कोण गती ब्रिजनाथ सूरदास भजन / भजन Kon Gati Brijnath Surdas Bhajan / Bhajan

 

कोण गती ब्रिजनाथ । अब मोरी कोण गती ब्रिजनाथ ॥ध्रु०॥
भजनबिमुख अरु स्मरत नही । फिरत विषया साथ ॥१॥
हूं पतीत अपराधी पूरन । आचरु कर्म विकार ॥२॥
काम क्रोध अरु लाभ । चित्रवत नाथ तुमही ॥३॥
विकार अब चरण सरण लपटाणो । राखीलो महाराज ॥४॥
सूरदास प्रभु पतीतपावन । सरनको ब्रीद संभार ॥५॥

Laal Kavi ki Rachnaen pad

कोण गती ब्रिजनाथ सूरदास भजन / पद/ मिश्रित रचना आपको कैसी लगी ?

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित