राम झरोखे बैठ के सब का मुजरा लेत भजन भजन / Ram Jharokhe Baith Ke Sab Ka Mujra Let Bhajan Bhajan

 

राम झरोखे बैठ के सब का मुजरा लेत ।
जैसी जाकी चाकरी वैसा वाको देत ॥
राम करे सो होय रे मनवा राम करे सो होये ॥

कोमल मन काहे को दुखाये काहे भरे तोरे नैना ।
जैसी जाकी करनी होगी वैसा पड़ेगा भरना ।
काहे धीरज खोये रे मनवा काहे धीरज खोये ॥

पतित पावन नाम है वाको रख मन में विश्वास ।
कर्म किये जा अपना रे बंदे छोड़ दे फल की आस ।
राह दिखाऊँ तोहे रे मनवा राह दिखाऊँ तोहे ॥

Laal Kavi ki Rachnaen pad

राम झरोखे बैठ के सब का मुजरा लेत भजन भजन / पद/ मिश्रित रचना आपको कैसी लगी ?

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