हरि मेरे जीवन प्राण अधार।
और आसरो नांही तुम बिन तीनूं लोक मंझार॥
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
आपबिना मोहि कछु न सुहावै निरख्यौ सब संसार।
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
मीरा कहैं मैं दासि रावरी दीज्यो मती बिसार॥
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
हिंदी कवि पर कविता, कहानी, ग़ज़ल - शायरी, गीत -लोकगीत, दोहे, भजन, हास्य - व्यंग्य और कुछ अन्य रचनाएं साहित्य के भंडार से
हरि मेरे जीवन प्राण अधार।
और आसरो नांही तुम बिन तीनूं लोक मंझार॥
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
आपबिना मोहि कछु न सुहावै निरख्यौ सब संसार।
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
मीरा कहैं मैं दासि रावरी दीज्यो मती बिसार॥
हरि मेरे जीवन प्राण अधार
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