हमारी बार तुम निकले मनमोहन सनम झूठे बिन्दु जी भजन
Hamari Bar Tum NikleManmohan Sanam Jhuthe Bindu Ji Bhajan
हमारी बार तुम निकले मनमोहन सनम झूठे।
तो सरदारों के सुंदर काम सब कर देंगे हम झूठे॥
तो कदमों ने तुम्हारे तरु शिला केवट उधारे थे।
तो अब कलिकाल में करते हो क्यों साबित कदम झूठे।
पतित से पतितपावन का मिला क्या खूब जोड़ा है।
न तुम सच्चों में कम सच्चे न हम झूठों में कम झूठे।
पढ़ा है हमने ग्रंथों में कि तुम अधमों के प्रेमी हो।
बतादो ग्रन्थ झूठे हैं हम झूठे कि तुम झूठे।
जो करुनासिंधु कर दो ‘बिन्दु’, पर करुनाकर नज़र कुछ भी।
तो फिर झगड़ा ही मिट जाए न तुम झूठे न हम झूठे।
Comments
Post a Comment