मुझसे अधम अधीन उबरे न जाएँगे बिन्दु जी भजन

 Mujhse Adham Adhin Ubre NaJayenge Bindu Ji Bhajan

मुझसे अधम अधीन उबरे न जाएँगे,
तो आप दीनबंधु पुकारे न जाएँगे।
जो बिक चुके हैं और ख़रीदा है आपने
अब वह गुलाम ग़ैर के द्वारे न जाएँगे।
पृथ्वी के भार आपने सौ बार उतारे,
क्या मेरे पाप भार उतारे न जाएँगे।
खामोश हूँगा मैं भी गर आप ये कह दो,
अब मुझसे पातकी कभी तारे न जाएँगे।
तब तक न चरण आपके संतोष पाएँगे,
दृग ‘बिन्दु’ में जब तक ये पखारे न जाएँगे। 

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित