रैन जागी पिया संग सूरदास भजन / Rain Jaagi Piya Sang Surdas Bhajan

 

रैन जागी पिया संग रंग मीनी ॥ध्रु०॥
प्रफुल्लित मुख कंज नेन खजरीटमान मेन मिथुरी ।
रहे चुरन कच बदन ओप किनी ॥१॥
आतुर आलस जंभात पूलकीत अतिपान खाद मद ।
माते तन मुधीन रही सीथल भई बेनी ॥२॥
मांगते टरी मुक्तता हल अलक संग अरुची रही ऊरग ।
नसत फनी मानो कुंचकी तजी दिनी ॥३॥
बिकसत ज्यौं चंपकली भोर भये भवन चली लटपटात ।
प्रेम घटी गजगती गती लिन्हा ॥४॥
आरतीको करत नाश गिरिधर सुठी सुखकी रासी सूरदास ।
स्वामीनी गुन गने न जात चिन्ही ॥५॥


Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित