Kyon Ye Kehte Ho GhanshyamAate Nahin Bindu Ji Bhajan
क्यों ये कहते हो घनश्याम आते नहीं।
सच्चे दिल से उन्हें तुम बुलाते नहीं॥
क्यों ये कहते हो कुछ भोग खाते नहीं,
भीलनी भाव से तुम खिलाते नहीं॥
क्यों ये कहते हो गीता सुनाते नहीं।
पार्थ सी धारणा तुम दिखाते नहीं॥
क्यों ये कहते हो लज्जा बचाते नहीं।
द्रौपदी सी विनय तुम सुनाते नहीं॥
क्यों ये कहते हो नर मन बनाते नहीं।
प्रेम ‘बिन्दु’ के दृग से गिराते नहीं॥
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