घर मड़वा गड़े
ददा तोर लाने नोनी अटना के हरदी
पटना के हरदी बने
दाई तोर सिरही चढ़ाये, चंदन रूप अगनी
सजन घर मड़वा गड़े
(3)
सुरहिन गइया के गोबर मंगाले ओ
हाय, हाय मोर दाई खूंट धर अंगना लिपा ले ओ
खूंट धर अंगना लिपा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई मोतियन चौंक पुरा ले ओ
मोतियन चौंक पुरा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई सोने के कलसा मंढ़ाले ओ
सोने के कलसा मंढ़ाले ओ
हाय, हाय मोर दाई सोने के बतिया लगा ले ओ
सोने के बतिया लगा ले ओ
हाय, हाय मोर दाई सुरहिन घीव जला ले ओ
(4)
हरियर हरियर मोर मड़वा में दुलरू वो
कांचा तिली के तेल
कोने तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो
कांचा तिली के तेल
ददा तोर लानिथय मोर हरदी सुपारी वो
दाई आनय तिली के तेल
कोन चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो
कोन देवय अंचरा के छांव
फूफू चढ़ाथय तोर तन भर हरदी वो
दाई देवय अंचरा के छांव
राम-लखन के मोर तेल चढ़त थे
बाजा के सुनव तुमन तान
(5)
कहां रे हरदी, कहां रे हरदी
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहां रे लिए अवतार
मरार बारी, मरार बारी
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
बनिया दुकाने दीदी लिएंव अवतार
कहां रे पर्रा, कहां रे पर्रा
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहां रे पर्रा तैं लिए अवतार
सिया पहार ऐ, सिया पहार ऐ
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
कंड़रा के घरे मैं लिएंव अवतार
हमरे हमरे दुलही राय बड़ सुकुमारी
पेरि देबे तेलिया ओ कांचा तिली के तेल
(6)
एके तेल चढ़गे कुंवरि पियराय ।
दुवे तेल चढ़गे महतारी मुरझाय ।।
तीने तेल चढ़गे फूफू कुम्हलाय ।
चउथे तेल चढ़गे मामी अंचरा निचुराय ।।
पांचे तेल चढ़गे भईया बिलमाय ।
छये तेल चढ़गे भउजी मुसकाय ।।
साते तेल चढ़गे कुंवरि पियराय ।
हरदी ओ हरदी तैं साँस मा समाय ।।
तेले हरदी चढ़गे देवता ल सुमरेंव ।
मंगरोहन ल बांधेव महादेव ल सुमरेंव ।।
(7)
एक तेल चढ़गे~
एक तेल चढ़गे, हो हरियर हरियर
हो हरियर हरियर
मंड़वा मे दुलरू तोर बदन कुम्हलाय~~
रामे-वो-लखन के
रामे-वो-लखन के दाई तेल वो चढ़त हे
दाई तेल वो चढ़त हे
कहवा के दियना दीदी करथे अंजोर~~
आमा अमली के~
आमा अमली के दाई सीतल छईहां
दाई सीतल छईहां
कर देबे फूफू तोर अंचरा के छांव~~
दाई के अंचरा
दाई के अंचरा वो अगिन बरत हे
हो अगिन बरत हे
फूफू के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय~~
काकी के अंचरा
काकी के अंचरा दाई अगिन बरत हे
दाई अगिन बरत हे
मामी के अंचरा मोर इन्दरी जुड़ाय~~
डोंगरी पहारे
डोंगरी पहारे दीदी घनरा चलत हे
दीदी घनरा चलत हे
पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~
रामे-वो-लखन के
रामे-वो-लखन के दाई तेल वो चढ़त हे
दाई तेल वो चढ़त हे
पेरि देबे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~
हमरे दुलरवा
हमरे दुलरवा नई बांधे मऊरे
नई बांधे मऊरे
नई सहे तेलिया मोर राई सरसो के तेल~~
बरात निकासी
गांवे अवधपुर ले चले बरतिया चले बरतिया की
गांवे जनकपुरी जाये वो दाई
गांवे जनकपुरी जाये
गांवे जनकपुरी जाये वो दाई
गांवे जनकपुरी जाये
कौने चढ़त हे गाड़ी अउ घुलवा
गाड़ी अउ घुलवा
कौने चढ़य सुख पलना वो दाई
कौने चढ़य सुख पलना
कौने चढ़य सुख पलना वो दाई
कौने चढ़य सुख पलना
रंगे चढ़त हे गाड़ी अउ घुलवा
गाड़ी अउ घुलवा
भरत चढ़य सुख पलना वो दाई
भरत चढ़य सुख पलना
भरत चढ़य सुख पलना वो दाई
भरत चढ़य सुख पलना
काकर सिर मा चांवर डोलत हे
चांवर डोलत हे
कौने टिपत हावे बाने वो दीदी
कौने टिपत हावे बाने
कौने टिपत हावे बाने वो दीदी
कौने टिपत हावे बाने
राजा दसरथ के सिर में चांवर डोलत हे
चांवर डोलत हे
लखन टिपत हावे बाने वो दीदी
लखन टिपत हावे बाने
लखन टिपत हावे बाने वो दीदी
लखन टिपत हावे बाने
राजा जनक के पट पर भांठा
पट पर भांठा
तम्बू लगे हे तनायें वो दाई
तम्बू लगे हे तनायें
तम्बू लगे हे तनायें वो दाई
तम्बू लगे हे तनायें
मायमौरी छत्तीसगढ़ी लोकगीत
(1)
देव धामी ल नेवतेंव
उन्हूं ल न्योत्यों
जे घर छोड़ेन बारेन भोरेन
ता घर पगुरेन हो
माता पिता ल नेउतेन
उन्हू ल नेउतेन
(2)
हाथे जोरि न्यौतेंव मोर देवी देवाला
हो देवी देवाला
घर के पुरखा मन होओ सहाय…
बिनती करेंव मंय माथ नवायेंव
हो माथ नवायेंव
कर लेहो एला स्वीकार…
(3)
ठाकुर देवता के पईयां परत हव वो
पईयां परत हव के दुलरू के होई हव सहाय
हो देवता दुलरू के होई हव सहाय
वो तो दुलरू के होई हव सहाय
हो देवता दुलरू के होई हव सहाय
संकर देवता के पईयां परत हव वो
पईयां परत हव के दुलरू के होई हव सहाय
हो देवता दुलरू के होई हव सहाय
वो तो दुलरू के होई हव सहाय
हो देवता दुलरू के होई हव सहाय
परघनी
(1)
बड़े-बड़े देवता रेंगत हे बरात
बरमा महेस
लिली हंसा घोड़वा में रामजी चघे हे
अउ लछिमन चघे सिंघ-बाघ
लहसत रेंगत डांडी अउ डोलवा
नाचत रेंगथे बरात
कै दल रेंगथे मोर हाथी अउ घोड़वा
कै कै दल रेंगथे बरात
हाथी मा लादये दारू अउ गोली
कै ऊंटवा मा बान चघाय
कै दल घोड़वा सहस दल मोर हथिया
पैगा के हावे अनलेख
लाली अउ पियरी बरतिया दिखत हे
के कते दल दुलरू दमाद
झीना पिछौरी के अलगा डारे हे
के यही हर दुलरू दमाद
(2)
हाथ धरे लोटिया खांधे में धरे पोतिया
सगरी नहाये चले जाबो
पनिया हिलोरे गौरी नहावय
परगे महादेव के छांही
सात समुन्दर ल तैं धाये महादेव
परगे महादेव के छांही
एक फुल टोर के मैं मइके भेजायौं
दाईन के देस महादेव के साथे
किया तुम हवौ राजा बोरे भौरे
किया तुम हवौ राजा कंच कुंवारे
तुम्हर पलंग ह सांकुर हवय
कैसे के काहौं बिहाने
ना हम बारे कन्या ना हम भोरे
ना हम कंच कुंवारे
तुम्हर कोखे में पुत नइये
रचत हवौ दूसरे बिहावे
कोन तोरे है राजा डोलहा बजनिया
कोन तोरे ठसैं बरातें
गंगा नागिन ल मैं गर म लपेटयों
बइला म चढ़े महादेव
चंदा सुरुज ह आरतिया बरतिया
अरजुन ठसैं बरातें
एक कोस रेगों
दूसर कोस रेगों
तिसर म परगे मइलाने
कोन देसुरा म बाजा बजत है
घपटत आवथे बराते
किया तैं आये बही ओ वेपारी
पहुंचत हवै बराते
नोहय बही दाई नोहय वेपारी
पहुंचत हवै महादेवै
चंदा सुरुज असन बेटी दिखथे
अउ जोगड़ा बर रचथे बिहावे
नोहय बही दाई नोहय वेपारी
पहुंचत हवै महादेवै
चलौ अरोसिन चलौ परोसिन
जोगड़ा के करौ परघनी
राम रसोई तुम रांधौ बहुरिया
त जोगड़ा आवथे बराते
किया भंवर के कारन मरदनिया
बला दव जोगड़ा के आये हे बराते
आवौ अरोसिन आवौ परोसिन
जोगड़ा के करदौ टिकावन
हंउला बटलोही परथे दाइज
राम रसोई मोर चुरगे
जेन ते जोगड़ा ल देवौ भोजन
हाथी घोड़ा के लगे पलाने
झांपी पेटी के अनलेख
आवौ अरोसिन आवौ परोसिन
जोगड़ा के कर देबो बिदा
एक कोस रेगें
दूसर कोस रेगें
तिसर म परगे मइलाने
तिसर कोस रेंगेव
चउथ कोस रेंगेव
पांचे म पहुंचे अपन राजे
अपन सहर मा महादेव पहुंचे
कि दुनिया के आवथे देखइया
निकरव कइसे अपन महल ले
कि डोलवा परिखन लागय
नइ मैं निकरवं राजा अपन महल ले
कि डोलवा परिखय तोर बेटा
एक परिखै तोर भाई भतिजवा
एक परिखै ममा के बेटा
पानी के बूंदे वो सउते के बोली
कइसे मा जनम पहा है
एक मिली रइहौ
एक मिली खइहौ
एक मिली जनम पहा है
एक मिली कुटी हौ
एक मिली पिसि हौ
एक मिली महादेव के सेवा ला करिहौ
(3)
कै दल आवत हे मोर हथियन घोड़वा
कै दल आवत हे बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
दस दल आवत हे मोर हथियन घोड़वा
बीस दल आवत हे बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कै दल आवत हे मोर हथियन घोड़वा
कै दल आवत हे बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
दस दल आवत हे मोर हथियन घोड़वा
बीस दल आवत हे बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कामा समखीहव मैं हथियन घोड़वा
कामा समखीहव बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
बखरी समखीहव मैं हथियन घोड़वा
डीपीया समखीहव बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कामा समखीहव मैं हथियन घोड़वा
कामा समखीहव बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
बखरी समखीहव मैं हथियन घोड़वा
डीपीया समखीहव बराती
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
कि अब देखो अब देखो हो ललना
भांवर
(1)
जनम जनम के गांठ जोर दे, ऐ दोसी
गांठे गठुरी झनि छूटे, ऐ दोसी
तोर दाई हारे मोर बबा जीते, ऐ दोसी
एक पूरा खदर ला दुई घर छाये, ये दोसी
गांठे गठुरी झनि छूटे, ये दोसी
(2)
कामा उलोथे कारी बदरिया
कामा ले बरसे बूंद
सरग उलोथे कारी बदरिया
धरती मा बरसे बूंद
काकर भींजे नवरंग चुनरी
काकर भींजे उरमाल
सीता के भींजे नवरंग चुनरी
राम के भींजे उरमाल
कइसे के चिन्हव सीता जानकी
कइसे के चिन्हव भगवान
कलसा बोहे चिन्हेंव सीता जानकी
मकुट खोंचे भगवान
कामा में चिन्हव सीता जानकी
कामा में चिन्हव भगवान
जामत चिन्हेंव अटहर कटहर
मौरत चिन्हेंव आमा डार
चउक मा चिन्हेंव सीता जानकी
मटुक मा चिन्हेंव राम
आगू आगू मोर राम चलत हे
पाछू लछिमन भाई
अउ मंझोलन सीता जानकी
चित्रकूट बर चले जाई
(3)
मधुरी मधुरी पग सारव हो दुलही नोनी
तुंहर दुलरू के अंग झन डोलय हो
एक भांवर जुग-जुग होगे मोर नोनी
तुंहर दुलरू के अंग झन डोलय हो
दुई भांवर दुई जुग होगे मोर नोनी
वो तो कजरारी नैना धराये हो
तीन भांवर तीन जुग होगे मोर नोनी
वो तो डोलत कलस जल-पानी हो
चार भांवर चार जुग होगे मोर नोनी
तोर दुलरू ह मरत हे पियासे हो
पांच भांवर पांच जुग होगे मोर नोनी
तोर ससुर ह मरत हे पियासे हो
छै भांवर छै जुग होगे मोर नोनी
वो दे तोर देवरा मरत हे पियासे हो
सात भांवर सात जुग होगे मोर नोनी
अब चलो चलो कहत हे बराते हो
(4)
भांवर परत हे, भांवर परत हे
हो नोनी दुलर के, हो नोनी दुलर के
होवत हे दाई, मोर रामे सीता के बिहाव
होवत हे दाई, मोर रामे सीता के बिहाव
एक भांवर परगे, एक भांवर परगे
हो नोनी दुलर के, हो नोनी दुलर के
अगनी देवता दाई, हाबय मोर साखी
अगनी देवता दाई, हाबय मोर साखी
दुई भांवर परगे, दुई भांवर परगे
हो नोनी दुलर के, हो नोनी दुलर के
गौरी गनेस दाई, हाबय मोर साखी
गौरी गनेस दाई, हाबय मोर साखी
तीन भांवर परगे, तीन भांवर परगे
हो नोनी दुलर के, हो नोनी दुलर के
देवे लोके दाई, हाबय मोर साखी
देवे लोके दाई, हाबय मोर साखी
चार भांवर परगे, चार भांवर परगे
हो नोनी दुलर के, दाई नोनी दुलर के
दुलरू के नोनी, तोर अंग झन डोलय
दुलरू के नोनी, तोर अंग झन डोलय
पांच भांवर परगे, पांच भांवर परगे
हो देव नरायन, दाई देव नरायन
डोलय दाई मोर, कलसा के भर जल-पानी
डोलय दाई मोर, कलसा के भर जल-पानी
छै भांवर परगे, छै भांवर परगे
हो नोनी दुलर के, हो नोनी दुलर के
दुलरू ह दाई, मोर मरत हे पियासे
दुलरू ह दाई, मोर मरत हे पियासे
सात भांवर परगे, सात भांवर परगे
हो नोनी दुलर के, हो नोनी दुलर के
चलो चलो दाई, मोर कहत हे बराते
चलो चलो दाई, मोर कहत हे बराते
नहडोरी छत्तीसगढ़ी लोकगीत
(1)
दाबे बर ले दे दाई खांडे तलवारे
घामे बर छतरी तनाय
कोन गांव ला टोरंव दाई
कोन गांव ला फोरंव
कोन गांव ले लानों बिहाय
रायपुर ला टोरंव
रायगढ़ ला फोरंव
नवागढ़ ले लानों बिहाय
चढ़त बेरा धरम के
उतरत बेरा लगिन के
धरम धरम जस ले ले
फेर धरम नइ मिले
(2)
नहडोरी के एक गीत ‘दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया’ ये गीत ल अलग-अलग जगा म अलग-अलग गावत सुने ला मिल जाथे। ये गीत ह दाई अउ बेटा के बातचीत के रूप म हे जेमां बेटा ह दाई कर बिहाव बर रुपया मांगथे।
जैसे कि कुछ जगा म गाये जाथे …
दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपइया
सुन्दरी ला लातेंव मंय बिहाये ओ दाई
सुन्दरी-सुन्दरी बाबू तुम झन रटिहौ
गा सुन्दरी के देश बड़ा दूरै रे भइया
तोर बर लाहवं दाई रंधनी परोसनी
ओ मोर बर घर के सिंगार ओ दाई
गोड़े बर रुपमुचा पनही
छांव बर छतरी तनाय, हां-हां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाव
लाये बर देबे इक तलवारी चढ़ेबर
लीली हंस घोरी, हां हां जी चले जाबो सुन्दरी बिहाय
अउ कुछ जगा म गाये जाथे …
दे तो दाई दे तो दाई अस्सी ओ रुपैया
सुन्दरी ला लातेंव बिहाय
सुन्दरी सुन्दरी रटन धरे बाबू
सुन्दरी के देस बड़ दूर
तोर बर लनिहों दाई रंधनि परोसनि
मोर बर घर के सिंगार
पांव बर ले दे दाई रुचमुच पनही
चढ़े बर दे दे लिलि हंसा घोड़ा
भूख बर जोर दे दाई भुखहा कलेवना
प्यास बर गंगा जल
(3)
दे-तो दे-तो दाई अस्सी वो रुपैया के
सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय
कि अ-वो दाई सुंदरी ला लातेंव वो बिहाय
सुंदरी सुंदरी बाबू तुम झन रटिहव के
सुंदरी के देस बड़ा दूर
कि अ-ग बाबू सुंदरी के देस बड़ा दूर
मोर बर लाबे बेटा रंधनी परोसनी के
तोर बर घर के सिंगार
कि अ-ग बेटा तोर बर घर के सिंगार
तैं तो हाबस दाई बड़ा वो अबुधनिन के
मांगत हस दूध के तैं मोल
कि अ-वो दाई मांगत हस दूध के तैं मोल
तोर बर लानिहंव दाई पानी भरईया के
मोर बर घर के सिंगार
कि अ-वो दाई मोर बर घर के सिंगार
पांव बर लेते दाई बजनी वो पनही के
चढ़े बर लीली हंसा घोड़ा
कि अ-वो दाई चढ़े बर लिलि हंसा घोड़ा
मउर सउंपे के गीत
पहिरव दाई~
पहिरव दाई हो सोन रंग कपड़ा
हो सोन रंग कपड़ा
सौंपव दाई मोर माथे के मउर~
मउर सोपत ले~
मउर सोपत ले दाई बइहा झन डोलय
दाई बइहा झन डोलय
डोलय दाई मोर माथे के मउर~
तोरे वो कोखन में~
तोरे वो कोखन में दाई बेटा वो बने हंव
दाई बेटा वो बने हंव
हंसी हंसी दाई मोर सौंपव वो मउर~
दस वो अंगुरिया~
दस वो अंगुरिया मोर माथे वो मड़इले
दाई माथे वो मड़इले
धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर~
धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर~
धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर~
धरमिन दाई मोर सौंपव वो मउर~
भड़ौनी व गारी गीत छत्तीसगढ़ी लोकगीत
(1)
समधी के लिए गीत
बने बने तोला जानेंव समधी, मड़वा में डारेंव बांस रे
झालापाला लुगरा लाने, जरय तुंहर नाक रे
दार करे चांउर करे, लगिन ला धराये रे
बेटा के बिहाव करे, बाजा ल डराये रे
मेंछा हावय लाम लाम, मुंहू हावय करिया रे
समधी बिचारा का करय, पहिरे हावय फरिया रे
मेंछा हावय कररा कररा, गाल हे तुंहर खोधरा रे
जादा झन अतियाहव समधी, होगे हावव डोकरा रे
(2)
समधिन के लिए गीत
बरा खाहूं कहिथव समधिन, कहां के बरा पाबे रे
हात गोड़ के बरा बना ले, टोर टोर के खाबे रे
खाये बर मखना पिराये बर पेट रे
का लइका बिआए समधिन हंसिया के बेंट रे
पातर पातर मुनगा फरय, पातर लुरय डार रे
पातर हवय समधीन छिनारी, ओकर नइये जात रे
खीरा फरिच जोंधरी फरिच, फरिच हावय कुंदरू रे
समधिन दारील हम नचाबोन, गोड़ में बांध-ही घुंघरू रे
डमरू हावय दफड़ा हावय, ओला हम बजवाबो रे
हमर समधिन दारी ला, बजनिया संग नचवाबो रे
कोदो के हवै दुई दुई झंसा, रैला चना के दुई दार
समधिन के हवय तीनि बहिनिया, कोन त अकल छिनरिया
बड़की ऐ लबरी छुटकी हे बपुरी, मंझली हे छिनरिया
छुटकी रे बपुरी कुछु नई जानय, खोजि खोजि करे लगवारा
(3)
दुल्हा राजा के लिए गीत
आमा पान के बिजना, हालत झूलत आथे रे
किसबिन के बेटा हर, बरात लेके आथे रे
करिया करिया दिखथव दुलरू, काजर कस नई आंजेव रे
तोर दाई गेहे पठान घर, घर घर बासी मांगेच रे
सुंदर हवस कहिके दुलरवा, हम-ला दियेव दगा रे
बिलवा हावय मुंहू तुंहर, नोंहव हमर सगा रे
आमा पान के पुतरी, लिमउआ छू छू जाय रे
दुल्हा डउका दुबर होगे, सीथा बिन बिन खाये रे
(4)
बने बने तोला जानेंव समधी, मड़वा में डारेंव बांस रे
बने बने तोला जानेंव समधी, मड़वा में डारेंव बांस रे
जालापाला लुगरा लानेंव, जरगे तोरे नाक रे
जालापाला लुगरा लानेंव, जरगे तोरे नाक रे
दार करे चांउर करे, लगिन ला धराये रे
दार करे चांउर करे, लगिन ला धराये रे
बेटा के बिहाव करे, बाजा ल डर्राये रे
बेटा के बिहाव करे, बाजा ल डर्राये रे
मेंछा हावे कररा कररा, गाल तुंहर खोधरा रे
मेंछा हावे कररा कररा, गाल तुंहर खोधरा रे
जादा झन अटियाव समधी, होगे हावव डोकरा रे
जादा झन अटियाव समधी, होगे हावव डोकरा रे
नदिया तीर के बांमी मछरी, सलमल सलमल करथे रे
नदिया तीर के बांमी मछरी, सलमल सलमल करथे रे
आये हे बरतिया मन हा, तलमल तलमल करथे रे
आये हे बरतिया मन हा, तलमल तलमल करथे रे
नदिया तीर मा आये बरतिया, चिंगरी भूंज भूंज खाये रे
नदिया तीर मा आये बरतिया, चिंगरी भूंज भूंज खाये रे
मेछा जरगे फोरा परगे, रायपुर काबर आये रे
मेछा जरगे फोरा परगे, रायपुर काबर आये रे
(5)
हम-का जानी हम-का जानी, दुरूग भिलई के पानी रे
हम-का जानी हम-का जानी, दुरूग भिलई के पानी रे
आये हे बरतिया मन हा, मारत हे उदानी रे
आये हे बरतिया मन हा, मारत हे उदानी रे
बड़े बड़े रमकलिया चानी, भीतरी में गुदा भराये वो
बड़े बड़े रमकलिया चानी, भीतरी में गुदा भराये वो
हमर समधिन चटक चंदैनी, कनिहा ल मटकाय वो
हमर समधिन चटक चंदैनी, कनिहा ल मटकाय वो
नदिया तीर के पटवा भाजी, पटपट पटपट करथे रे
नदिया तीर के पटवा भाजी, पटपट पटपट करथे रे
आये हे बरतिया मन हा, मटमट मटमट करथे रे
आये हे बरतिया मन हा, मटमट मटमट करथे रे
चटकत मटकत रेंगे समधिन, घेरीबेरी बिजरावय वो
चटकत मटकत रेंगे समधिन, घेरीबेरी बिजरावे वो
पाटी पारे मांग संवारे, कोई नई सहरावय वो
पाटी पारे मांग संवारे, कोई नई सहुंरावे वो
नदिया तीर के खोटनी भाजी, उलवा उलवा दिखथे रे
नदिया तीर के खोटनी भाजी, उलवा उलवा दिखथे रे
आये हे बरतिया मन हा, मुड़वा मुड़वा दिखथे रे
आये हे बरतिया मन हा, मुड़वा मुड़वा दिखथे रे
आंखी करे लिबिर लाबर, मुंहू हाबे करिया वो
आंखी करे लिबिर लाबर, मुंहू हाबे करिया वो
हमर समधिन मन हा, पहिरे हाबे फरिया वो
हमर समधिन मन हा, पहिरे हाबे फरिया वो
नदिया तीर के खोटनी भाजी, उलवा उलवा दिखथे रे
नदिया तीर के खोटनी भाजी, उलवा उलवा दिखथे रे
आये हे बरतिया मन हा, मुड़वा मुड़वा दिखथे रे
आये हे बरतिया मन हा, मुड़वा मुड़वा दिखथे रे
नदिया तीर के लुदवा मछरी, लूदलूद लूदलूद करथे वो
नदिया तीर के लुदवा मछरी, लूदलूद लूदलूद करथे वो
दुलहि नोनी के बहिनी मन हा, मुचमुच मुचमुच करथे वो
दुलहि नोनी के बहिनी मन हा, मुचमुच मुचमुच करथे वो
नदिया तीर के बांमी मछरी, सलमल सलमल करथे रे
नदिया तीर के बांमी मछरी, सलमल सलमल करथे रे
आये हे बरतिया मन हा, तलमल तलमल करथे रे
आये हे बरतिया मन हा, तलमल तलमल करथे रे
सुंदर हावन कहिके समधिन, हम-ला दियेव दगा वो
सुंदर हावन कहिके समधिन, हम-ला दियेव दगा वो
जालापाला मुंहू हावय, नोंहो हमर सगा वो
जालापाला मुंहू हावय, नोंहो हमर सगा वो
नदिया तीर में आये बरतिया, चिंगरी भूंज भूंज खाये रे
नदिया तीर में आये बरतिया, चिंगरी भूंज भूंज खाये रे
मेछा जरगे फोरा परगे, रायपुर काबर आये रे
मेछा जरगे फोरा परगे, रायपुर काबर आये रे
खीरा फरिस जोंधरा फरिस, फरिस हावे कुंदरू वो
खीरा फरिस जोंधरा फरिस, फरिस हावे कुंदरू वो
समधिन दारील हमुं नचाबो, गोड़ म बंधा के घुंघरू वो
समधिन दारील हमुं नचाबो, गोड़ म बंधा के घुंघरू वो
खोकसी धरि मोंगरी धरि, अउ धरि केंवई रे
खोकसी धरि मोंगरी धरि, अउ धरि केंवई रे
हमर समधिन मन हा, डरे हे लेवई रे
हमर समधिन मन हा, डरे हे लेवई रे
आमा आमा ल खाये समधिन, गोंही ल बचाये वो
आमा आमा ल खाये समधिन, गोंही ल बचाये वो
हमर मन बर खोर मा, सजरी बिछाये वो
हमर मन बर खोर मा, सजरी बिछाये वो
आमा जानी आमा जानी, डोंगरगढ़ के पानी रे
आमा जानी आमा जानी, डोंगरगढ़ के पानी रे
आये हे बरतिया मन हा, मारत हे फुटानी रे
आये हे बरतिया मन हा, मारत हे फुटानी रे
हउंला हउंला पानी लाने, कौवा ह जुठारे वो
हउंला हउंला पानी लाने, कौवा ह जुठारे वो
ठउका के बेरा में समधिन हा, बात ल बिगड़े वो
ठउका के बेरा में समधिन हा, बात ल बिगड़े वो
कांवर कांवर पानी लाने, कौवा ह जुठारे रे
कांवर कांवर पानी लाने, कौवा ह जुठारे रे
हमर समधि मन ला, डंडा मा सुधारे रे
हमर समधि मन ला, डंडा मा सुधारे रे
हरियर हरियर डोंगर दिखथे, पिंयर पिंयर बांस वो
हरियर हरियर डोंगर दिखथे, पिंयर पिंयर बांस वो
हमर समधिन छेना बिनत हे, नई लागे एला लाज वो
हमर समधिन छेना बिनत हे, नई लागे एला लाज वो
बने बने तोला जानेंव समधी, मड़वा में डारेंव बांस रे
बने बने तोला जानेंव समधी, मड़वा में डारेंव बांस रे
जालापाला लुगरा लानेंव, जरगे तुंहर नाक रे
जालापाला लुगरा लानेंव, जरगे तुंहर नाक रे
हे डमरू हावे दफड़ा हावे, ओला हम बजवाबो वो
डमरू हावे दफड़ा हावे, ओला हम बजवाबो वो
हमर समधिन ला, बजनिया संग नचवाबो वो
हमर समधिन ला, बजनिया संग नचवाबो वो
दार करे चांउर करे, लगिन ला धराये रे
दार करे चांउर करे, लगिन ला धराये रे
बेटा के बिहाव करे, बाजा ल डर्राये रे
बेटा के बिहाव करे, बाजा ल डर्राये रे
बिदाई छत्तीसगढ़ी लोकगीत
(1)
ये बेरा गाये जाने वाला गीत म कन्या ओकर दाई, ददा, भाई अउ सब्बो मयारू-मन के पिरा भरे होथे। दाई ह दुख म इंहा तक की डारथे…
बेटी के संचरत जान पाइतेंव
अंडी के पान ला खा लेतेंव
कोखिया ला पार लेतेंव बांझ
बेटी ह घलो कतार हो जथे। वहू अनजान संग बने रिस्ता ले दुखी हे, जे ओला जीवन भर-बर ओकर घर ले बिलग करके लेगत हे। ओकर ले बिछड़त दाई ददा भाई बहिनी के पिरा नई देखे जाय…
रहेंव मैं दाई के कोरा ओ
अंचरा मा मुंह ला लुकाय ओ
ददा मोर कहिथे कुआं में धसि जइतेंव
बबा कथे लेतेंव बैराग, ओ बेटी
काहे बर ददा कुआं में धसि जाबे
काहे बर बबा लेबे बैराग
बालक सुअना पढ़न्ता मोर ददा
मोला झटकिन लाबे लेवाय
सब ला बेटी ले बिछुड़े के पिरा हे फेर दाई के पिरा सबले जादा होथे। आखिर वो का कर सकथे? ओकर कोख म पले बेटी ल सदा बर घर म तो नई रखे जा सके। बेटी ह पराया धन होथे। तेकर सेती दाई ह बेटी ल समझा-बुझा के आसिरवाद देथे…
मंगनी करेंव बेटी, जंचनी करेंव ओ
बर करेंव बेटी, बिहाव करेंव ओ
जा जा बेटी, कमाबे खाबे ओ
मार दिही बेटी, रिसाय जाबे ओ
मना लिही बेटी, त मान जाबे ओ
जांवर जोड़ी संगे, बुढ़ा जाबे ओ
सुख दुख के रद्दा, नहक जाबे ओ
(2)
मैं परदेसिन आवं
पर मुलुक के रद्दा भुलागेंव
अउ परदेसिया के साथ
दाई कइथे रोज आबे बेटी
ददा कइथे आबे दिन चार
भईया कइथे तीजा पोरा
भउजी कइथे कोन काम
मैं परदेसिन आवं
पर मुलुक के रद्दा भुलागेंव
अउ परदेसिया के साथ
(3)
अतेक दिन बेटी तैं घर मोर रहे वो
आज बेटी भये रे बिरान
झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया
मैं तो करी लेतेंव ददा संग भेंट
झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया
मैं तो करी लेतेंव दाई संग भेंट
अतेक दिन बहिनी तैं घर मोर रहे वो
आज बहिनी भये रे बिरान
झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया
मैं तो करी लेतेंव भाई संग भेंट
झिनबर डोला बिलमइते कहार भईया
मैं तो करी लेतेंव भउजी संग भेंट
(4)
दुलरी के अंगना में एक पेड़ पारस
नोनी चिड़ियन करथे बसेर
आवत चिरईया मोर रूमझुम लगथे
नोनी जावत चिरईया सिमसान
संगी जहुंरिया दुनो बइठे ल अइहव
घर बेटी बिना रे अंधियार
(5)
नीक नीक लुगरा निमार ले वो
आवो मोर दाई, बेटी पठोवत आंसू हारे वो
नोनी के छूटगे महतारी वो
आवो मोर दाई, बुता तो होगे तोर भारी वो
चार दिन दाई तैंहर खीझेस वो
आवो मोर दाई, मया गजब तैंह करस वो
नोनी के घर आज छूटगे वो
आवो मोर दाई, बाहिर म घर ल बनाही वो
नोनी के जोर तुम जोरितेव वो
आवो मोर दाई, रोवथे डण्ड पुकारे वो
पहुंना तो नोनी अब बनगे वो
आवो मोर दाई, बेटी के विदा तुम करिदेव वो
(6)
दाई के रेहेंव में रामदुलारी
दाई तोरे रोवय महल वो
अलिन गलिन दाई रोवय
ददा रोवय मुसरधार वो
बहिनी बिचारी लुकछिप रोवय
भाई के करय दण्ड पुकार वो
तुमन रइहव अपन महल मा
दुख ला देइहव भूलाय वो
अंसुवन तुम झन ढारिहव बहिनी
सबे के दुखे बिसार वो
दुनिया के ये हर रित हे नोनी
दिये हे पुरखा चलाय वो
दाई ददा के कोरा मा रेहेन
अचरा मा मुह ला लुकाय वो
अपन घर तुमन जावव बहिनी
झन करव सोंच बिचार वो
(7)
घर के दुवारी ले दाई रोवथे
आज नोनी होये बिराने ओ
घर के दुवारी ले ददा मोर रोवथे
रांध के देवइया बेटी जाथे
अपन कुरिया के दुवारी ले भईया मोर रोवथे
मन के बोधइया बहिनी जाथे
भीतरी के दुवारी भउजी मोर रोवथे
लिगरी लगइया नोनी जाथे
दाई मोर रोवथे नदिया बहथे
ददा रोवय छाती फाटथ हे
हाय हाय मोर दाई
भईया रोवय समझाथे
भउजी नयन कठोरे वो
(8)
बर तरी खड़े हे बरतिया
बर तरी खड़े हे बरतिया
कि लीम तरी खड़े हे कहार
बर तरी खड़े हे बरतिया
बर तरी खड़े हे बरतिया
कि लीम तरी खड़े हे कहार
अइसन सैंया निरदइया
अइसन सैंया निरदइया
कि चलो चलो कहिथे बरात
दाई मोर रोवत हे महल में
दाई मोर रोवत हे महल में
कि ददा मोर रोवय दरबार
झिनबर डोला बिलमइतेंव
झिनबर डोला बिलमइतेंव
कि दाई संग करी लेतेंव भेंट
बड़े बड़े डोलवा चंदन के
बड़े बड़े डोलवा चंदन के
कि छोटे छोटे लगे हे कहार
अइसन सैंया निरदइया
अइसन सैंया निरदइया
कि चलो चलो कहिथे बरात
लकठा में खेती झन करबे गा
लकठा में खेती झन करबे
कि दुरिहा में बेटी झन बिहाय
लकठा के खेती गरवा खाथे गा
लकठा के खेती गरवा खाथे
कि दुरिहा के बेटी दुख पाय
तैं परदेसनिन हो गे वो
तैं परदेसनिन हो गे
कि जा परदेसिया के साथ
दाई कथे आबे रोज बेटी
दाई कथे आबे रोज बेटी
कि ददा कथे आबे दिन चार
भाई कथे आबे तीजा पोरा में
भाई कथे आबे तीजा पोरा में
कि भउजी कथे आये के का काम
अइसन सैंया निरदइया
अइसन सैंया निरदइया
कि चलो चलो कहिथे बरात
कि चलो चलो कहिथे बरात
कि चलो चलो कहिथे बरात
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