मन में विचार करो, वै दिन के याद करो छोटेलाल दास भजन / Man Mein Vichar Chhotelal Das Bhajan
मन में विचार करो, वै दिन के याद करो।
जब आबि जैथौं जमदूत हो॥1॥
तनिको नैं बात करथौं, फँसरी लगाये जैथौं।
मुंगरी के देथौं तोरा मार हो॥2॥
मन केरो आशा भैया, मन माहिं रहि जैथौं।
अंत पछतैभे भरपूर हो॥3॥
घर-द्वार-परिवार, भूमि-धन छूटि जैथौं।
छूटि जैथौं जगत-पसार हो॥4॥
शमशान जाइ करि, देहिया जरैथौं लोगें।
लौटि ऐथौं देइ पँचकाठ हो॥5॥
मूरख-विद्वान होवे, राव-रंक-योगी होवे।
सब लोग जावे जग त्याग हो॥6॥
जब तक रहे, शुभ कर्म रत रहे।
नित करे पर-उपकार हो॥7॥
गुरु-सेव नित करे, साधु-संग प्रेम करे।
‘लाल दास’ करे नैं गुमान हो॥8॥
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