हरिजन बा मद के मतवारे धरनीदास भजन / Harijan Ba Mad Ke Matware Dharanidas Bhajan

 

हरिजन बा मद के मतवारे।
जो मद बिना काठि बिनु भाठी, बिनु अगिनिहि उदगारे।
वास अकास घराघर भीतर, बूंद झरै झलकारे।
चमकत चंद अनंद बढ़े जिव, सब्द सघन निरूवारें।
बिनु कर धरे बिना मुख चाखे, बिनहि पियाले ढारे।
ताखन स्यार सिंह को पौरूष, जुत्थ गजंद बिडारे।
कोटि उपाय करे जो कोई, अमल न होत उतारें
धरनी जो अलमस्त दिवाने, सोइ सिरताज हमारे। 

आदि अनादि मेरा सांई धरनीदास भजन / Aadi Anadi Mera Sain Dharnidas Bhajan

आदि अंत मेरा है राम धरनीदास भजन /Aadi Ant Mera Hai Ram Dharnidas Bhajan

कोऊ भयो मुंडिया संन्यासी कोऊ जोगी भयो धरनीदास भजन Kou Bhayo Mundiya Sannyasi Dharnidas Bhajan

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित