हरि बोल मेरी रसना घड़ी-घड़ी बिन्दु जी भजन

 Hari Bol Meri Rasna Ghadi-GhadiBindu Ji Bhajan

हरि बोल मेरी रसना घड़ी-घड़ी।
व्यर्थ बीताती है क्यों जीवन मुख मन्दिर में पड़ी-पड़ी॥
नित्य निकाल गोविन्द नाम की श्वास-श्वास से लड़ी-लड़ी।
जाग उठे तेरी ध्वनि सुनकर इस काया की कड़ी-कड़ी।
बरसा दे प्रभु नाम, सुधा रस ‘बिन्दु’ से झड़ी-झड़ी॥ 

Comments

Popular Posts

Ahmed Faraz Ghazal / अहमद फ़राज़ ग़ज़लें

अल्लामा इक़बाल ग़ज़ल /Allama Iqbal Ghazal

Ameer Minai Ghazal / अमीर मीनाई ग़ज़लें

मंगलेश डबराल की लोकप्रिय कविताएं Popular Poems of Manglesh Dabral

Ye Naina Ye Kajal / ये नैना, ये काजल, ये ज़ुल्फ़ें, ये आँचल

Akbar Allahabadi Ghazal / अकबर इलाहाबादी ग़ज़लें

Sant Surdas ji Bhajan lyrics संत श्री सूरदास जी के भजन लिरिक्स

Adil Mansuri Ghazal / आदिल मंसूरी ग़ज़लें

बुन्देली गारी गीत लोकगीत लिरिक्स Bundeli Gali Geet Lokgeet Lyrics

Mira Bai Ke Pad Arth Vyakhya मीराबाई के पद अर्थ सहित