साधो, ऐसिइ आयु सिरानी ललित किशोरी भजन

 Sadho, Aisi Ai U Sirani LalitKishori Bhajan

साधो, ऐसिइ आयु सिरानी ।
लगत न लाज लजावत संतन, करतहिं दंभ छदंभ बिहानी॥१॥

माला हाथ ललित तुलसी गर, अँग-अँग भगवत छाप सुहानी।
बाहिर परम बिराग भजनरत, अंतस मति पर-जुबति नसानी॥२॥

सुखसों ग्यान-ध्यान बरनत बहु, कानन रति नित बिषय कहानी।
ललितकिसोरी कृपा करौ हरि, हरि संताप सुहृद, सुखदानी॥३॥


  बिंदु जी महाराज के भजन / पद / लिरिक्स Bindu Ji ke Bhajan /Pad /Lyrics 

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित