सतगुरु पार लगावै हो रामा, भवसागर से रामेश्वरदास भजन / Satguru Paar Lagavai Rameshwardas Bhajan
सतगुरु पार लगावै हो रामा, भवसागर से॥टेक॥
नाम की नैया सुरत कर वारी हो,
ज्ञान के गुन लगावे हो रामा, भवसागर से॥1॥
लौ की लग्गी जे दया के डाँड़ हो,
शक्ति के पाल लगावे हो रामा, भवसागर से॥2॥
भक्त लोगों को नाव चढ़ाकर हो,
अमरलोक ले जाई हो राम, भवसागर से॥3॥
सतगुरु सम नहिं हित जग कोई हो,
‘रामदास’ गहो शरणाई हो रामा, भवसागर से॥4॥
सतगुरु शिष्य को सुधारै हो रामा रामेश्वरदास भजन / Satguru Shishya Ko Sudhaarai Rameshwardas Bhajan
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